SHIVPURI NEWS - कूनो नेशनल पार्क की सीमा में समा जाएगा प्रस्तावित माधवराव सिंधिया अभ्यारण, MNP-SHIVPURI तक होगा विस्तार

Bhopal Samachar
भोपाल। शिवपुरी और श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क की सीमा बढ़ाई जा रही है। राज्य शासन ने पार्क की सीमा बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए कूनो और शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के बीच लगभग 55 हजार हेक्टेयर में फैले सामान्य वन मंडल के जंगल को भी कूनो में शामिल किया जाएगा। इस क्षेत्र में पूर्व में माधवराव सिंधिया अभयारण्य बनाया जाना प्रस्तावित था, परंतु श्योपुर में चीतों के लिए अधिक जगह की जरूरत के चलते इस प्रस्ताव को निरस्त किया गया है।

कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर कार्रवाई

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) असीम श्रीवास्तव के अनुसार चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर कार्रवाई चल रही है, जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिससे आने वाले समय में जब चीतों को जंगल में छोड़ा जाए तो उनके लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध रहे।

कूनो नेशनल पार्क में 14 व्यस्क चीतों के अलावा एक मादा शावक

उल्लेखनीय है कि कूनो नेशनल पार्क में इस समय 14 व्यस्क चीते के अलावा एक मादा शावक है, जिन्हें बारिश के चलते व स्वास्थ्य परीक्षण के लिए फिलहाल पार्क में बने बाड़ों में रखा गया है। बारिश के मौसम के बाद संभवत: अक्टूबर में इन्हें जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा जाएगा।

कूनो की सीमा से बाहर चले जाते हैं चीते

पूर्व में जंगल में छोड़े गए चीतों में से कई के अक्सर कूनो की सीमा से बाहर जाने के मामले सामने आए थे, आशा व पवन चीता कूनो से निकलकर शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क तक पहुंच गए थे, ऐसे में माना जा रहा है कि कूनो का वर्तमान लगभग 749 वर्ग किमी क्षेत्रफल और बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसलिए माधव नेशनल पार्क के पर अभयारण्य बनाने के लिए प्रस्तावित सामान्य वन मंडल के 55 हजार हेक्टेयर (550 वर्ग किमी) जंगल को कूनो पार्क में शामिल करने संबंधी तैयारी शुरू कर दी गई है।

पर्यटन के अनुकूल कॉरिडोर बनेगा

माधव नेशनल पार्क के बीच के जंगल को शामिल करने से कूनो से सटे राजस्थान के रणथंभौर तक पर्यटन के लिए मुफीद एक कॉरिडोर तैयार हो जाएगा, क्योंकि ये तीनों यहां के लगभग 200 किमी क्षेत्र के अंतर्गत मौजूद हैं। रणथंभौर के विस्तारित क्षेत्र कैला देवी वन्य जीव अभयारण्य और कूनो के बीच चंबल नदी का इलाका है।

जंगल के साथ स्टाफ भी बढ़ेगा

सामान्य वन मंडल के इस जंगल के साथ ही इनमें पदस्थ वन अमले को भी कूनो प्रबंधन को सौंपा जाएगा, क्योंकि इन बीटों में पदस्थ अमले को यहां की सटीक जानकारी है, ऐसे में यह वन अमला कूनो के अधीन होने के यहां वन्यजीवों की देखरेख नए वन अमले मुकाबले ज्यादा प्रभावी तरीके से कर पायेगा।