SHIVPURI NEWS - शहर के 10 हजार परिवारों की बडी हार्टबीट के लिए संजीवनी का काम कर गया मोती​ महल से मिला रिकॉर्ड

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शहर के झांसी तिराहा क्षेत्र में निवास करने वाले 10 हजार परिवारों की हार्टबीट पिछले एक साल से बड रही थी,कारण उनके प्लॉट और जमीन पर वन विभाग ने अपना दावा प्रस्तुत कर दिया। इस कारण इन सर्वे नंबरो की जमीन के खरीद फरोख्त पर रोक लग गई थी। इतना ही वन विभाग ने इस जमीन पर अतिक्रमण करने का प्लान बनाते हुए उक्त सर्वे नंबरो में खाली जमीन पर बाउंड्री भी करना शुरू कर दिया था।

वन विभाग द्वारा अपनी जमीन बताकर बाउंड्री किए जाने से इस भूमि क्षेत्र सहित शहर की कई कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही थी, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन भर की जमा पूंजी जमीन के उस टुकड़े को खरीद कर मकान बनाने में लगा दी है।

पूर्व डीएफओ ने बंद करवा दी थी रजिस्ट्री
शिवपुरी की पूर्व डीएफओ ने रजिस्ट्रार एवं तहसीलदार को सर्वे नंबरों की एक लिस्ट देकर इस जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगवा दी। लगभग एक साल से उक्त जमीनों की रजिस्ट्री बंद हो जाने से शहर के हवाई पट्टी एरिया, तुलसीनगर, राघवेंद्र नगर कॉलोनी, मदक पुरा, लुधावली, गौशाला में रहने वाले 10 हजार परिवारों की चिंता बढ़ गई। कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें अपना एक प्लॉट बेचकर अपनी बेटी की शादी करनी थी, लेकिन वे शादी नहीं कर पा रहे हैं।


वर्ष 62-63 में हो गई थी जमीन ट्रांसफर
शिवपुरी के कॉलोनाइजर मोनू भगवती ने बताया कि हमने मोती महल से जमीनों के रिकॉर्ड निकलवाए तो वहां रिकार्ड में पता चला कि उक्त पूरी जमीन वर्ष 1962-63 में वन विभाग से राजस्व विभाग को ट्रांसफर हो गई थी। मोनू ने बताया कि हमने जो पुराना रिकॉर्ड निकलवाया, उसकी कॉपी हमने डीएफओ व जिलाधीश को भी दे दी है। रिकॉर्ड की कॉपी दिए जाने रके बाद वन विभाग ने बाउंड्री बनाने का काम बंद कर दिया है।

उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय होना बाकी
जिस भूमि पर वन विभाग ने दावा किया था उसका रिकार्ड वह अभी तक नहीं बता सका है। जबकि दावे से प्रभावित कई लोग ग्वालियर से रिकॉर्ड निकलवाकर ले आए हैं, जिसमें भूमि राजस्व की है। अब इस मामले में चल रही जांच अंतिम चरण में है तथा उच्च स्तरीय बैठक में उसका निर्णय हो जाएगा। .
सिद्धार्थ शर्मा तहसीलदार शिवपुरी

रिकार्ड में जमीन राजस्व की
जिस जमीन पर वन विभाग ने अपना दावा किया है, वहां के कुछ लोग ग्वालियर से पुराना रिकार्ड निकलवा कर लाए हैं, जिसमें राजस्व की जमीन नजर आ रही है। हमने फोरेस्ट से भी उनका रिकार्ड मांगा है, तथा उनके दस्तावेज आ जाएं, तब उसके बाद निर्णय होगा।
रविंद्र कुमार चौधरी,कलेक्टर शिवपुरी