SHIVPURI NEWS - कट्रोल संचालक का राशन की जगह नोट बांटने का वीडियो वायरल,मार्केट में बेच दिया था राशन

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी में पीडीएस की दुकानों के काले कारनामे प्रतिदिन किसी न किसी समाचार पत्र में प्रकाशित होते रहते है। सेल्समैन के द्वारा गरीबों के राशन की कालाबाजारी करने से रुक नहीं रहे है। प्रशासन भी लगातार एफआईआर दर्ज करवा रहा है,फिर भी कालाबाजारी रुक नहीं आ रही। कोलारस विधानसभा के एक गांव में कंट्रोल संचालक ने ग्रामीणों के राशन बेच दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो मामला सुलझाने के लिए सेल्समैन ने राशन की जगह नोट बांट दिए। नोट बांटने के बाद किसी ग्रामीण ने यह वीडियो वायरल कर दिया।

अकौदा ग्राम पंचायत के मुढरी से हुआ वीडियो वायरल

अकौदा ग्राम पंचायत के ग्राम मुढरी में उचित मूल्य की दुकान के कर्ताधर्ता शंभू लोधी ने फरवरी महीने से ग्रामीणों के हक का राशन धरातल पर वितरित नहीं किया है। शंभू लोधी पर आरोप है कि वह हर महीने ग्रामीणों का पूरा राशन ब्लैक मार्केट में बेच देता है। इसके बाद जब ग्रामीण विरोध करते हैं या शिकायत करने की बात करते हैं तो विरोध करने वाले लोगों को वह कुछ राशन और कुछ राशन के पैसे वितरित कर देता है। यह पूरा खेल पिछले छह महीने से लगातार चल रहा है।

कुछ ग्रामीणों ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर शंभू लोधी व कुछ अन्य लोगों की वीडियो मीडिया को उपलब्ध करवाई है, जिसमें वह चौपाल लगाकर ग्रामीणों को उनके हक के राशन की जगह राशन का पैसा बांट रहा है। जो लोग पैसा नहीं लेने से इंकार कर देते हैं उनमें से कुछ को आधा-अधूरा राशन दे दिया जाता है तो कुछ को दुत्कार कर भगा दिया जाता है।

सेल्समैन को लगाया फोन तो यह हुआ

इस पूरे मामले में जब शंभू लोधी को फोन लगाकर उनकी प्रतिक्रिया चाही गई तो पहले तो उसने मीडिया से पुष्टि के लिए उक्त वीडियो दिखाने की बात कही और जब मीडिया ने उन्हें उनकी काली करतूत की वीडियो दिखाई तो वह चुप्पी साध गए और उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किए। उनके वाट्सएप पर मैसेज भेजकर भी उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

बाजार में बेचने से मिलता है अधिक पैसा

राशन के बदले हितग्राहियों को पैसों के वितरण के इस पूरे खेल को समझने के लिए राशन के इस खेल के माफिया से बात की तो उन्होंने भी पहचान ने बताने की शर्त पर बताते हुए कहा कि कंट्रोल वाले बाजार में जब माल बेचते हैं तो उन्हें राशन के बदले कंट्रोल के रेट से अधिक और बाजार के रेट से कम पैसे मिलते हैं। ऐसे में उन्हें बाजार में राशन बेचने पर मोटा मुनाफा हो जाता है। जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो जो लोग शिकायत कर सकते हैं उन लोगों को कंट्रोल के कर्ताधर्ता उनके हक के राशन का सरकारी मूल्य दे देते हैं। ऐसे में शिकायत करने वाले ग्रामीण शांत हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि चलो राशन के बदले पैसा तो मिल गया । उचित मूल्य की दुकान के कर्ताधर्ताओं को इस पूरे गोरखधंधे में मोटा मुनाफा मिल जाता है।

कोरोना काल में अधिक हुआ काला काम,प्रशासन कर रहा है एफआईआर की तैयारी

कोरोना काल के राशन वितरण को लेकर प्रशासन और राशन विक्रेता संघ तहसील कोलारस व बदरवास आमने- सामने हैं। कोरोना काल में राशन वितरण काफी अनियमितता सामने आई थी क्योंकि पीओएस बंद होने पर आफलाइन वितरण किया गया था। विक्रेता संघ के अनुसार कोलारस में 5383.16 क्विंटल गेहूं और 10960.26 क्विंटल चावल कोलारस में और 6174.48 क्विंटल गेहूं व 1374.03 क्विंटल चावल बदरवास में दुकानदारों द्वारा वितरित किया गया। वहीं प्रशासन की जांच में राशन खुर्दबुर्द करने का मामला भी सामने आया। सूत्रों की मानें तो प्रशासन की ओर से आधा सैकड़ा से भी अधिक पर एफआईआर कराए जाने की तैयारी है।

इनका कहना है
यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में आप मुझे वह वीडियो उपलब्ध करा दें, मैं मामले को दिखवाता हूं। राशन के बदले रुपये वितरित नहीं किए जा सकते हैं। यह अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
मोतीलाल अहिरवार,कोलारस एसडीएम