SHIVPURI NEWS - कंपनियों की नीति में न्याय नहीं,7 माह बाद कंपनी हटा देती है-बेराजगार मेला में रुचि नही ले रहे युवा

Bhopal Samachar

शिवपुरी। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन कंपनी की  पॉलिसी   के कारण युवा काम करने को तैयार रही है,इस कारण पढे लिखे युवा बेरोजगारों से दूरी बना रहे है। आईटीआई परिसर में रोजगार मेले में पहुंचे युवाओं का कहना था कि हमें रोजगार चाहिए यह बात तो सही है लेकिन स्थायी रोजगार चाहिए ताकि हमें बार-बार नौकरी की तलाश न करना पड़े। कंपनी यहां 7 महीने के पैरोल पर रहेगी और उसके बाद बाहर का रास्ता दिखा देगी ऐसे में कब तक हम जगह जगह नौकरी तलाशते करेंगे।

ऐसे में यदि स्थायी नौकरी आप हमें दे दें तो हम जैसे कई युवा रोजगार भी पा जाएंगे और उन्हें बार-बार के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। यह बात सोमवार को आईटीआई परिसर में आयोजित किए गए रोजगार मेले के दौरान बेरोजगार युवाओं ने कही।

कंपनी आई थी 500 युवाओं को नौकरी देने,लेकिन पहुंचे केवल 100
सुजुकी मोटर गुजरात द्वारा आईटीआई परिसर में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा 10 में 40 फीसदी अंक और आईटीआई 50 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण युवाओं को चयनित करने आई थी कंपनी का लक्ष्य तो 500 युवाओं को 7 महीने का रोजगार देने का था लेकिन युवाओं ने इस रोजगार में लेकर दौरान कोई बड़ा रुझान रोजगार हासिल करने का नहीं बनाया। जिसकी अहम वजह यह रही की रोजगार को चिन्हित करने आई कंपनी 21000 की सीटीसी देने की बात कर रही थी और हाथ में 15500 रुपए दे रही थी।

बलेनो कार बनाने के प्रशिक्षण हासिल करने का अवसर
इस सैलरी को भी युवा पाकर काम करने तैयार थे क्योंकि उन्हें सुजुकी मोटर्स की बलेनो कार बनाने के प्रशिक्षण हासिल करने का अवसर मिल रहा था, लेकिन युवाओं की इच्छा थी कि वह स्थायी रोजगार हासिल करें यहां प्रशिक्षण सीखने के बाद वह कंपनी यही एम्पलाई बन जाए ताकि उन्हें दूसरी जगह रोजगार ढूंढने का दंश न झेलना पड़े पर

यह कहा कंपनी के एचआर योगेश जोशी ने
कंपनी के एचआर योगेश जोशी और अमित बरंडा ने बताया कि जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनियां है मैं इसी तरह से युवाओं को रोजगार देती हैं जिसमें प्रशिक्षण हासिल करने के बाद 7 महीने वह कंपनी में दक्षता हासिल करती है और उसके बाद 5 महीने के बाद फिर से वह कंपनी में आकर काम कर सकते हैंl ऐसे में युवाओं को एक बड़ी कंपनी में काम सीखने का अवसर मिल रहा है जिसके बाद में इस योग्य बन जाते हैं कि कोई भी कंपनी उन्हें हाथों-हाथ ले लेती है।  

निराश नजर आए-कंपनी के टीम मेंबर
500 युवाओं का चयन करना था, 100 ही आए सुजुकी मोटर गुजरात कंपनी के टीम मेंबर अमित बरांडा ने बताया कि वहां 500 युवाओं को रोजगार के लिए चयनित करने आए थे लेकिन यहां सिर्फ एक सैकड़ा आवेदक ही आ सके जिनमें से आधा सैकड़ा युवाओं ने ही रुचि दिखाई।  7 महीने के जॉब के दौरान इन्हें सैलरी तो मिलेगी ही साथ ही सीखने का अवसर भी मिलेगा और यदि बेहतर काम करते हैं तो इन्हीं 5 महीने बाद वापस काम पर रख लिया जाएगा फिर आगे कंपनी निर्णय लेगी क्या और किस तरह से इन्हें परमानेंट करना है फ्रेशर युवा को सबसे पहले जो जो मिले उसका प्रशिक्षण लेना चाहिए इसके बाद भविष्य का डिसीजन लेना चाहिए।

बड़ी कंपनियों में ऐसे ही नियुक्ति होती है कंपनी की जो पॉलिसी है
हम उसी अनुसार नीतिगत निर्णय लेते हैं। चाहे टाटा हो या महिंद्रा हर बड़ी कंपनी में इसी तरह से नियुक्ति की जा रही है, जिस तरह से हम युवाओं को चयनित करने आए हैं। -योगेश जोशी, एचआर टीम सुजुकी मोटर

कंपनी ने भाई को बहार कर दिया,मानसिक रूप से परेशान है
गुजरात कंपनी ने भाई को 7 महीने बाद निकाल दिया ^पहले मेरा भाई जॉब पर गया था, उसने पूरे मन से काम सीखा और उसे काम करने में मजा भी आया, लेकिन 7 महीने बाद उसे काम से बाहर निकाल दिया। अब वह मानसिक रूप से परेशान है । अब उस कंपनी में जाने का मैं कैसे रिस्क ले लूं। -बबलू धाकड़, आईटीआई ट्रेड युवा, शिवपुरी