SHIVPURI NEWS- बलि का बकरा बना शिक्षा विभाग का इंजीनियर, FIR, वसूली पार्टनरों ने अपने आप को बचाया

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी शहर के मुख्य बाजार सदर बाजार में 21 अगस्त को तोड़फोड़ के मामले में नगर पालिका का जंगल राज सामने आया। इस मामले में रिटायर्ड इंजीनियर के खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले को शांत करने का यही एक विकल्प था,क्यो की इस तोड फोड के विरोध में व्यापारी आ गए थे और बाजार बंद करने की धमकी देते हुए बाजार भी बंद कर दिया था।

दुकानदारों के समर्थन में पहुंचे सिंधिया समर्थक नेता का एक बयान कि विधायक के खिलाफ षड्यंत्र है,इस बयान के बाद बवाल मचना शुरू हो गया था। कांग्रेस ने एक प्रेस वार्ता कर सीधे सीधे शिवपुरी विधायक और प्रदेश मे कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पर हमले करना शुरू कर दिए थे। यह पहली बार हुआ कि यशोधरा राजे की पसंद नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा की नगर पालिका के जंगल राज के कारण राजे पर उनके विरोधियो ने खुले आम हमले शुरू कर दिए और व्यापारी विरोधी और डर का माहौल क्रिएट करने के आरोप लगा दिए।

मौके पर स्वीकार नही की गायत्री शर्मा ने अपनी गलती

सदर बाजार में व्यापारी यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि किसके आदेश से बाजार में हिटैची चली है,इस विवाद को सुलझाने के लिए मौके पर पहुची नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने अतिक्रमण हटाने पहुंचे सभी कर्मचारियो पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया,लेकिन यह नही बताया कि यह अतिक्रमण अमले का प्रभारी देवेन्द्र त्रिवेदी जो शिक्षा विभाग से नगर पालिका से प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है वह रिटायर्ड हो चुका है,उस पर मामला दर्ज कराया जाऐगा। वह झुपाती रही,लेकिन कांग्रेसियो ने सोशल पर पोस्ट लिखकर इस मामले की कलई खोल दी।

सीएमओ ने भी नही स्वीकार किया

विवाद अधिक बढ़ने पर मौके पर पहुंचे नगर पालिका सीएमओ केशव सिंह सगर भी रिटायर्ड कर्मचारी को कार्यमुक्त करने का आश्वासन देते रहे,लेकिन रिटायर्ड कर्मचारी कैसे कार्यमुक्त होगा यह नही बताया। जब यह मामला खुला कि अतिक्रमण तोड़ने निकले अतिक्रमण प्रभारी रिटायर्ड हो चुके है,मीडिया को बयान दिया गया कि कर्मचारी देवेन्द्र खरे को संविदा पर रखे जाने की फाइल जेडी ऑफिस में विचाराधीन है।


यह दिया गया आवेदन
फरियादी बने इमरान पुत्र इश्तियाक कुरैशी निवासी फिजिकल रोड शिवपुरी ने कोतवाली में जो आवेदन दिया, उसमें उल्लेख किया है कि मैं नपा शिवपुरी में अस्थाई कर्मचारी होकर जेसीबी ऑपरेटर का काम करता हूँ। 21 अगस्त की सुबह 9 बजे मैं जेसीबी लेकर नगर पालिका से बस स्टैंड जा रहा था। जब मैं कोर्ट रोड पर जेसीबी लेकर आया तो वहां पर सेवानिवृत्त सब इंजीनियर देवेन्द्र त्रिवेदी ने मेरा जबरदस्ती रास्ता रोका और सदर बाजार के चबूतरा तोड़ने के लिए बोलने लगे। जब मैंने मना किया तो त्रिवेदी गालियां देने लगे।

जब मैंने गाली देने एवं जाने से मना किया तो वे बोले कि तुझे नौकरी से हटवा दूंगा।। तब मेरी जेसीबी को जबरदस्ती लेकर सदर बाजार में बने चबूतरे तुड़वाने लगे। तभी वहां नपा के एसआई योगेश शर्मा एवं नीलेश श्रीवास्तव व अन्य आ गए और उन्होंने जेसीबी रुकवाई। कोतवाली पुलिस ने त्रिवेदी के खिलाफ धारा 341, 294, 427 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज कर मामला विवेचना में ले लिया।

सवाल से बडा सवाल बन गया यह मामला

जब अतिक्रमण तोडा जा रहा था जब सवाल था कि यह अतिक्रमण किसके कहने पर तोडा जा रहा है। अब बडा सवाल यह बन गया कि रिटायर्ड कर्मचारी किसके आदेश पर नगर पालिका पर नौकरी कर रहा था। क्या यह किसी नेता या अधिकारी का वसूली मेन था। वसूली करने के लिए रखा गया था,कि अतिक्रमण के नोटिस दो और वसूली करो,अब यह सवाल बडा बन गया है जिसका जवाब किसी के पास नही है फिलहाल पूरा का पूरा मामला शिक्षा विभाग के इंजीनियर देवेंद्र त्रिवेदी पर फोड दिया है यह इस मामले में एफआइआर से पूर्व दिए गए आवेदन के शब्द चीख चीख कर कह रहे है।

यह इस देश का पहला मामला होगा कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी जबरिया हिटैची अतिक्रमण हटाने के लिए ले गया होगा और साथ में अमला भी चल दिया अतिक्रमण हटाने के लिए। जनता को मुर्ख समझा जा रहा है,सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए कितने भी तर्क नपा प्रबंधन दे सकता है लेकिन जनता की अदालत में मामला सुर्खियों में चल रहा है कि इसका दोषी कौन है।

अगर इस मामले की कांग्रेसी कलई नही खोलते जो जनता को अभी तक यही पता होता कि अतिक्रमण प्रभारी को उसकी गलती की वजह से कार्यमुक्त कर दिया गया है।