एक्सरे ललित मुदगल @ शिवपुरी। मप्र इस साल विधानसभा चुनाव होने है कांग्रेस पूरी ताकत लगाकर सत्ता हासिल करना चाहती है वही भाजपा सत्ता पर बने रहना चाहती है। अखिल भारतीय कांग्रेस ने ने मप्र में 4 पर्यवेक्षक बनाए है जिसमें शिवपुरी कोलारस सहित 19 विधानसभा सीटों का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है प्रदीप टम्टा को। मप्र में 70 विधानसभा सीट ऐसी है जो कांग्रेस पिछले 3 या चार बार से जीत को तरस रही है। जिसमे से शिवपुरी विधानसभा सीट का नाम हैं।
बीते रोज कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा शिवपुरी आए और शिवपुरी कांग्रेस बॉडी सहित जिले के नेताओं से मिले,इस बैठक में एक ही स्वर निकलकर आया कि आयातित प्रत्याशी और विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस का त्याग करने वाले नेताओं जो अब टिकट की चाह में कांग्रेस में वापस आ गए है उन्हें पार्टी टिकट नहीं दे वही ऐसे लोगों को वरीयता दी जाए तो मुश्किल में भी पार्टी के साथ खड़े थे। यह प्रस्ताव जिला कांग्रेस कमेटी और शहर कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पास करके दिया है। प्रदीप टम्टा ने कहा आपकी भावनाओं की रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर देगें। आइए इस पूरे मामले का एक्सरे करते है।
ग्वालियर राजघराने के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस का हाथ छोड भाजपा का दामन थामा था उस समय कांग्रेस के सैकड़ों नेता ग्वालियर चंबल संभाग में अपना त्याग पत्र कांग्रेस को दिया था। लेकिन अब चुनावी साल में फिर दल बदल की बयार चल रही हैं ऐसे में नेता फिर कांग्रेस में वापसी कर रहे है जिसमे शिवपुरी के राकेश सावलदास गुप्ता और कोलारस से बैजनाथ सिंह यादव ने वापसी की है। अभी शिवपुरी जिले के कई नेता कांग्रेस से लगातार संपर्क बनाए हुए है जो अपनी शर्तों पर कांग्रेस में वापसी कर रहे है।
पहले पढे पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा के दौरे की खबर
कांग्रेस पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा ने होटल कमला हेरिटेज में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक के दौरान मंच से गणेश गौतम, अजीत भदौरिया, एपीएस चौहान, विजय चौकसे, आलोक शुक्ला, राजेन्द्र गुर्जर, साजिद विद्यार्थी, इंदू जैन, अमित शिवहरे, पुनीत शर्मा आदि ने नए लोगों को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की।
पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने मंच से यह प्रस्ताव रखा कि जिला कांग्रेस कमेटी यह प्रस्ताव पास करके पीसीसी और एआइसीसी को भेजे। दोनों अध्यक्ष विजय सिंह चौहान और श्रीप्रकाश शर्मा ने सहमति देकर इस प्रस्ताव को पास कर दिया। पर्यवेक्षक टम्टा ने कहा कि में आपकी भावनाओं को ऊपर तक पहुंचाऊंगा। आपको संविधान की और लोकतंत्र की लड़ाई लड़नी है क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है।
अब समझे मामले को
कुल मिलाकर संकट के दिनों में जो नेताओं ने कांग्रेस का साथ दिया उन्हीं लोगों में से टिकट दिया जाए,अब अगर ऐसा होता है कि तो शिवपुरी विधानसभा में राकेश सावलदास गुप्ता की दावेदारी खतरे में पड जायेगी,क्योंकि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए थे अब चुनावी साल में कांग्रेस में वापसी की है। कयास लगाया जा रहा है कि वह टिकट के लिए ही सिंधिया का साथ छोड कर कांग्रेस में आए है। यही सूत्र कोलारस से बैजनाथ यादव पर लागू होता है क्या वह भी सिंधिया समर्थक नेताओं के रूप में गिने जाते है। इसलिए ही कांग्रेस को छोड सिंधिया का हाथ पकड़ भाजपा की ओर चले गए थे।
नाम ना छापने की शर्त पर कड़वे बोल बोले कांग्रेसी ने
