शिवपुरी। बिजली कंपनी शिवपुरी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी को सोमवार शाम को देहात थाना क्षेत्र के घसारही घाटी के पास एक खेत में लगी बिजली के ट्रांसफार्मर से जोरदार करंट लग गया। जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रामीण आउटसोर्स कर्मचारी को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे थे, जहां डॉक्टर से आउटसोर्स कर्मचारी को को मृत घोसित कर दिया। शाम बजे से रात 10 बजे तक बिजली कर्मचारी मेडिकल नहीं पहुंचे जिससे भड़के परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया रात 10 बजे तक शव को पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंचाया गया है।
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी-झांसी लिंक रोड पर स्थित ग्राम कोटा-भगोरा में रहने वाले 45 वर्षीय बलराम पुत्र पंजाब बाथम बिजली कंपनी में आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में पदस्थ था। आज सोमवार की शाम 4 बजे बलराम घसारही घाटी के पास एक खेत में लगी सरकारी डीपी में काम करने के लिए गया था। इसी दौरान किसी ने बिजली की सप्लाई चालू कर दी। इसके चलते बलराम को बिजली का झटका लगा, जिससे उसकी मौत हो गई। बलराम को तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, और पीछे से बलराम के बेटे अंकित व राहुल एवं भाई दीपू भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। जहां डॉक्टर ने बलराम को मृत घोषित कर दिया।
बिजली कंपनी के अधिकारियों को बुलाने की बात पर अड़े परिजन
बलराम की मौत के बाद जब बिजली कंपनी के कर्मचारी मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचे इससे नाराज परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। शव रात 10 बजे तक मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में रखा हुआ है। मृतक के बेटे व भाई का आरोप है कि उक्त डीपी पर काम करने के लिए जेई आलोक सेन ने भेजा था, लेकिन जब मौत हो गई तो बिजली कंपनी का कोई भी अधिकारी न तो मौके पर पहुंचा और न ही मेडिकल कॉलेज में आया।
अब शव को बिजली कंपनी के अधिकारियों के आने के बाद ही पीएम के लिए शव ले जाने दिया जाएगा। इस मामले में बिजली कंपनी महाप्रबंधक संदीप कालरा का कहना है कि बलराम जिस बिजली के कार्य को करने गया था उस कार्य के लिए जेई ने उसे करने को नहीं बोला था। वह अपने स्तर पर ही काम करने गया हुआ था। परिजनों का आरोप निराधार हैं।