SHIVPURI NEWS- DPC त्रिपाठी को मिल रही है धमकी,घोटालेबाज BRC तोमर की जांच का परिणाम,आत्महत्या की धमकी

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में है। DPC अशोक कुमार त्रिपाठी और बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के बीच हुई मारपीट के बाद ना ही पुलिस ने कोई एक्शन लिया और ना ही कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने कोई कार्रवाई की है। मामला शिक्षा विभाग को बदनाम करने वाला था किसी न किसी पर कार्रवाई अवश्य की जानी थी,वही सबसे बड़ा सवाल यह भी बनता है कि एक शिक्षक ( BRC बदरवास अंगद सिंह तोमर ) लगातार अधिकारियों से खेल रहा है अपने ही विभाग का पैसा डकार कर विभाग के अधिकारियों पर दबाव बना रहे है भ्रष्टाचार की जांच सिद्ध हो चुकी है कलेक्टर शिवपुरी की टेबल पर अंगद सिंह तोमर पर कार्यवाही का प्रस्ताव बना रखा है फिर कलेक्टर शिवपुरी इसे आगे क्यो नही बढा रहे है क्यो चुप है कलेक्टर समझ से परे है।

यह कहा डीपीसी ने मीडिया से

बुधवार को डीपीसी ने चर्चा के दौरान मीडिया से यहां तक कहा है कि घटना के बाद से वह व उनका परिवार दहशत में हैं और लगातार धमकियां भी मिल रही हैं। इतना ही नहीं डीपीसी ने उनके कार्यालय के स्टाफ के भी दहशतजदा होने की बात कही है। उनका तर्क है कि कनिष्ठ अधिकारी द्वारा बड़े अधिकारी के साथ इस तरह की गई मारपीट उनके द्वारा जिले को अव्वल लाने के लिए किए जा रहे कसावट भरे प्रयासों का परिणाम है। ऐसे में यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अन्य विभागों में भी यह चलन बन जाएगा और अधिकारी को काम करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि डीपीसी अभी भी भरोसा जाता रहे हैं कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी देर से ही सही लेकिन इस मामले में कार्रवाई जरूर करेंगे।

मोहरा बने ओझा, सब कुछ योजनाबद्ध था

महज विभागीय सोशल साइट ग्रुप पर शिवपुरी BRC को नोटिस देने की बात पर इतने बड़े विवाद को लेकर जब डीपीसी से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर स्वीकारा कि, यह पूरा घटनाक्रम प्री-प्लांड था, जिसकी तैयारी कई महीनों से चल रही थी। डीपीसी का विवाद जिस BRC ओझा से हुआ है उसे लेकर भी वह मानते हैं कि वह तो सिर्फ मोहरा था। घटनाक्रम की पटकथा कहीं और से लिखी गई। उनका तर्क है कि बीआरसीसी को फोन न उठने पर बेहद कनिष्ठ कर्मचारी कम्प्यूटर आपरेटर हेमंत खटीक ने जिस तरह लोक सेवा अधिनियम के विपरीत उनके फोन की रिकॉर्डिंग की जो दर्शाता है कि सब कुछ प्लांड था। इस मामले में वह आपरेटर पर भी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

राजीनामा का दबाव और धमकी

डीपीसी त्रिपाठी की मानें तो घटना के बाद से ही उन्हें मामला निपटाने को लेकर धमकियां मिल रही हैं, हालांकि जब इन धमकियों को देने वाले के संबंध में पूछा तो उनका तर्क था कि राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा है और वे लोग समझाइश भी दे रहे हैं कि राजीनामा नहीं हुआ तो मामला फिजूल में बिगड़ जाएगा।

BRC तोमर की दो बार पुलिस शिकायत, कार्रवाई नहीं

पूरे घटनाक्रम को लेकर DPC त्रिपाठी, बदरवास बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर को षड़यंत्र का सूत्रधार बता रहे हैं। उनका कहना है कि बदरवास कंटनजेंसी घोटाले सहित तोमर इससे पूर्व शिवपुरी में भी कंटनजेंसी घोटाले में लिप्त रहे है और इस मामले की जांच प्रभारी डीपीसी रहते हुए BRC ओझा व दो अन्य लोगों को सौंपी थी। बदरवास मामले में जांच रिपोर्ट उनके प्रतिकूल आई थी, जिसमें कार्रवाई के लिए रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जा चुकी है। वहीं शिवपुरी के मामले में अब तक जांच पूरी न होने को लेकर हाल ही में सीईओ जिपं ने जांच कमेटी के सदस्यों को नोटिस भी जारी किए थे।

षडयंत्र रचा है अंगद सिंह तोमर ने

त्रिपाठी का कहना है कि इन्हीं मामलों से बौखलाए अंगद सिंह तोमर ने ही पूरा षड़यंत्र रचा है। कुछ माह पहले व्हीसी के दौरान उन्होंने आन लाइन जांच व कार्रवाई को लेकर अपनी सामाजिक हत्या होने व डीपीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी थी इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर एसपी को लिखित आवेदन दिया था।

इसी तरह मामले की जांच कर रहे हरीश शर्मा से भी BRC तोमर अभद्रता करते हुए धमकी दी थी। उक्त मामले में भी पुलिस को आवेदन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घटना वाले दिन भी बदरवास बीआरसी तोमर की डीपीसी कार्यालय में मौजूदगी को त्रिपाठी संदेहास्पद व षड़यंत्र का हिस्सा बता रहे है।