एक्सरे ललित मुदगल@ शिवपुरी। शिवपुरी कोलारस विधानसभा के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी शिवपुरी प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का अपनी विधानसभा में हस्तक्षेप करने का बयान सार्वजनिक रूप से दे चुके है।
है। विधायक रघुवंशी को फिर कमजोर करने के लिए पूर्व विधायक महेंद्र यादव के पत्र के प्रताप पर पंचायत मंत्री और शिवपुरी के प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने चार बार रंगे हाथो रिश्वत लेते पकडे गए सीईओ अरविंद शर्मा का ट्रांसफर शिवपुरी की बदरवास जनपद पंचायत सीईओ के रूप में कर दिया है। पूर्व विधायक का यह पत्र एक तीर से दो शिकार कर रहा है। पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह यादव का यह पत्र सोशल पर वायरल हो रहा है।
पहले आप पढे पूर्व विधायक का यह पत्र
मान, मंत्री जी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास म.प्र. शासन, भोपाल ।
विषय:-श्री लक्ष्मी नारायण पिप्पल, सी.ई.ओ बदरवास की कार्यप्रणाली संतोषजनक न होने के कारण अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने बाबत
उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि विधानसभा क्षेत्र बदरवास अंतर्गत जनपद पंचायत बदरवास में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ श्री लक्ष्मी नारायण पिप्पल की कार्यप्रणाली से आम जनता में अत्यंत रोष है श्री पिप्पल की खराब कार्यप्रणाली होने के कारण पंचायतों के कार्य विपरीत रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
श्री पिप्पल का कार्य संतोषजनक न होने के कारण अन्यत्र स्थानांतरित करते हुए इनके स्थान पर श्री अरविन्द शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंजबासौदा जिला विदिशा को जनपद पंचायत बदरवास जिला शिवपुरी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ किये जाने का कष्ट करें।
(महेन्द्र रामसिंह यादव) पूर्व विधायक कोलारस जिला शिवपुरी
मप्र के सभी सीईओ में अरविंद शर्मा का चुनाव क्यों
अब आप इस पत्र की भाषा को समझने का प्रयास करें,इस पत्र में लिखा गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंजबासौदा जिला विदिशा को अरविंद शर्मा को बदरवास सीईओ बनाया जाए। अभी तक किसी अधिकारी के हटाने को लिए पत्र लिखे जाते थे। बुलाने के लिए नही-ऐसा क्या है मप्र के सभी सीईओ में जो पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह यादव ने अरविंद शर्मा को चुनाव किया-इस सवाल के जवाब के लिए सीईओ अरविंद शर्मा के पैरामीटर पर नापने की कोशिश करते है।
सीईओ अरविंद शर्मा को 4 बार लोकायुक्त ने रंगे हाथो रिश्वत लेते पकडे गए है
शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद में थे, वहां भी रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा था। वही कोरोना काल में अरविंद शर्मा की गाडी से विजयपुर थाना प्रभारी सतीश साहू ने एक लाख 90 हजार रूपए बरामद किए थे। अरविंद शर्मा का कहना था कि यह रूपए ग्राम पंचायत गसमानी के सचिव के है। वही सीईओ अरविंद शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने 3 जुलाई को 2019 को मुक्तिधाम निर्माण की राशि के भुगतान के एवज में 15 हजार की रिश्वत अंतत: उचेहरा के जनपद सीईओ अरविंद शर्मा को जनपद कार्यालय में दबिश देकर लोकायुक्त ने सीईओ को 13 हजार की घूस के साथ रंगे हाथ पकड़ा था।
बताया गया है कि रिश्वत के 2 हजार रुपए उचेहरा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पहले ही अंदर कर चुके थे। सरपंच ने की थी शिकायत उचेहरा जनपद के ननदहा पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत 4 लाख 40 हजार की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण कराया गया था। आरोप है कि इसी राशि के भुगतान के एवज में सीईओ अरविंद शर्मा पंचायत के सरपंच संसारी सिंह से 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग की थी।
वही अरविंद शर्मा एक विभागीय जांच में भी दोषी पाए गए और एक वेतन वृद्धि भी रोकी गई है। कुल मिलाकर शासकीय कामों में लापरवाही बरतने के दोषी और लोकायुक्त पुलिस के रंगे हाथों रिश्वत लेने वाले सीईओ की अनुशंसा पूर्व विधायक ने क्यों की,क्या वह क्षेत्र में सरकारी कामो केा रोकना चाहते या इस भ्रष्टाचारी को बदरवास में खुले आम भ्रष्टाचार करने लाए,पूर्व विधायक को अपने क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचारी अफसर क्यों चाहिए यह समझ से परे है।
एक तीर से दो निशान
कोलारस की राजनीति में पूर्व विधायक महेन्द्र रामसिंह यादव के बडे रोडे बने है कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी। वीरेंद्र रघुवंशी की विधानसभा में प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का हस्तक्षेप अधिक है और यह सभी जानते है महेंद्र एंड कंपनी पर महाराज का टैग है। वही पूर्व विधायक महेन्द्र के सामने कांग्रेस के रथ पर सवार होकर बैजनाथ एंड कंपनी भी चुनावी रण में उतरने वाली है और बदरवास जनपद पर बैजनाथ एंड कंपनी का अध्यक्ष कुर्सी पर विराजमान है विधायक वीरेन्द्र और बैजनाथ एंड कंपनी केा परेशान करने के लिए,कामो में रुकावट बनने के लिए ऐसे भ्रष्टाचार के ब्रांड अधिकारी को हथियार के रूप में लाया गया है।
यह कहा वीरेन्द्र रघुवंशी ने
ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की अनुशंसा करना किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता हैं,सीईओ पिप्पल की किसी भी सरपंच ने शिकायत नहीं की थी। मेरी विधानसभा में ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को जगह नहीं है,ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को विधानसभा में लाना भ्रष्टाचार को बढावा देना है,में पंचायत मंत्री से आग्रह करता हूं जिस अधिकारी को चार बार लोकायुक्त ने रंगे हाथो पकडा है उसे तत्काल हटाया जाए।
इस मामले को लेकर पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह यादव को फोन लगाया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ प्रतिक्रिया आते ही प्रकाशित कर दी जाऐगी
वही बताया जा रहा है कि सीईओ अरविंद शर्मा ने मंगलवार को शिवपुरी जिले में आमद करा दी थी,कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने इशु बताते हुए बदरवास सीईओ को ज्वाइनिंग से रोका,लेकिन अधिकारी महोदय ने बदरवास जाकर जॉइनिंग कर ली है।