SHIVPURI NEWS- क्षत्रिय महासभा से सवाल, क्या एक घोटालेबाज समाज से बडा हो सकता: समर्थन मे उतरे जिला अध्यक्ष

Bhopal Samachar
ललित मुद्गल @ शिवपुरी। खबर सोशल मीडिया से मिल रही है कि बदरवास बीआरसी अंगद सिंह तोमर के समर्थन में क्षत्रिय समाज अब पोस्ट कर रहा है सबसे पहली पोस्ट शिवपुरी जिले के क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ने पोस्ट की है इस पोस्ट मे सुनीत चौहान ने लिखा है कि कुछ लोग श्री अंगद सिंह तोमर को जानबूझ कर टारगेट कर रहे है क्षत्रिय महासभा भी मैदान में आने को उत्सुक है सूचनार्थ

इस पोस्ट के बाद और क्षत्रिय समाज कुछ अन्य लोग भी फेसबुक पर अंगद सिंह तोमर का समर्थन कर रहे हैं।अब सवाल यह उठता है कि एक भ्रष्टाचारी, समाज से बड़ा तो नही हो सकता। शिवपुरी और बदरवास में कंटनजेंसी के घोटाले में गले तक फसे अंगद सिंह तोमर, समाज से तो बड़े नही हो सकते।

एक सरकारी कर्मचारी केवल शासकीय होता है उसका काम सर्व समाज के हित में होता है। कंटिंजेंसी का पैसा सरकारी था। वह किसी जाति विशेष का नही था। सरकारी प्रक्रिया है। आरोप प्रत्यारोप लग सकते है। अंगद सिंह तोमर पर दो जांचे प्रचलित हैं। अब अंगद सिंह तोमर को या तो जांच अधिकारी क्लीनचिट दे सकते हैं या फिर वह न्यायालय की शरण में जाकर न्याय प्राप्त कर सकते हैं। भ्रष्टाचार के मामले में किसी तीसरे को निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

ऐसा व्यक्ति जो 6 साल तक बच्चों को स्कूल पढाने नहीं गया। बदरवास और शिवपुरी में लगभग 70 लाख का कटंनजेसी घोटाला कर, आन-बान-शान से और सत्यता की राह पर चलने वाले क्षत्रिय समाज से तो बड़े नही हो सकते। इतिहास भी गवाह है कि इस देश के क्षत्रिय समाज ने देश के हित और रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। बीआरसी तोमर ने घोटाला कर कोई देश हित का काम तो नही किया, बल्कि बच्चों के हक का पैसा खाया है। इन बच्चों में अवश्य ही क्षत्रिय समाज के बच्चे भी होगें।

अंगद सिंह तोमर की जांच चल रही है अगर जांच सिद्ध होती है और कलेक्टर रविन्द्र चौधरी उनके निलंबन का प्रस्ताव बनाकर कमिश्नर को भेज देते है या अंगद सिंह तोमर को पद से हटाकर वापिस उनके मूल विभाग में वापस भेज देते है तो क्षत्रिय समाज फिर सोशल पर उनके समर्थन में पोस्ट करेगा क्या।

सोमवार को जिला शिक्षा केन्द्र में डीपीसी अशोक त्रिपाठी और बीआरसी बालकृष्ण ओझा का विवाद हुआ। बहस और मारपीट हुई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के दो अधिकारी आपस मे लडे। समाचार पत्रों में भी यही खबर का प्रकाशन हुआ कि डीपीसी और बीआरसी आपस में उलझे। लेकिन मामले प्लांट करने के आरोप बीआरसी अंगद सिंह तोमर पर लगे।

मीडिया ने उस जिला पंचायत के उस अंतिम चेतावनी पत्र का हवाला भी दिया है, उस पत्र के कारण ही यह विवाद हुआ था। कही से कही यह खबर का प्रकाशन नही किया गया कि शिक्षा विभाग में ब्राह्मण और ओझा लडे, और ना ही यह लिखा गया,की किसी क्षत्रिय ने इस लडाई को प्लांट कराया है। इसमें समाज विशेष की बात कहां से आ गई।

इस मामले में कुछ क्षत्रिय समाज के प्रबुद्धजनो से बात की गई तो नाम ना छापने की शर्त पर उन्होने बताया कि समाज से बड़ा कोई व्यक्ति नहीं हो सकता है। यह एक सरकारी प्रक्रिया है और सरकारी प्रक्रिया के तहत ही उनका मामला चलेगा। ऐसे एक व्यक्ति के लिए आप क्षत्रिय महासभा को मैदान में उतरने के लिए नहीं कह सकते और ना ही समाज मैदान में उतरेगा।

जिन महोदय ने सोशल पर पोस्ट की है उन्होने अपने पदाधिकारियों के बैठक बुलाकर चर्चा की होती तो शायद उनके पदाधिकारी इस बात का समर्थन नहीं करते। यह उनकी पर्सनल राय हो सकती है कृपा करके वह इस सरकारी कामकाज के झगडे में क्षत्रीय महासभा को बदनाम ना करें, ओर ना ही किसी समाज को घसीटे।

इनका कहना है
गल तरीके से टारगेट कर रहे है, इसलिए हम उनके साथ है। अंगद सिंह तोमर से हमारी बात हुई है वह निर्दोष है।
सुनीत चौहान,जिला अध्यक्ष क्षत्रिय महासभा शिवपुरी