SHIVPURI NEWS- ब्राह्मण ट्रंप कार्ड कहा यूज करेगी भाजपा, पांचो विधानसभा सीट पर होगा पार्टी को फायदा

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है जैसे ही राजनीति की दशा और दिशा दोनो ही बदल रही है। मप्र के सन 2018 के आम विधानसभा के चुनाव में शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा से भाजपा ने किसी भी ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था। इस कारण ब्राह्मण समाज की नाराजगी देखी जा रही है।

अब बात करते है 2023 के विधानसभा चुनावों की तो ब्राह्मण विरोधी बयान देने के बाद भाजपा से निष्कासित किए गए नेता प्रीतम लोधी को भाजपा ने शिवपुरी जिले पिछोर विधानसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिस दिन प्रीतम लोधी को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था उस ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के विरोध मे सोशल पर पोस्ट कर रहे थे।

कुल मिलाकर सीधा सा अर्थ है ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है खासकर पिछोर विधानसभा में,क्यों कि ब्राह्मणों के खिलाफ प्रीतम ने पिछोर में ही दिया था और प्रीतम लोधी को टिकट भी पिछोर से दिया गया-अब यह तय मानें कि इसका फायदा पिछोर में कांग्रेस को मिलना तय है।

शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में 3 विधानसभा सीट ऐसी है जहां भाजपा किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतार कर ब्राह्मण विरोधी होने का तमगा हटा सकती है। यह विधानसभा है शिवपुरी,कोलारस और पोहरी-इन तीनों विधानसभा सीट से भाजपा अपना प्रत्याशी ब्राह्मण नेता के रूप में मैदान में उतार सकती है। अगर भाजपा ऐसा करते है तो जिले की पांचों सीटों पर भाजपा को लाभ अवश्य होगा।

बात शुरू करते है शिवपुरी विधानसभा से

सबसे पहले बात करते है सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास की,रामजी व्यास प्रदेश सर्व ब्राह्मण समाज के संयोजक है साथ में शिवपुरी नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति है। प्रदेश के कई बड़े नेताओं के साथ रामजी व्यास के संबंध है,रामजी व्यास नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में अपनी राजनीति का लोहा भी बनवा चुके है और नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष के विवाद को लेकर ही वह आज शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण समाज के लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे है।

रामजी व्यास रिटायर्ड सरकारी अफसर है-काम करने की समझ है साथ में नगर पालिका में जो तर्क वह विकास के लेकर रखते है उससे सब उनके मुरीद है कहने का सीध अर्थ है कि विकास को लेकर उनके पर अपना एक प्लान है। विकास के कामों में क्या अड़चन है यह कैसे दूर होगा उसका हल रामजी व्यास के पास होता है। शिवपुरी में नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद रामजी व्यास की पत्नी सरोज रामजी व्यास को उपाध्यक्ष बनाया गया।

पार्टी हित के लिए त्याग किया और उपाध्यक्ष के पद पर संतोष किया। उसके बाद 2 मामलों को लेकर एफआईआर उसके बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष के रूप में सरोज रामजी व्यास की जो लगातार उपेक्षा की गई इससे ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है वही जिले की भाजपा में रामजी व्यास वह इकलौते चेहरे जो मुसलमान समाज में लोकप्रिय है ताजियों के समय मुसलमान समाज रामजी व्यास को पगडी बांधता है। कुल मिलाकर भाजपा का एक सैकुलर चेहरा है रामजी व्यास।

रामजी व्यास को भाजपा अगर शिवपुरी से अपना प्रत्याशी बनाती है तो सीधे सीधे ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर होगी और मुसलमान वोटर भी भाजपा के पक्ष में अपना मतदान कर सकता है। भाजपा के इस निर्णय से जिले की पांच विधानसभा सीट से भाजपा को लाभ होगा,जिसमें पिछोर और पोहरी विधानसभा में सीधा सीधा लाभ मिलना तय है।

भाजपा से दूसरा नाम धैर्यवर्धन शर्मा का आता है,अब वह खुलकर शिवपुरी विधानसभा से अपनी दावेदारी जता रहे है। धैर्यवर्धन शर्मा पिछले 25 सालों से राजनीति में सक्रिय है। नेतृत्व क्षमता है और राजनीति की बारिक पकड़ रखते है,शहर में युवाओं में लोकप्रिय होकर स्वच्छ छवि वाले नेता है। वही ब्राह्मण वोटर संख्या और अपनी वाकपटुता से वह कांग्रेस के टिकट पर खरे उतर रहे है।

पोहरी विधानसभा: दिलीप मुदगल पोहरी में धूमकेतू बन कर उभरे है

पोहरी विधानसभा जातिगत श्राप से ग्रस्त विधानसभा है,यहां पर धाकड़ और ब्राह्मण समाज का पोहरी विधानसभा की पर कब्जा रहा है। पोहरी से इस बार फ्रेश चेहरे की डिमांड है। भाजपा के ब्राह्मण नेता और फ्रेश चेहरे के रूप में दिलीप मुदगल युवा नेता के रूप में एक अच्छा विकल्प है। पिछले 3 साल से दिलीप मुदगल पोहरी क्षेत्र में सक्रिय है अपनी सोशल वर्क के कारण पोहरी की राजनीति में धूमकेतू बन कर उभरे है।

भाजपा के इस युवा चेहरे ने पोहरी विधानसभा में लगातार 7 बड़े भंडारे करवाए है। प्रत्येक भंडारे में 30 से लेकर 50 हजार लोग शामिल हुए है इसके अतिरिक्त सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपनी उपस्थिति के साथ उपहारो के लिए भी चर्चा में रहते है। फ्रेश चेहरा होने के कारण कोई भी माइनस पाइंट भाजपा के लिए नही है,वही बताया जा रहा है पार्टी के सर्वे में ब्राह्मण नेता के रूप में प्रथम पायदान पर है।

वही दूसरे दावेदारी के रूप में बात करे पूर्व विधायक और राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त नरेंद्र बिरथरे की। नरेंद्र बिरथरे पोहरी से दो बार चुनाव लड चुके है। तीसरी बार वह पोहरी से विधानसभा का टिकट मांग रहे है।

कोलारस में सुरेन्द्र शर्मा

कोलारस विधानसभा में ब्राह्मण नेता के रूप में एक मात्र चेहरा है युवा नेता सुरेन्द्र शर्मा के रूप में। सोशल पर सक्रिय रहते है। प्रदेश के बडे बडे मुद्दों पर अपनी बेबाकी से अपनी बात सुरेन्द्र शर्मा रखते है। कोलारस के मूल निवासी है और वह भी कोलारस से संगठन से टिकट की मांग कर रहे है। कोलारस में वह दावेदार भाजपा से टिकट मांग रहे है जो पूर्व में भी चुनाव लड चुके है। लेकिन सुरेन्द्र शर्मा ऐसे नेता है जो फ्रेश चेहरा है भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है।