शिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा की राजनीतिक तस्वीर पिछले 24 घंटे में बदल गई है। अभी तक शिवपुरी विधानसभा से यशोधरा राजे सिंधिया का टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा था लेकिन राजे की सीट छोड़ने के बाद भाजपा से कई चेहरे सामने आ गए। हालांकि यह सभी चेहरे पूर्व से ही अपनी दावेदारी जता रहे थे। लेकिन राजे के बाद पार्टी ब्राह्मण ट्रंप कार्ड खेल सकती है जिससे जिले की पांच विधानसभा में पार्टी का फायदा मिल सकता है।
मप्र के सन 2018 के आम विधानसभा के चुनाव में शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा से भाजपा ने किसी भी ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था। इस कारण ब्राह्मण समाज की नाराजगी देखी जा रही है,नाराजगी इस बार और अधिक प्रबल इसलिए भी हो गई है कि ब्राह्मण विरोधी बयान देने के कारण भाजपा से सस्पेंड किए गए नेता प्रीतम सिंह लोधी को भाजपा ने पुन बहाल करते हुए भाजपा से पिछोर से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
अब बात शिवपुरी विधानसभा की करते है। सबसे पहले बात करते है सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास की,रामजी व्यास प्रदेश सर्व ब्राह्मण समाज के संयोजक है साथ में शिवपुरी नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति है। प्रदेश के कई बड़े नेताओं के साथ रामजी व्यास के संबंध है,राम जी व्यास नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में अपनी राजनीति का लोहा भी बनवा चुके है और नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष के विवाद को लेकर ही वह आज शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण समाज के लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे है।
रामजी व्यास रिटायर्ड सरकारी अफसर है-काम करने की समझ है साथ में नगर पालिका में जो तर्क वह विकास के लेकर रखते है उससे सब उनके मुरीद है कहने का सीध अर्थ है कि विकास को लेकर उनके पर अपना एक प्लान है। विकास के कामों में क्या अड़चन है यह कैसे दूर होगा उसका हल रामजी व्यास के पास होता है। शिवपुरी में नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद रामजी व्यास की पत्नी सरोज रामजी व्यास को उपाध्यक्ष बनाया गया।
पार्टी हित के लिए त्याग किया और उपाध्यक्ष के पद पर संतोष किया। उसके बाद 2 मामलों को लेकर एफआईआर उसके बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष के रूप में सरोज रामजी व्यास की जो लगातार उपेक्षा की गई इससे ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है वही जिले की भाजपा में रामजी व्यास वह इकलौते चेहरे जो मुसलमान समाज में लोकप्रिय है ताजियों के समय मुसलमान समाज रामजी व्यास को पगडी बांधता है। कुल मिलाकर भाजपा का एक सैकुलर चेहरा है रामजी व्यास।
रामजी व्यास को भाजपा अगर शिवपुरी से अपना प्रत्याशी बनाती है तो सीधे सीधे ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर होगी और मुसलमान वोटर भी भाजपा के पक्ष में अपना मतदान कर सकता है। भाजपा के इस निर्णय से जिले की पांच विधानसभा सीट से भाजपा को लाभ होगा,जिसमें पिछोर और पोहरी विधानसभा में सीधा सीधा लाभ मिलना तय है।
भाजपा से दूसरा नाम धैर्यवर्धन शर्मा का आता है,अब वह खुलकर शिवपुरी विधानसभा से अपनी दावेदारी जता रहे है। धैर्यवर्धन शर्मा पिछले 25 सालों से राजनीति में सक्रिय है। नेतृत्व क्षमता है और राजनीति की बारिक पकड़ रखते है,शहर में युवाओं में लोकप्रिय होकर स्वच्छ छवि वाले नेता है। वही ब्राह्मण वोटर संख्या और अपनी वाकपटुता से वह लोकप्रिय नेता है।
धैर्यवर्धन शर्मा भाजपा के शिवपुरी के नीव पत्थर की भूमिका में रहे है। हमेशा पार्टी की गाइडलाइन पर चलने वाले नेता रहे है। कार्यप्रणाली और समक्ष की बात करे तो पार्टी ने धैर्यवर्धन शर्मा को एक छोटी सी जिम्मेदारी रेल विभाग में मिली थी इस छोटी सी जिम्मेदारी में शिवपुरी की रेल की पटरियों पर कई ट्रेन दौड़ाने में सफल रहे है।
वही अब तीसरा नाम भाजपा के जिला अध्यक्ष राजू बाथम का है वह शिवपुरी विधानसभा से अपनी दावेदारी जता रहे है। अब निर्णय संगठन के हाथ में है वह क्या निर्णय लेता है। वही राजनीति अब किक्रेट की तरह है,भाजपा में टिकट पहले एक तरफा माना जा रहा था लेकिन राजे के मैदान से हटने के कारण भाजपा में भी टिकट के लिए संघर्ष शुरू हो चुका है।