SHIVPURI NEWS - रिलायंस रिटेल स्टोर की 14 रुपए की धोखाधड़ी पहुंची न्यायालय-2 हजार रुपए देने का आदेश

Bhopal Samachar
शिवपुरी। प्रधान जिला न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद शर्मा, जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने ग्राहक से एमआरपी से 7 रुपये अधिक वसूलने पर रिलायंस रिटेल लिमिटेड पर दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके अलावा आदेश में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने ग्राहक से जो 14 रुपये अधिक वसूल किए हैं, वह वापस करे। इसके अलावा उक्त राशि पर कीवी क्रय करने की तारीख से 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करे। आवेदक की ओर से पैरवी एडवोकेट योगिता झा द्वारा की गई।

परिवाद के अनुसार आवेदक विजय जैन निवासी शिवपुरी ने अनावेदक रिलायंस रिटेल लिमिटेड स्मार्ट पाइंट से 29 दिसंबर 2022 को कीवी इम्पोर्टेड इकोनॉमी के दो पैकेट खरीदे थे। एक पैकेट की एमआरपी 20 रुपये थी। इस हिसाब से दो पैकेट का मूल्य 40 रुपये हुआ, लेकिन अनावेदक ने आवेदन को बिल में कीवी इम्पोर्टेड इकोनॉमी के 54 रुपये अंकित करके दे दिये थे। अनावेदक को उक्त बिल का नकद भुगतान किया था।

आवेदक के अनुसार जब उसने अधिक मूल्य वसूलने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अधिक वसूले गए मूल्य को वापिस मांगा तो अनावेदक ने उसे रूपये वापस नहीं किए और सर्विस चार्ज बताकर उक्त मूल्य को सही बताया। इसी के चलते आवेदक ने अनावेदक के विरूद्ध जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद की।

सुनवाई के दौरान अनावेदक ने अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि आवेदक द्वारा खरीदी गई कीवी इम्पोर्टेड इकोनॉमी की प्राइस 02 नग 54 रुपये थी, जिसका बिल रिलायंस स्मार्ट प्वाइंट द्वारा आवेदक को दिया गया। अगर परिवादी को कीवी की प्राइस ज्यादा लगती तो परिवादी द्वारा कीवी कय करते समय ही कीवी वापस कर दी जाती जो परिवादी ने नहीं की। आवेदक ने मात्र दबाव बनाने के लिए यह परिवाद पेश किया है।

अनावेदक ने आवेदक से एमआरपी रेट से अधिक मूल्य की कोई वसूली नहीं की है। आयोग के अध्यक्ष ने मामले की सुनवाई उपरांत तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अनावेदक एक माह के अंदर आवेदक को कीवी के संबंध में प्राप्त की गई 14 रुपये की अधिक राशि का भुगतान करें एवं 14 रुपये पर कीवी क्रय करने की दिनांक से भुगतान दिनांक तक अतिरिक्त ब्याज 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से प्रदान करे।

अनावेदक आज दिनांक से एक माह के अंदर आवेदक को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए 1000 रुपये एवं परिवाद व्यय के लिए एक हजार रुपये अर्थात कुल दो हजार रुपये अदा करे। उक्त राशि एक माह के अंदर अदा न करने पर एक माह पश्चात से अदायगी दिनांक तक उक्त राशि पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा ।