SHIVPURI NEWS - दिव्यगंता परीक्षण, 26 शिक्षकों में से जांच कराने पहुंचे 23 शिक्षक, इनमे से भी एक गायब हुआ

Bhopal Samachar
शिवपुरी। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने के मामले उजागर होने व जिले में सात शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद दिव्यांगता की विभिन्न कैटेगरी के 64 शिक्षकों का तमाम असमंजस के बाद 7 जुलाई को जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने परीक्षण किया, लेकिन तत्समय समय में 64 में से 18 शिक्षक परीक्षण कराने नहीं पहुंचे। जो 46 शिक्षक परीक्षण के लिए उपस्थित हुए थे, उनमें से भी मेडिकल बोर्ड ने 26 को संदिग्ध मानते हुए परीक्षण के लिए हायर सेंटर रेफर किया था।

हायर सेंटर ने भी नियमों का हवाला देते हुए 23 शिक्षकों के परीक्षण से इंकार कर दिया और इन्हें वापिस जिला अस्पताल भेज दिया। लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को इन 23 शिक्षकों को परीक्षण के लिए जिला अस्पताल में बुलाया गया। इन 23 शिक्षकों में से सिर्फ 22 शिक्षक ही परीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। एक शिक्षक इनमें से भी गायब हो गया।

शिक्षा विभाग ने आज दिव्यांग शिक्षकों का जो मेडिकल जिला उक्त परीक्षण में नई परीक्षण भर्ती करवाया था। शिक्षा अधिकारी के अनुसार वाले दस शिक्षकों को भी परीक्षण के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया था। इन शिक्षकों में से भी आठ शिक्षक परीक्षण के दौरान नदारद रहे।

सूत्र बताते हैं कि जो शिक्षक आज परीक्षण के लिए पहुंचे थे, उनमें से दो शिक्षकों को एक बार फिर रेफर किया गया है। एक शिक्षक के 40 फीसदी दिव्यांगता के प्रमाण पत्र को जस का तस रखा गया है। शेष शिक्षकों की दिव्यांगता की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत की जाएगी।

कान की दिव्यांगता वालों का परीक्षण शेष

जिला शिक्षा अधिकारी राठौड़ के अनुसार कान की दिव्यांगता वाले जिल तीन शिक्षकों को बैरा टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। उक्त शिक्षकों को अभी तक आपरेटर आदि उपलब्ध न होने के चलते अभी तक परीक्षण हेतु तारीख उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में अभी उक्त तीन शिक्षकों का परीक्षण होना अभी शेष है।

जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ का कहना है कि जो शिक्षक आज भी परीक्षण के दौरान गैरहाजिर रहे शिक्षकों का बर्खास्तगी का प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। इसके अलावा नई भर्ती के जो शिक्षक परीक्षण के दौरान गैर हाजिर रहे हैं, उनकी नियुक्ति भी निरस्त कर दी जाएगी। वह उक्त नियुक्ति को जिला स्तर से ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत न कर पाने के क्रम में निरस्त कर देंगे। यानी कि जो नई भर्ती हुई है, उसमें भी फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं।

किस दिव्यांगता के कितने परीक्षण

अस्थिबाधित दिव्यांगता 15, दृष्टिबाधित दिव्यांगता 08, मल्टीपल डिस्अर्डर 01 शिक्षक का परीक्षण किया गया।