SHIVPURI NEWS- कोबरा जैसे जहरीले नागों ने डसा 120 लोगों को, सभी को जिंदा वापस किया, झांड फूक वालो की मौत

Bhopal Samachar
शिवपुरी। मानसून काल में सर्पदंश के मामले अधिक आने लगते है ओर सर्पदंश से ग्रसित की मौत खबरे भी मिलने लगते है। वही उन लोगों की मौत की खबरें अधिक मिलती है जो सर्पदंश के बाद सीधे चिकित्सा सहायता ना लेते हुए अंधविश्वास के चलते झांड फूंक कराने लगते है। पिछले 24 घंटो में सर्पदंश से शिवपुरी जिले में 2 मौतों की खबर मिली है इनमे इलाज से पूर्व परिजनो ने डॉक्टरों से अधिक झाड़ फूंक पर विश्वास किया था।

वही सर्पदंश जैसी निगेटिव घटनाओ में पॉजीटिव खबर यह है कि शासकीय मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में पिछले 2 साल में सर्पदंश के 120 मरीजों को भर्ती कराया गया है,जिनमें से जिनमें से सभी जिंदा घर लौटे हैं। इन मरीजों में से 90% को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज किया गया। चौकाने वाली बात यह है कि सर्पदंश के मामलों में 90% मरीजों को कोबरा व क्रेट सांपों ने डसा तो भारत के जहरीले सांपों में गिने जाते हैं।

जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय शिवपुरी पर संचालित शासकीय मेडिकल कॉलेज में जनवरी 2023 से 10 अगस्त 2023 तक सर्पदंश के 56 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि पिछले साल कुल 64 सर्पदंश से संबंधित मरीजों को जीएमसी हॉस्पिटल भर्ती कराया था।

मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर व स्टाफ ने सर्पदंश के मरीजों का इलाज मुहैया कराया और इन 120 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। औसतन 10 में से आठ मरीज को कोबरा व क्रेटा जैसे जहरीले सांपों द्वारा काटा गया है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज खुलने से पहले सर्पदंश के गंभीर मरीजों को पहले ग्वालियर रेफर किया जाता था। लंबी दूरी की वजह से अधिकांश मरीजों की रास्ते में ही मौत हो जाती थी।

पिछले 24 घंटो में झाडफूक से इनकी मौत

जानकारी के अनुसार रायश्री निवासी धर्मेन्द्र पुत्र बैजनाथ जाटव रात में अपने घर में सो रहा था। इसी दौरान किसी जहरीले सांप ने उसे डस लिया। सांप द्वारा युवक को डंसे जाने के उपरांत उसके स्वजन उसकी झाड़-फूंक करवाने में लगे रहे। ऐसे में लगातार उसकी हालत बिगड़ती चली गई।

अंत में उसे उपचार के लिए बेहोशी की हालत में शिवपुरी मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

महिला जिंदा अस्पताल नही पहुंच पाई

बामौरकला थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर को ग्राम गूडर की रहने वाली सरोज लोधी उम्र 35 साल अपने घर में खटिया डाल कर सो रही थी। बताया जा रहा है कि सरोज जिस कमरे में सो रही थी उसकी दिवालो का प्लास्टर नहीं हुआ है और वह ईंटो से बनी हुई है उसमें दरार भी हो रही थी। सरोज की खटिया दिवार से चिपकी हुई थी उसी दीवार की किसी दरार से सांप आया और सरोज की उंगली में डस लिया।

जब सर्प ने सरोज का डसा तो वह उठ गई उसने सांप को दरार में जाते हुए देख लिया। सांप के काटने से सरोज लोधी की उंगली में ब्लड निकलने लगा। सरोज ने अपने देवर लाल सिंह लोधी को सांप काटने की बात बताई। बताया जा रहा है कि सरोज को एक बाइक से परिजन उसे पास के ही सिद्ध स्थान पर ले गए जहां दो घंटे की झाड फूक की गई। जब सरोज को फायदा नहीं मिला तो उसको झांसी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार की सुबह सरोज का पीएम कर अंतिम संस्कार किया गया।

पति को जिस सांप ने डसा, उसने पत्नी को भी डसा, दोनों सुरक्षित

प्रमोद आदिवासी उम्र 25 साल को 9 जुलाई को घर में सांप ने डस लिया। प्रमोद को जीएमसी हॉस्पिटल भर्ती कराया। जहर ज्यादा होने से वेंटिलेटर पर रखकर इलाज चला। उधर पत्नी ग्यासा घर के बिलों को बंद कर रही थीं, तभी उसी कोबरा सांप ने उन्हें भी डस लिया। हालांकि दूसरी बार सांप का जहर कम रह गया था । ग्यासा इलाज मिलने से जल्द ठीक हो गईं। पति-पत्नी दोनों सुरक्षित हैं।

रात में सांप ने डस लिया, सुबह बेहोश मिला

पिछले दिनों पडोरा चौराहा स्थित पुल के नीचे लोग ठेले आदि लगाकर दुकानदारी करते हैं। एक दुकानदार रात को जमीन पर सो गया। लोगों ने दुकानदार को बेहोशी की हालत में देखा तो अस्पताल भर्ती कराया। रेफर होकर जीएमसी हॉस्पिटल भर्ती कराया। सर्पदंश के लक्षण देखे तो तुरंत इलाज शुरू किया और युवक की जान बच गई।

जिन मरीजों के शरीर में जान थी, उन सभी को बचा लिया

जीएमसी हॉस्पिटल में पिछले साल सर्पदंश के 64 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया था। इस बार 10 अगस्त तक 56 मरीज भर्ती रह चुके हैं। सभी मरीज इलाज से ठीक हो चुके हैं। जिन मरीजों के शरीर में जान थी, उन्हें सभी को हमने इलाज से बचा लिया है। झाड़फूंक के मामले में कई मरीजों की जान चली जाती है। -
डॉ रीतेश यादव, विशेषज्ञ एवं विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग जीएमसी शिवपुरी