SHIVPURI NEWS- माधव नेशनल पार्क में शावकों के जन्म को लेकर असमंसज, हाथी आने पर मिलेगी सटीक जानकारी

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी में पर्यटन को बढ़ाने की उम्मीद से माधव नेशनल पार्क में टाइगरो को छोडा गया है,फिलहाल 2 मादा टाइगर और 1 नर टाइगर खुले जंगल में है। पार्क मे खुले में विचरण कर रही एक मादा टाइगर की प्रेग्नेंट होने की खबर थी अनुमान लगाया जा रहा था कि 15 अगस्त के बाद कभी भी मादा टाइगर शावक को जन्म दे सकती है। लेकिन प्रेग्नेंट मादा टाइगर घने जंगल में होने के कारण पार्क प्रबंधन खुशखबरी को लेकर असमंजस में बना हुआ है।

मादा टाइगर को ट्रेस कर रही थी टीम की परेशानी यह है कि इस समय मादा टाइगर घने जंगल में है और आंखों से उसे देखा नही जा सकता है। केवल गले में मौजूद कॉलर आईडी से उसकी मौजूदगी की स्थिति मिल रही है। मादा टाइगर के पास जाने के लिए हाथी होना आवश्यक है लेकिन वर्तमान समय में हाथी कूनो में चीतों की ट्रेकिंग में व्यस्त है।

जानकारी के अनुसार पहले जोड़े के साथ आई मादा टाइगर गर्भवती है और उसके द्वारा शावकों को जन्म देने की तारीख 15 अगस्त के बाद कभी भी हो सकती है। मादा टाइगर पहाड़ी के नीचे ऐसे घने जंगल में घूम रही है कि उसे खुली आंखों से देख पाना पार्क कर्मचारियों को मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा कि मादा टाइगर का पेट फूला हुआ है या पिचक गया।

अब पार्क प्रबंधन टाइगरों के गले में मौजूद कॉलर आईडी से सिर्फ लोकेशन ट्रेस कर रहा है। सीसीएफ भी इसी ट्रेसिंग के आधार पर शावकों के जन्म की जानकारी देने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में यदि हाथी मिल जाता तो माधव नेशनल पार्क में आने वाली खुशखबरी के बारे में तत्काल पता चल जाता, लेकिन अब शावकों के जन्म के तीन दिन बाद तक इंतजार करना पड़ेगा।

ऐसे मालूम करेंगे शावकों का जन्म

नेशनल पार्क प्रबंधन वर्तमान में सिर्फ कॉलर आईडी से लोकेशन के सहारे ही मॉनीटरिंग कर रहा है। ऐसे में जब मादा टाइगर शावकों को जन्म देगी तो फिर वो कुछ समय वहां रुकने के बाद शिकार करने जाएगी और फिर वापस शावकों के पास आएगी, फिर पानी पीने जाएगी तो फिर शावकों के पास आएगी। जब मादा टाइगर एक ही जगह बार-बार आकर वहां अधिक समय गुजारेगी, तो पार्क प्रबंधन मान लेगा कि शावकों का जन्म हो गया।

नर टाइगर कभी इधर तो कभी उधर घूम रहा

माधव नेशनल पार्क प्रबंधन टाइगरों की कॉलर आईडी से उनकी लोकेशन देखने के साथ ही गर्भवती मादा टाइगर की विशेष मॉनीटरिंग कर रहा है। जिसमें नर टाइगर व दूसरी मादा भी जंगल में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं तथा नर कभी इस मादा के आसपास आ जाता है तो कभी दूसरी मादा के साथ लोकेशन मिलती है। एक मादा टाइगर द्वारा शावकों को जन्म देने के बाद संभालेगी, तब तक दूसरी मादा टाइगर भी कुनबा बढ़ाने को तैयार हो जाएगी।

मादा टाइगर की डिलेवरी के 3 दिन बाद बता देंगे

मादा टाइगर को नजदीक से नहीं देख पा रहे, उसके लिए हाथी चाहिए, और हाथी कूनो में व्यस्त हैं। ऐसे में शावकों का जन्म होने के तीन दिन बाद हम बता देंगे कि माधव नेशनल पार्क में टाइगर का कुनबा बढ़ गया। अगस्त माह में यह खुशखबरी आने की पूरी उम्मीद है। 
उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ सिंह परियोजना शिवपुरी