SHIVPURI NEWS- डॉ खरे पर पैसा लेकर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने का मामला सिद्ध, अटेंडर में चाटे मारने का वीडियो वायरल

Bhopal Samachar
शिवपुरी। करैरा अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर देवेन्द्र खरे ने रिश्वत लेकर फर्जी MLC कर दी,जिससे एक निर्दोष को जेल जाने की नौबत आ गई। डॉ.खरे द्वारा जो एमएलसी बनाई गई, वो आरोपी पक्ष को बचाने तथा फरियादी पक्ष को आरोपी बनाने की नीयत से बनाई गई थी,लेकिन जांच में ग्वालियर में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।

वही बीते रोज एक मामले में डॉ खरे का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह मरीज के अटेंडर को पीटते नजर आ रहे है। कुल मिलाकर करैरा में डॉ देवेन्द्र खरे का जूता पूज रहा है। पैसा लेकर झूठी एमएलसी बना देते है इलाज कराने की कहो तो मरीज के अटेंडर की मारपीट कर देते है।

पहले समझे इस मामले को

करैरा कस्बे के कुरियाना मोहल्ला में रहने वाले मूलचंद शाक्य के बेटे की शादी में डीजे पर परिवार की युवतियों के साथ आमीन खान नाचने लगा। जिसका विरोध रितिक व अमित शाक्य ने किया, तो आमीन वे उसके भाई आफताब ने गालियां दीं और विवाद बढ़ गया। कुछ ही देर में आमीन व आफताब के चार-पांच अन्य साथी आ गए तथा उन्होंने रितिक, रोहित, अमित, जितेंद्र व वर्षा की लात-घूंसों से जमकर मारपीट कर दी। शाक्य परिवार ने घटना की रिपोर्ट करैरा थाने में दर्ज करा दी थी, जिसमें आरोपियों के विरुद्ध मारपीट सहित हरिजन एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

क्रॉस केस के लिए रचा षडयंत्र

शाक्य परिवार ने कलेक्टर को दिए आवेदन में बताया कि करैरा अस्पताल में पदस्थ डॉ. देवेंद्र खरे ने आमीन खान के सिर में फैक्चर बताते हुए गलत मेडिकल रिपोर्ट बनाकर दे दी। जिसके आधार पर पुलिस ने हमारे परिवार पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। शाक्य परिवार ने कलेक्टर को बताया कि यदि मेडिकल की रिपोर्ट सच होती तो रात में 2 बजे जिसके सिर में फैक्चर होना बताया, वो अगले दिन सुबह बाजार में अपनी दुकान पर बैठा नहीं मिलता। दुकानदारी करने का वीडियो भी फरियादी के पास है।

5 लाख मांगने की सीएम हेल्पलाइन में है शिकायत

शाक्य परिवार ने करैरा के जिस डॉक्टर देवेंद्र खरे पर पैसा लेकर झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है, उस डॉक्टर के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में भी 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने की शिकायत की गई है, जो अभी तक पेंडिंग है। इस मामले मेंं कलेक्टर शिवपुरी ने जांच के आदेश सीएमएचओ को दिए थे,लेकिन सीएमएचओ ने इस मामले को लटकाए रखा।

अब क्या हुआ ग्वालियर में हुआ दूध का दूध पानी का पानी

पुलिस ने ग्वालियर में मेडिकल की एक्सपर्ट टीम से जांच कराई तो उसमें स्पष्ट हो गया है कि सिर की हड्डी में कोई फैक्चर नहीं है, तो अब लगाई गई धारा हटा दी जाएगी तथा निर्दोष लोग जेल जाने से बच जाएंगे। अब एमएलजी रिपोर्ट पर दर्ज की गई धारा 326 हटा देंगे, तथा पीडित पक्ष अब जेल जाने से बच जाएंगे, अन्यथा उन्हें जेल जाना पड़ता।

इधर डॉक्टर खरे का मरीजो को पीटते खीचते वीडियो वायरल

करैरा अस्पताल में पदस्थ डॉ देवेन्द्र खरे का एक मरीज और उसके अंटेडर को अस्पताल में पीटते और बाहर खदेड़ ते हुए वीडियो भी वायरल हुआ है। करैरा कस्बे के दूरभाष केंद्र के पास रहने वाले वृंदावन लाल शर्मा ने बताया कि रविवार की रात मेरे बेटे विनय शर्मा की तबीयत अचानक से खराब हो गई थी। मैं रात के समय अपने बेटे को लेकर करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचा था जहां ड्यूटी डॉक्टर अपने कक्ष में मौजूद नहीं था।

वार्ड बॉय से कहकर ड्यूटी डॉक्टर को बुलाया था जब वह नहीं आए तो मेरे द्वारा जिस कमरे में डॉक्टर सो रहे थे। वहां जाकर बाहर से आवाज लगाकर बुलाया गया तो इस बात से डॉक्टर देवेंद्र खरे झल्ला गए और मुझे गालियां देते हुए अपने कमरे से बाहर निकले और बेटे के उपचार के एवज में पैसों की मांग करने लगे।

जब मैंने कहा कि मेरे बेटे को पेट में असहनीय पीड़ा हो रही है कृपया आप मेरे बेटे को देख लीजिए, तो डॉक्टर के द्वारा बिना पर्चा लिखे ही दो इंजेक्शन लगा दिए। इसके बाद मेरे बेटे की तबीयत और भी बिगड़ गई जब मैंने डॉक्टर को इंजेक्शन लगाने के बाद और भी तबीयत बिगड़ने की बात कही तो डॉक्टर देवेंद्र खरे द्वारा बेहतर उपचार के लिए दस हजार की मांग की गई।

जब पैसे नहीं दिए तो मुझे व मेरे बेटे में थप्पड़ों की बौछार करते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया। इसके बाद में मेरे बेटे को रविवार की रात में ही झांसी उपचार के लिए ले गया उसके बाद शिवपुरी एसपी आफिस में जाकर शिकायत दर्ज कराई

शिकायत के बाद डॉक्टर भी पहुंच गए थाने

करैरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर देवेंद्र खरे के द्वारा भी एक शिकायत करैरा थाने में दर्ज कराई है। डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया कि रात्रि करीब 12:00 बजे वृंदावन शर्मा विनय शर्मा नाम के मरीज को लेकर अस्पताल में पहुंचे थे। इस दौरान मरीज का उपचार किया जा रहा था। लेकिन इनके द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया और मरीज का ठीक से उपचार न करने के आरोप लगाते हुए अस्पताल में उपद्रव किया गया। साथ ही सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया गया एवं मेरे साथ धक्का मुक्की भी की गई।