SHIVPURI NEWS- पिछोर में निकली समरसता यात्रा: समरसता की बात करने वाला ही भगवान को सबसे प्रिय

Bhopal Samachar
शिवपुरी। संपूर्ण मध्य प्रदेश में समरसता के भाव से ओतप्रोत समरसता यात्रा निकाली जा रही है जिसका मुख्य उद्देश्य एकता का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है। इसी तारतम में आज पिछोर ब्लॉक से भी समरसता यात्रा निकली गई।

जिसके तहत ग्राम वाचरोंन, ग्राम खेरवास, ग्राम काली पहाड़ी, ग्राम बदरवास पहुंची बदरवास मे जनसंवाद कार्यक्रम हुआ। यात्रा का स्वागत बदरवास सरपंच जयदेवी-धर्मेंद्र परिहार एवं सचिव आर.आर.पाल ने किया। सह भोज कार्यक्रम में विद्यालय प्रधानाध्यापक मनोज कुमार मिश्रा, अनिल कुमार पुरोहित, दीपक भार्गव, कपिल पाठक, रघुवीर यादव एवं महल परिहार एवं उनके सहयोगी ने यात्रा को जलपान कराया। इसके बाद ग्राम चौमुहा, मुहार, ढला, महोवा, डामरोंन होते हुए स्नेह यात्रा भौती पहुंची। भौती में ही जनसंवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ और यात्रा ने विश्राम लिया।

स्नेह यात्रा में मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद की जिला समन्वयक रीना शर्मा, जन अभियान परिषद की ब्लॉक समन्वयक अभिलाषा शर्मा, पिछोर ब्लॉक की समस्त नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधि परामर्शदाता गायत्री परिवार से बृजेश गुप्ता, आचार्य रामचंद्र मिशन से विकास भार्गव रामानंद, योग संस्थान से राहुल पुरोहित उपस्थित रहे।

यात्रा में मुख्य रूप से पुरुषोत्तम दास जी महाराज उपस्थित हुए। उन्होंने सभी जगह एकत्रित जन समुदाय मे अपने उद्बोधन में कहा कि जो व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से ऊंच नीच की भावना रखता है या किसी भी कारण किसी व्यक्ति का दिल दुखता है वह व्यक्ति कभी परमात्मा को प्राप्त नहीं कर सकता उन्होंने कहा जो व्यक्ति समरसता का भाव मन में रखता है तो भगवान खुद चलकर मां शबरी की तरह उसके द्वारा आते हैं।

साथ ही साथ उन्होंने सभी जगह सभी समुदाय जाति समुदाय के लोगों से आग्रह किया कि आपस में आप सभी मिलजुल कर प्रेम भाव से एक साथ रहे क्योंकि भगवान ने भी मां शबरी के झूठे बेर खाकर निषाद राज को गले लगा कर हमें इस धरती पर इसी प्रकार रहने का संदेश दिया था और जो संदेश हमारे ईश्वर ने हमें दिया है उसी को आगे बढ़ने का कार्य हमें भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम जाति समुदाय में बट कर रहेंगे।

तो वो दिन दूर नहीं जब हम फिर से गुलामी की जंजीरों में जकड़े जाएंगे। हम सभी का दायित्व बनता है हमें अपनी भारत मां की रक्षा करना है तो सर्वप्रथम हमें एक सूत्र में बंद कर प्रेम भाव से समरसता से जीवन यापन करना चाहिए।