SHIVPURI NEWS- DPC अशोक त्रिपाठी का ट्रांसफर उज्जैन, विवादो में उलझी रही है शिवपुरी डीपीसी की कुर्सी, पढ़िए पूरी कहानी

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी डीपीसी अशोक त्रिपाठी का ट्रांसफर उज्जैन किया गया है। शिवपुरी में डीपीसी और बीआरसी सी के बीच हुए विवाद के बाद डीपीसी लंबे अवकाश पर चले गए थे, इसके बाद डीपीसी अशोक त्रिपाठी शिवपुरी लौटकर नहीं आए लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग से डीपीसी के ट्रांसफर की खबर आ गई। अब वह उज्जैन डीपीसी के रूप में अपना पदभार ग्रहण करेंगे।

उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को दोपहर करीब दो बजे जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी अशोक त्रिपाठी और शिवपुरी बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के बीच पहले तो जमकर गाली गलौज हुई और इसके बाद दोनों के बीच जमकर मारपीट भी तो कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई और इसके बाद पूरा मामला कलेक्टर तक पहुंच गया। कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच शिवपुरी एसडीएम अनूप श्रीवास्तव को सौंपी।

एसडीएम ने इस मामले में डीपीसी कार्यालय के स्टाफ व बीआरसीसी के बयान भी दर्ज किए, परंतु घटना के बाद से लंबी छुट्टी चले गए डीपीसी अशोक त्रिपाठी वापिस लौट कर शिवपुरी नहीं आए। इस कारण जांच अधर में लटक गई। इसी क्रम में 31 अगस्त को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अशोक त्रिपाठी को उज्जैन डीपीसी बनाया गया है। 

दो दशक से विवादों में रहा है डीपीसी का पद

सर्व शिक्षा अभियान के अस्तित्व में आने के बाद से अमल में आए जिला परियोजना समन्वयक का पद शिवपुरी में पिछले दो दशक से विवादों में ही रहा है। भ्रष्टाचार या अन्य अनियमितता की शिकायत के चलते निलंबन और तवादले जैसी कार्रवाई झेलनी पड़ी हैं। दशक भर पूर्व गबन के आरोपों के चलते तत्कालीन डीपीसी नन्हे सिंह चौहान को इस पद से विदा होना पड़ा था।

उनके बाद आए डीपीसी सुधाकर पाराशर का नाम शिक्षा घर घोटाले में उछला और उन्हें निलंबित हो गए। यहां पदस्थ रहे डीपीसी अनिल सिंह कुशवाह पर जिला पंचायत की भरी बैठक में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर स्याही भी फेंकी गई थी. बाद में वह शिवपुरी से रवानगी डाल गए।

सबसे लंबी पारी खेलने वाले डीपीसी शिरोमणि दुबे का छह साल का कार्यकाल भी विवादों से अछूता नहीं रहा। यहां रहते हुए मंत्री के स्वागत में खड़ी छात्रा के बेहोश कांड में उन्हें निलंबन झेलना पड़ा था। इसके बाद उनका भोपाल तबादला भी हो गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद वह पुनः शिवपुरी पदस्थ कर दिए गए। बाद में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। उनके पास इस पद पर प्रभारी अधिकारी ही काबिज रहे। इसके बाद 1 जनवरी को शिवपुरी में अशोक त्रिपाठी को पदस्थ किया गया और कुछ माह में वह भी विवादों में आ गए और रवानगी डालनी पड़ी।

यहां बताना होगा कि शिवपुरी डीपीसी अशोक त्रिपाठी के लंबी छुट्टी जाने के कारण कलेक्टर ने डीपीसी का पदभार उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य विवेक श्रीवास्तव को सौंप दिया है। आज जारी हुए आदेश में शिवपुरी डीपीसी को तो उज्जैन भेज दिया गया है, परंतु उनके स्थान पर कोई अन्य पदस्थापना शिवपुरी में नहीं की गई है। ऐसे में फिलहाल शिवपुरी में फिलहाल प्रभारी डीपीसी ही पदभार संभालेंगे, जब तक कि कोई नई पदस्थापना यहां नहीं हो जाती।