शिवपुरी। गुना शिवपुरी अशोकनगर के क्षेत्र के सांसद डॉक्टर के.पी. यादव ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाल कर अशोकनगर के रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण होगा यह बताया था। लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल मध्य में देश के 506 रेलवे स्टेशनो का भूमिपूजन किया है। जिसमे मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशन शामिल है साथ ही इसमें शिवपुरी का रेलवे स्टेशन भी शामिल है। लेकिन आज के इस वर्चुअल भूमिपूजन में अशोकनगर का नाम नहीं था जिसके बाद अब सांसद डॉक्टर केपी यादव पर सवाल खड़े हो रहे है।
दरअसल, सांसद डॉक्टर केपी यादव ने स्टेशन के कायाकल्प करने के लिए प्रेस नोट जारी किया था। उन्होंने 27 जुलाई को सोशल मीडिया पर रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण का प्रारूप फोटो भी शेयर किया था। जिससे क्षेत्र की जनता को यह जानकर अच्छा लगा था कि अशोकनगर का रेलवे स्टेशन का भी भव्य निर्माण होगा। यहां तक कि स्टेशन का मुआयना करने के लिए पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता और रेल मंडल भोपाल प्रबंधक भी दो बार दौरा कर चुके है। एकाएक रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन योजना से नाम हटने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में अधिक जानकारी लेने के लिए सांसद डॉक्टर केपी यादव को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया,
वहीं इस मामले पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीप्रकाश से बाद की गई तो उन्होंने कहा की जैसा कि आपने बताया कि अशोकनगर के रेलवे स्टेशन का उसमे नाम था उसके बाद निरस्त कर दिया तो यह तो गलत है, कि पहले तो तुमने रेलवे स्टेशन का नाम अमृत भारत योजना में स्वीकृत कर दिया और फिर निरस्त कर दिया यह तो बेईमानी है। में कल बात करता हूॅ जो यहां के सांसद प्रतिनिधि है और पता करता हूॅं कि ऐसा क्यों हुआ है। उस रेलवे स्टेशन का बजट अधिक है इसलिए या तो रेल मंत्रालय ने ही निरस्त किया होगा।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय सिंह चौहान से इस मामले में बात कि गई तो उन्होंने कहा कि यह तो अच्छी बात है कि हमारे शिवपुरी के रेलवे स्टेशन का नया पुनर्निर्माण हो रहा है। और यहां तक अशोकनगर के स्टेशन कि बात है तो अशोकनगर के नेता जानें और आज के भाजपा के कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोटो की बात करे कि बैनर से किसने हटाया क्यों हटाया यह तो हमें नहीं मालूम लेकिन उनकी स्थिति क्या है भाजपा में इस बात से पता चलता है।
यह अशोकनगर की जनता के लिए एक अश्चार्यजन बात है कि अचानक से नाम गायब हो गया। इस घटना का असली वजह तो रेलवे स्टेशन के दावा करने वाले अधिकारी और इस क्षेत्र के सांसद डॉक्टर केपी यादव ही बता सकते है। कि इसकी असली वजह क्या है।