शिवपुरी। शिवपुरी न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ए के गुप्ता ने शनिवार को एक फैसले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल करने की चाहत रखने वाले आरोपी को 5 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही आरोपी को दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक मनोज रघुवंशी ने की।
अभियोजन के अनुसार वर्ष 2018 को हुई पटवारी भर्ती में मुरैना शहर के वार्ड 6 सिविल लाइन के रहने वाले सूरज जगनेरी पुत्र राजेंद्र ने अपना जाति प्रमाण पत्र सहरिया होने का लगा दिया था। प्रमाण पत्र संदिग्ध पाते हुए शिवपुरी भू-अभिलेख विभाग ने जब जांच की तो सूरज जगनेरी ने जाटव की जगह सहरिया होने का प्रमाण पत्र लगाया था। जिस पर भू-अभिलेख अधिकारी ने पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
जिसमें पुलिस ने आरोपी सूरज के खिलाफ धारा धारा 420, 466, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया था। न्यायाधीश एके गुप्ता ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद आरोपी को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही आरोपी को दो हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित भी किया है।