SHIVPURI NEWS- हमारी वीरांगना अवंतीबाई लोधी ने ऐसा जीवन जिया कि जीवन ग्रंथ बन गया:जसवंत जाटव

Bhopal Samachar
शिवपुरी जिले के पिछोर क्षेत्र में महारानी अवंती बाई लोधी का जन्मोत्सव के अवसर कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछोर के रेडी चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए। जहां वीरांगना रानी अवंती बाई की रेड्डी चौराहे पर स्थित प्रतिमा का पुष्पमाला नमन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व विधायक जसवंत सिंह जाटव रहें जिन्होंने सबसे पहले अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। जसवंत सिंह जाटव ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजी हुकूमत के विरूद्ध 1857 के क्रांतिकारी युद्ध और बलिदान के लिए महारानी अवंतीबाई लोधी को सदैव याद किया जाएगा।

इस मौके पर भाजपा नेता प्रीतम सिंह लोधी ने कहा कि महापुरुष व वीरांगनाएं किसी जाति विशेष के बंधन में न होकर संपूर्ण राष्ट्र के प्रेरणास्त्रोत होते हैं उनका चरित्र, कृतित्व और व्यक्तित्व संपूर्ण राष्ट्र की भावी पीढ़ी के मस्तिष्क में देश प्रेम का बीजारोपण करता है।

कालखण्ड में तोप और तलवार से युद्ध लड़ा जाता था उस समय भी उन्होने अंग्रेजों जैसी सेना जिनके पास हजारों नहीं लाखों की तादात में हथियारबंद सेना को भी उन्होंने खदेड़ने का काम किया,वो कोई और नहीं हमारी वीरांगना अवंतीबाई लोधी थी।

वीरांगनाओं से हमारा इतिहास भरा पड़ा है,हमे हमारे इतिहास में हमारे प्रेरणा स्त्रोत महापुरुषों से कुछ सीखना चाहिए,हमें महापुरुषों के चरित्र से सीखने को मिलता है,चाहे वह वीरांगना अवंतीबाई हो, चाहे महारानी लक्ष्मीबाई हो, चाहे माता करमाबाई हो, चाहे माता अहिल्याबाई हो, चाहे माता सावित्री बाई फुले हो।

उन्होंने अपने अदम साहस और पराक्रम से लड़कर के हमारे देश और समाज को एकजुट करने का काम करते हुए इस भारतवर्ष का कल्याण करने का काम किया हैं। हमें उनसे प्रेेरणा लेकर के आगे बढ़ने की जरूरत हैं।

16 अगस्त 1821 को अवंतीबाई लोधी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने बल से, अपनी शक्ति से, अपने अदम्य साहस, और अच्छा निर्णय लेकर अपने कालखण्ड के समस्त राजा महाराजाओं को एकत्रित कर एक आवाज एक ध्वज के नीचे कर एक ही वचन कहा कि अंग्रेजों की गुलामी पसंद नहीं, हम अंग्रेजों से युद्ध करना स्वीकार करते हैं। हमारी वीरांगना अवंती बाई लोधी ने ऐसा जीवन जिया कि उनका जीवन ग्रंथ बन गया।