इस मामले में सीधी प्रतिक्रिया देने से कांग्रेस के स्थानीय नेता बच रहे है,क्योंकि पाटी् को खड़ी करना है और ऐसे कोई बयान नहीं देना है जिससे स्थानीय स्तर पर शीत युद्ध शुरू हो जाए। कांग्रेस नेता का कहना था कि सालो बाद स्थानीय स्तर पर कांग्रेस खुलकर काम रही है,अब कांग्रेस के शुद्ध डीएनए वाले लोग ही कांग्रेस में बचे थे,लेकिन अब घर वापसी कार्यक्रम चल रहा है,टिकट के नाम पर नेता कांग्रेस की ओर दौड़ लगा रहे है,ऐसे में किसी ऐसे नेता का टिकिट मिल जाता है जिसमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का डीएनए नहीं हो,अब कांग्रेस में आ गए है तो स्थानीय स्तर के नेताओं का मनोबल टूट जाता जाएगा,अपने प्रदेश के नेताओं से भरोसा उठ जाएगा क्योंकि उन्होंने कई बार कहा कि सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस आजाद हो गई है।
प्रचंड तूफान में भी कांग्रेस की नैया पर सवार थे नेता
राजनीतिक पंडितो का कहना है कि जब केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का त्याग किया था उस तूफान में कांग्रेस की सरकार उड गई थी,कांग्रेसी लगातार भाजपा का दामन थाम रहे थे कुछ नेता ऐसे भी बचे थे जो कांग्रेस के साथ खड़े थे। जब ऐसा लग रहा था कि खासकर ग्वालियर चंबल संभाग में कही यह क्षेत्र कांग्रेस मुक्त ना हो जाए,कुछ ही लोग कांग्रेस की डूबती नैया में खड़े थे। अब समय बदला है भाजपा के चेहरो और नीतियों से प्रदेश की जनता से परेशान हो चुकी है सरकार को बदलने के मूड में दिख रही है,अब प्रदेश में सत्ता डूबने के कगार पर है,और डूबते जहाज से पक्षी सबसे पहले उडते है कुछ ऐसा ही अब हो रहा है नेता दल बदल रहे है और प्रदेश कांग्रेस के नाथ मानसिक गेम खेल रहे है सिंधिया को मानसिक रूप में पटकनी देने के लिए सिंधिया निष्ठ नेताओं को अपने दल में मिला रहे है और यह भी कह रहे है कि टिटिक मी शर्त पर किसी की वापसी नहीं कराई जा रही है। यह खेल ऐसा चल रहा है जैसे किसी चूहे हो खाने का लालच देकर चूहे को ललचाया जाता है ऐसे की कांग्रेस के पिंजरे में विधानसभा का टिकट टंगा है और नेता टिकट के लालच में आ रहे है।
यह है शिवपुरी विधानसभा का टिकट का गणित
शिवपुरी विधानसभा में कांग्रेस जीत को तरस रही है,लगातार हार का मुंह देख रही है। राष्ट्रीय स्तर से शिवपुरी के नेताओं को संकेत मिल रहा है कि शिवपुरी में किसी ब्राह्मण या क्षत्रिय नेता को टिकट मिल सके। वह भी ऐसे नेता को जो लगातार अपने विरोधी पर जुबानी हमले कर कर सके,तत्काल क्रिया पर प्रतिक्रिया दे सके। शिवपुरी में ब्राह्मण नेताओं की बात करे तो पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला अपने बेटे आलोक शुक्ला के लिए टिकट की पैरवी कर रहे है,वह राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में अपनी बात रख रहे है कि सबसे ज्यादा हार के नजदीक हम आए है और महल के विरोध में हमेशा बोलते रहे है। वही पूर्व विधायक गणेश गौतम भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे है।
भाजपा नेता धैर्यवर्धन भी कांग्रेस में जाने के लिए लालायित है,लगातार संकेत दे रहे है कि भाजपा की उपेक्षा से नाराज है युवा नेता है बोलने में तेज तर्रार है कांग्रेस की टिकट की लाइन में फिट बैठते हैं। वही अन्य नेताओं में शिवपुरी नगर पालिका प्रतिपक्ष नेता शशि शर्मा,नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा, कांग्रेस नेता नरेन्द्र जैन भोला, घर में वापसी की राकेश गुप्ता,और युवा नेता अमित शिवहरे अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। वही आप सोच रहे होगें इस लिस्ट मे किसी क्षत्रिय नेता का नाम रही है लेकिन प्रदेश कांग्रेस से संकेत मिल रहे है कि ऐसा क्षत्रिय चेहरा है जो शिवपुरी के नेताओं को सर्वमान्य होगा और स्थानीय स्तर के संगठन में उसके आने से ऊर्जा का संचार होगा।
सर्वे तीन प्रकार के
बताया जा रहा है कि टिकट के लिए राष्ट्रीय स्तर से सर्वे कराया जा रहा है वही कांग्रेस की प्रदेश बाॅडी भी अपने स्तर से सर्वे करा रही है,तीसरा सर्वे स्थानीय स्तर पर जिला अध्यक्ष और संगठन प्रभारी का रहेगा। वही अंत में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि शिवपुरी में एक ब्राह्मण चेहरा है जिस पर अभी किसी पाटी्र की छाप नहीं है ब्राह्मण समाज के अतिरिक्त भी सभी समाज में लोकप्रिय है यह चेहरा भी लगातार प्रदेश के नाथ कमलनाथ के संपर्क है जिला स्तर और प्रदेश स्तर के नेता इस नाम पर जोर लगा रहे है।