KUNO में कीडो ने मार डाला मादा चीता धात्री को- इससे पहले दो चीतो का भी कर चुके है शिकार

Bhopal Samachar
भोपाल। कूनो नेशनल पार्क श्योपुर के खुले जंगल में एक दिन पहले बुधवार को मादा चीता धात्री की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि धात्री की मौत फ्लाई लाव (मैगाट्स) के कीड़ों के संक्रमण (मायोसिस) से हुई है। इससे पहले दो नर चीतों की मौत भी फ्लाई लाव से हुए संक्रमण से हुई थी।

नामीबिया की सीसीएफ ( चीता कंर्जवेशन फंड) ने गुरुवार को देर रात ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है। पीएम के दौरान कूनो के चिकित्सक दल के साथ सीसीएफ की टीम भी साथ रही है। मायोसिस वन्य जीवों के अलावा मनुष्यों में भी होता है। बारिश के उमस भरे सीजन में यह संक्रमण फैलता है।

सीसीएफ की ओर से बताया गया है कि कूनो की टीम के साथ उनकी ओम पिछले 10 दिनों से धात्री को ट्रेंकुलाइज करने के लिए नजर रख रही थी। इस दौरान धात्री ने जंगल में शिकार भी किया है। फ्लाई लार्वा के खतरे को देखते हुए बाकी चीजों से कॉलर आइडी हटा दिए हैं। अब बेहतर सामग्री से निर्मित कालर को परीक्षण कर निगरानी के लिए उपयोग में लाया जाएगा।

मौत का कारण जानने कूनो पहुंची डब्ल्यूआइआइ की टीम

कूनो नेशनल पार्क में एक दिन पहले नामीबिया से लाई गई मादा चीता धात्री की मौत के कारणों की समीक्षा करने भारतीय वन्यजीव संस्थान ( डब्ल्यूआइआइ) देहरादून और दक्षिण अफ्रीकी एक्सपर्ट की टीम कूनो नेशनल पार्क पहुंची है। 12 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को सुबह से देर रात तक पड़ताल की और बड़े बाड़े व क्वारंटाइन बाड़े में रह रहे चीतों की स्थिति जानी।