SHIVPURI NEWS- करैरा के प्रचीन गणेश 12 साल मे कर देते है अपने चोले का त्याग-परमार राजंवश ने कराया था निर्माण

Bhopal Samachar
करैरा। शिवपुरी जिले में वर्तमान समय में गणेश उत्सव की धूम है,शिवपुरी जिले मे गणेश जी के कई प्राचीन मंदिर है लेकिन जिले का सबसे चमत्कारी मंदिर है करैरा के प्राचीन गणेश मंदिर। इस मंदिर में आसान लगाकर बैठे गणेशजी महाराज प्रत्येक 12 साल में चोले का त्याग कर देते है। सन 2021 में गणेश जी ने चोला छोडा था उससे पहले सन 2009 में अपने चोले का त्याग किया था।

करैरा के पुराने करैरा क्षेत्र में मउअर नदी के किनारे प्राचीन गणेश मंदिर का निर्माण के विषय में रामकुमार दास महाराज ने बताया कि जब परमार राजवंश के राजा पुण्यपाल परमार करैरा के किले का निर्माण 1618 ईसवी में कराया था उसी समय करैरा के तीन मंदिर क्रमंश प्राचीन गणेश मंदिर,झावरी वाली माता और किले के अंदर शिव मंदिर का निर्माण कराया था। यह भी बताया जाता है कि करैरा के ऐताहासिक दुर्ग के निर्माण की आधार शिला रखने से पूर्व ही इस मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया गया था।

भगवान जगन्नाथ की तरह चमत्कार है इस मंदिर पर

मंदिर के पुजारी अरविंद तिवारी पिंटू महाराज ने बताया कि देश का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में प्रत्येक 12 साल में नवकलेबारा होती है। ऐसे ही करैरा के प्राचीन गणेश मंदिर मंदिर की विराजमान गणेश जी की प्रतिमा 12 साल मे चोला छोडती है। इसके इस चोले को गंगा जी में विसर्जित कर विधिविधान से पुन:चोला चढाया जाता है। चोला छोडने की प्रक्रिया प्रत्येक 12 साल में स्वत:ही होती है ऐसा जब से ही चला आ रहा है जब से इस मंदिर का निर्माण किया गया है।

5 बुधवार का सकल्प लेते है भक्त:फिर गणेश जी कराते है काम

मंदिर के पुजारी ने बाताया कि वैसे तो यह प्राचीन गणेश मंदिर करैरा के सिद्ध स्थलो में से एक है। मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा 4 फुट की है और बैठी हुई मुद्रा में है। यह प्रतिमा बडी ही मनोहारी है इन पर से आंखे हटाने का मन नही होता है। इस मंदिर में 5 बुधवार लगातार आकर जो भकत् गणेश जी को दूर्वा अर्पण करता है उसके बाद उसका काम गणेशजी कराते है। कुल मिलाककर मनोकामना पूर्ण मंदिर है यह। यह बुधवार को सबसे अधिक भीड रहती है।

अष्टधातु की प्रतिमा है यह

स्थानीय निवासी जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि प्राचीन गणेश मंदिर की प्रतिमा अष्टधातु की बनी है आम तौर पर भगवान श्री गणेश की मुर्तिया पाषाण की होती है। बडी ही चमात्कारी मुर्ति है यह। इस मंदिर में शीतला माता का मंदिर और शिवपरिवार स्थापित है। अब मंदिर मे जनसहयोग से नवनिर्माण कराया जा रहा है। इस समय गणेशात्सव की धूम है यह सैंकडो भक्त दर्शन करने आते है।