शिवपुरी। करैरा के कांग्रेस विधायक प्रागीलाल जाटव की उनके विरोधी बार बार ऐसा कुछ निकाल कर ला रहे है जिससे प्रागीलाल जाटव का टिकट पर तलवार लटक जाए,करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव पर आरोप है कि उन्होंने अपने चुनावी नामांकन मे जेल जाने की जानकारी चुनाव आयोग से शेयर नही की । इससे पूर्व दूसरी पत्नी की जानकारी छिपाने की वजह से प्रागी लाल जाटव के खिलाफ हाईकोर्ट मे पहले से ही प्रकरण विचाराधीन चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक करैरा सीट से कांग्रेस विधायक प्रागी लाल जाटव के संबंध में करैरा कोर्ट और करैरा थाने से जेल जाने संबंधी जानकारी निकलवाई है। पहले पत्नी गुड्डी जाटव ने करैरा थाने में 3 अप्रैल 1994 को अपराध क्रमांक 61/1994 धारा 498 ए आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया था। कोर्ट ने प्रागी लाल जाटव सहित अन्य को जेल भेजा था। उस वक्त करैरा में जेल नहीं होने की वजह से शिवपुरी भेजा गया था। शिवपुरी जेल में कुछ दिन रहे और फिर जमानत पर छूटे थे।
उपचुनाव और इससे पहले आम चुनावों में नामांकन दाखिल करने के दौरान प्रागी लाल जाटव द्वारा दहेज एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण व जेल जाने संबंधी जानकारी का उल्लेख नहीं किया था। ऐसे में चुनाव आयोग में शिकायत पहुंचती है तो हलफनामे में जानकारी छिपाने की वजह से चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लग सकती है। जबकि हाईकोर्ट ग्वालियर में नवनीत सिंह की तरफ से दो पत्नियों की जानकारी दायर हलफनामे में छिपाने की वजह से याचिका दायर की है। प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
बसपा छोड़कर कांग्रेस के टिकट से उप चुनाव जीतकर विधायक चुने गए प्रागी लाल जाटव पर पार्टी फिर से दाव खेल सकती है। टिकट मिलने की उम्मीदों के बीच कोर्ट में याचिका दायर होने और अब अपनी जेल जानी वाली बात हलफनामे में छिपाने की वजह से प्रागी लाल के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है। हाईकोर्ट अथवा चुनाव आयोग एक्शन लेता है तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में कांग्रेस को भी करैरा सीट से दूसरा विकल्प तलाशना पड़ सकता है।
एक दिन के लिए जेल जाना था, लेकिन छुट्टी की वजह से 5-6 दिन रहना पड़ा
पहली पत्नी के बच्चे नहीं हो रहे थे तो परिवार वालों ने दूसरी शादी करवाई थी। जब केस दर्ज हुआ था, तब मेरी उम्र 14-15 साल थी। दहेज एक्ट में एक दिन के लिए जेल जाना था, लेकिन छुट्टी पड़ने की वजह से 5-6 दिन रहना पड़ा था। हालांकि जमानत पर छूट आए थे और राजीनामा होने से केस भी खत्म हो चुका है। विरोधियों को कुछ नहीं मिलता, पुराने केस निकालकर इस तरह का काम करते रहते हैं। -प्रागीलाल जाटव, कांग्रेस विधायक, विधानसभा क्षेत्र करैरा
जानकारी के मुताबिक करैरा सीट से कांग्रेस विधायक प्रागी लाल जाटव के संबंध में करैरा कोर्ट और करैरा थाने से जेल जाने संबंधी जानकारी निकलवाई है। पहले पत्नी गुड्डी जाटव ने करैरा थाने में 3 अप्रैल 1994 को अपराध क्रमांक 61/1994 धारा 498 ए आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया था। कोर्ट ने प्रागी लाल जाटव सहित अन्य को जेल भेजा था। उस वक्त करैरा में जेल नहीं होने की वजह से शिवपुरी भेजा गया था। शिवपुरी जेल में कुछ दिन रहे और फिर जमानत पर छूटे थे।
उपचुनाव और इससे पहले आम चुनावों में नामांकन दाखिल करने के दौरान प्रागी लाल जाटव द्वारा दहेज एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण व जेल जाने संबंधी जानकारी का उल्लेख नहीं किया था। ऐसे में चुनाव आयोग में शिकायत पहुंचती है तो हलफनामे में जानकारी छिपाने की वजह से चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लग सकती है। जबकि हाईकोर्ट ग्वालियर में नवनीत सिंह की तरफ से दो पत्नियों की जानकारी दायर हलफनामे में छिपाने की वजह से याचिका दायर की है। प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
बसपा छोड़कर कांग्रेस के टिकट से उप चुनाव जीतकर विधायक चुने गए प्रागी लाल जाटव पर पार्टी फिर से दाव खेल सकती है। टिकट मिलने की उम्मीदों के बीच कोर्ट में याचिका दायर होने और अब अपनी जेल जानी वाली बात हलफनामे में छिपाने की वजह से प्रागी लाल के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है। हाईकोर्ट अथवा चुनाव आयोग एक्शन लेता है तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में कांग्रेस को भी करैरा सीट से दूसरा विकल्प तलाशना पड़ सकता है।
एक दिन के लिए जेल जाना था, लेकिन छुट्टी की वजह से 5-6 दिन रहना पड़ा
पहली पत्नी के बच्चे नहीं हो रहे थे तो परिवार वालों ने दूसरी शादी करवाई थी। जब केस दर्ज हुआ था, तब मेरी उम्र 14-15 साल थी। दहेज एक्ट में एक दिन के लिए जेल जाना था, लेकिन छुट्टी पड़ने की वजह से 5-6 दिन रहना पड़ा था। हालांकि जमानत पर छूट आए थे और राजीनामा होने से केस भी खत्म हो चुका है। विरोधियों को कुछ नहीं मिलता, पुराने केस निकालकर इस तरह का काम करते रहते हैं। -प्रागीलाल जाटव, कांग्रेस विधायक, विधानसभा क्षेत्र करैरा