शिवपुरी। एक युद्ध नशे के विरूद्ध विषय पर जिला स्तरीय कार्य शाला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर ब्रिजेन्द्र यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुन्द्रियाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नशा सभ्य समाज के लिए अभिशाप के समान है। हमें युवा पीढ़ी को इससे सचेत रखना है, इसके बारे में आमजन को जागरूक करना है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय विभाग, पुलिस, आबकारी सहित अन्य विभाग के आपसी सहयोग से जिले भर में जागरूकता शिविरों का आयोजन करें। इसके साथ ही जिला स्तर पर संचालित की जा रही मेडिकल दुकानों का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। प्रतिबंधित दवाएं एवं ऐसी दवाएं जिन्हें नशे के रूप में उपयोग में लिया जाता है, पाए जाने पर संबंधित मेडिकल के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाये।
अभी 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक नशा मुक्ति सप्ताह के रूप में आयोजित किया जाए। इस सप्ताह के दौरान आमजन को मादक पदार्थों के दुष्परिणामों की जानकारी दी जाए। जिससे वे इनके सेवन से बच सकें। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं समस्त विद्यालयों के प्राचार्यों को भी निर्देश दिए कि विद्यालयों के 100 मीटर की दूरी पर इस प्रकार की गुमठी अथवा स्टॉल न लगाए जाए, यदि किसी के द्वारा लगाई गई है तो हटाने की कार्यवाही करें।
इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके संबंध में सभी शासकीय अथवा अशासकीय विद्यालयों में प्रहरी क्लब भी स्थापित किए जाए। इस क्लब में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाए, जो स्कूल स्तर पर नशीले उत्पादों के हानिकारक प्रभाव के संबंध में जागरूकता पैदा करेंगे एवं औचक चेकिंग के माध्यम से परिसर के आस पास अवैध गतिविधियों के संबंध में स्कूल प्रबंधन समिति अथवा प्राचार्य को सूचित करेंगे।
शैक्षिक परिसर में सीसीटीवी कैमरे का प्रयोग एवं उनका पुलिस, बाल कल्याण अधिकारी, प्राचार्य आदि के द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाए। इस मौके पर के विरूद्ध अभियान अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। जिसमें कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर कर नशा न करने एवं लोगों को जागरूक करने की शपथ ली।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नशा सभ्य समाज के लिए अभिशाप के समान है। हमें युवा पीढ़ी को इससे सचेत रखना है, इसके बारे में आमजन को जागरूक करना है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय विभाग, पुलिस, आबकारी सहित अन्य विभाग के आपसी सहयोग से जिले भर में जागरूकता शिविरों का आयोजन करें। इसके साथ ही जिला स्तर पर संचालित की जा रही मेडिकल दुकानों का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। प्रतिबंधित दवाएं एवं ऐसी दवाएं जिन्हें नशे के रूप में उपयोग में लिया जाता है, पाए जाने पर संबंधित मेडिकल के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाये।
अभी 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक नशा मुक्ति सप्ताह के रूप में आयोजित किया जाए। इस सप्ताह के दौरान आमजन को मादक पदार्थों के दुष्परिणामों की जानकारी दी जाए। जिससे वे इनके सेवन से बच सकें। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं समस्त विद्यालयों के प्राचार्यों को भी निर्देश दिए कि विद्यालयों के 100 मीटर की दूरी पर इस प्रकार की गुमठी अथवा स्टॉल न लगाए जाए, यदि किसी के द्वारा लगाई गई है तो हटाने की कार्यवाही करें।
इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके संबंध में सभी शासकीय अथवा अशासकीय विद्यालयों में प्रहरी क्लब भी स्थापित किए जाए। इस क्लब में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाए, जो स्कूल स्तर पर नशीले उत्पादों के हानिकारक प्रभाव के संबंध में जागरूकता पैदा करेंगे एवं औचक चेकिंग के माध्यम से परिसर के आस पास अवैध गतिविधियों के संबंध में स्कूल प्रबंधन समिति अथवा प्राचार्य को सूचित करेंगे।
शैक्षिक परिसर में सीसीटीवी कैमरे का प्रयोग एवं उनका पुलिस, बाल कल्याण अधिकारी, प्राचार्य आदि के द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाए। इस मौके पर के विरूद्ध अभियान अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। जिसमें कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर कर नशा न करने एवं लोगों को जागरूक करने की शपथ ली।