SHIVPURI से भोपाल पहुंचे कांग्रेसियों दिग्विजय सिंह को अल्टीमेटम - आयाराम को टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा

Bhopal Samachar
शिवपुरी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों ने दस्तक दे दी है। कांग्रेस किसी भी तरह प्रदेश में सत्ता पर वापसी करना चाहती है वही भाजपा सत्ता पर बने रहने का प्रयास कर रही है। चुनाव में दल बदल की बयार भी चल रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समय जो कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे वह नेता अब कांग्रेस में घर वापसी कर रहे है। लेकिन यह वापस कांग्रेसियों को पच नही रही है। हाल में नए नए कांग्रेसियों का विरोध कांग्रेसियों का विरोध शुरू हो गया है। शिवपुरी जिले से आधा दर्जन नेता दिग्गी राजा से मिले और अपना विरोध मौखिक और लिखित दर्ज कराया।

बताया जा रहा है कि ,इस जत्थे में पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला, पूर्व विधायक गणेश गौतम, प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित श्रीप्रकाश शर्मा, एपीएस चौहान, रामकुमार यादव, नरेंद्र जैन भोला, सतीश धाकड़, मोहित अग्रवाल और अमित शिवहरे ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात कर राजनीतिक चाल चल दी। इन नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भोपाल पहुंचकर ना सिर्फ मुलाकात की बल्कि आरोप लगाए कि पहले जो बुरे समय में कांग्रेस को धोखा देकर सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए, उन भाजपाइयों को भले ही कांग्रेस में आप शामिल कर रहे हैं, लेकिन इन आयाराम-गयाराम को आप कांग्रेस का टिकट मत देना।

कांग्रेस की कमान ज्योतिरादित्य के हाथ में

इसी बीच किसी कांग्रेसी नेता ने कहा कि मान लो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ऊपर से फैसला ले लें कि कांग्रेस की कमान मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को देनी है, तो कमलनाथ पर क्या बीतेगी। जो स्थिति उस समय प्रदेश नेतृत्व की होगी, वही स्थिति शिवपुरी में इस समय हम कांग्रेसियों की है। पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने कहा कि नि:संतान दंपती औलाद विहीन होते हैं। इसलिए वह दूसरों के बच्चों को गोद लेते हैं। हमारे पास तो 5-6 हष्ट-पुष्ट, हर तरह से सक्षम नेता हैं, इन्हें टिकट मिलना चाहिए। किसी दूसरे के बेटे को उधार लेने की हमें क्या आवश्यकता है।

आयाराम- गयाराम को टिकट न दिया जाए

शिवपुरी में कांग्रेस की ओर से टिकट के इन दावेदारों ने भाजपा छोड़कर टिकट की चाह में कांग्रेस में शामिल हो रहे नेताओं पर आरोप लगाकर कहा कि 1 जुलाई 2023 को एआईसीसी से आए पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा के समक्ष प्रस्ताव पारित कर चुके हैं कि कांग्रेस में किसी आयाराम- गयाराम को टिकट न दिया जाए, वरन विषम परिस्थितियों में भी जो कांग्रेस का झंडा पकड़े रहे हैं, उनमें से ही किसी को मौका दिया जाए।

3 साल काम कराया जाए,फिर टिकट पर विचार किया जाए

नए लोग जिन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की है उनसे पहले विधानसभा और फिर लोकसभा में पार्टी का काम लिया जाए और जब उनका 3 साल का अनुभव पूरा हो जाए, तब उन्हें कांग्रेस में टिकट दिया जाए। इस प्रस्ताव की मूल प्रति इन कांग्रेस नेताओं ने भोपाल पहुंच दिग्विजय सिंह को सौंपी और कहा कि कुछ नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि उनका टिकट तो जेब में रखा हुआ है।

नेता की इतनी जेब नही जिसमें टिकट समा जाए
क्या किसी को आपने आश्वासन दे दिया है। तो जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने किसी नेता को टिकट का आश्वासन कभी नहीं दिया। हमने सबसे यही कहा है कि हम सर्वे करा रहे हैं, आप काम करिए, सर्वे में यदि आते हैं तो हम विचार करेंगे। जेब में टिकट रखे होने वाले सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी नेता की इतनी बड़ी जेब नहीं है जिसमें कांग्रेस का टिकट समा सके।