SHIVPURI NEWS - करैरा की जनता ने 30 साल से किसी भी उम्मीदवार को दूसरी बार विधायक नही बनाया है, भाजपा की हार की हैट्रिक

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिले की करैरा विधानसभा और पिछोर विधानसभा में भाजपा ने अपने टिकट क्लियर कर चुकी है। पिछोर विधानसभा में भाजपा ने जहां प्रीतम लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया है,वही करैरा में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रमेश प्रसाद खटीक को अपना प्रत्याशी बनाया है। रमेश खटीक करैरा विधानसभा से दो बार चुनाव लड चुके है। जिसमे एक बार वह विजयी हुए है और दूसरी बार वहां भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़े थे जिसमे उनके वोट की संख्या 10 हजार से भी कम थी।

करैरा विधानसभा के आंकड़े यह बोलते है 

1952 में हिन्दू महासभा के भगवान दास,1957 में कांग्रेस के गौतम शर्मा जीते, 1962 में कांग्रेस के गौतम शर्मा जीते, 1967 में भारतीय जनसंघ की विजयाराजे, 1972 में भारतीय जनसंघ के हरदास जीते, 1977 में जनता पार्टी की सुषमा सिंह जीती, 1980 में कांग्रेस के हनुमंत सिंह जीते, 1985 में कांग्रेस के हनुमंत सिंह जीते, 1990 में BJP के भगवत सिंह यादव जीते।
• 1993 में कांग्रेस की किरण सिंह रावत जीती,1998 में BJP के रणवीर सिंह जीते,2003 में BSP के लाखन सिंह बघेल जीते,2008 में BJP के रमेश प्रसाद खटीक जीते,2013 में कांग्रेस की शकुंतला खटीक जीती,2018 में कांग्रेस के जसवंत जाटव जीते और 2020 उपचुनाव में कांग्रेस के प्रागीलाल जाटव विजयी हुए थे।
अभी तक करैरा विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 1952 से 8 बार कांग्रेस, 6 बार भारतीय जनता पार्टी,01 बार बहुजन समाज पार्टी और 01 बार हिन्दू महासभा यहा विजयी हइ है।

वही करैरा की जनता ने 1952 के चुनाव से कांग्रेस के गौतम शर्मा और दाऊ हनुमंत सिंह को पुन:विधायक बनने का मौका दिया है। इसके अतिरिक्त किसी भी नेता को पुन:विधायक नही बनाया है। 1990 के दाऊ हनुमंत सिंह के बाद कोई प्रत्याशी पुन:जीत हासिल नही किया है।

करैरा विधानसभा के जातिगत समीकरण

करैरा विधानसभा में जातिगत समीकरण की बात की जाए, तो यहां जाटव 45 हजार, रावत 25 हजार, पाल 25 हजार, लोधी 23 हजार, कुशवाह 17 हजार, यादव 15 हजार, ब्राह्मण 12 हजार, वैश्य 10 हजार, ST 10 हजार, क्षत्रिय 8 हजार, मुस्लिम 8 हजार और गुर्जर 8 हजार हैं.

विधानसभा की खासियत

करेरा की विधानसभा है, जो शिवपुरी जिले की ग्रामीण क्षेत्र से आती है। जाटव, रावत, पाल और लोधी बाहुल्य इस सीट पर BJP कांग्रेस के साथ ही BSP का बड़ा वोट शेयर है। करैरा विधानसभा सीट पर 1990 के बाद से सिटिंग MLA कभी भी रिपीट नहीं हुआ है। यानी की हर बार के चुनाव उपचुनाव में यहां की जनता ने विधायक को बदला है। इस विधानसभा क्षेत्र में लोगों का मूल पेशा कृषि के साथ ही पशुपालन और स्थानीय व्यापार है.

करैरा विधानसभा में मतदाता

करैरा विधानसभा में कुल मतदाता 2 लाख 54 हजार 283 मतदाता हैं. पुरुष 1 लाख 36 हजार 144, महिला 1 लाख 18 हजार 136 और थर्ड जेंडर 3 है.

करैरा विधानसभा कब अस्तित्व में आई

यह निर्वाचन क्षेत्र 1951 में तत्कालीन मध्य भारत राज्य के 79 विधानसभा क्षेत्रों में से एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आया था. मध्यप्रदेश के गठन के बाद भी यह करैरा विधानसभा के रूप में ही जानी जाती है।

2008 के चुनाव में बीजेपी के रमेश प्रसाद खटीक 35846 वोटों के साथ पहले स्थान पर थे, तो वहीं बसपा के प्रगति लाल जाटव 23030 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। वही दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ने अपना दूसरा चूनाव बागी होकर सपाक्स से लड़ा था जिसमें रमेश प्रसाद खटीक को 10 हजार वोट भी नही मिले थे।