खनियाधाना। शिवपुरी अशोकनगर की सीमा पर बन उरू नदी पर बनाया गया नागा होरी डेम से खेतो के सिचाई के लिए निकाली गई नहर के कारण खनियाधाना ब्लॉक के 100 आदिवासी परिवार भूमिहीन हो गए। इन परिवारों को भी तक मुआवजा भी नही मिला है। इस कारण इन आदिवासियों एकलव्य संगठन खनियाधाना के बैनर तले मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम खनियाधाना प्रभारी तहसीलदार प्रमोद सिंह तोमर को ज्ञापन दिया।
जानकारी के अनुसार अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर खनियाधाना के ब्लॉक के
आदिवासी समुदाय की महिलाएं एवं पुरुषों द्वारा तहसील कार्यालय के प्रांगण में एकत्रित हो कर प्रदर्शन किया। जिसमें नारे लगाते हुए कहा हम अपना अधिकार चाहते नहीं किसी से भीख मांगते ' एकलव्य संगठन जिंदाबाद ' भारत माता की जय के नारे लगाते हुए अपनी मांगो को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम खनियाधाना प्रभारी तहसीलदार प्रमोद सिंह तोमर को ज्ञापन दिया।
संगठन के प्रवक्ता राजेश आदिवासी ने बताया कि क्षेत्रीय नागा होरी डैम की नहर में हमारी खनियाधाना तहसील के आदिवासियों की कृषि भूमि शासन द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है। जिस पर नहर बनकर तैयार हो जाने के कारण हम कृषि भूमि से वंचित हो गए हैं। और खाने के लाले पड़े हुए हैं। अधिकारी कहते हैं ,कागज लाओ ,दुरुस्त कराओ, कुछ कर लो , इसके बाद भी पिछले 5 वर्ष से हम संबंधित कार्यालयों के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं।
हमें हमारी कृषि भूमि का मुआवजा इस महीने यदि नहीं दिया जाता है तो आदिवासी समुदाय के लोग "गुरु द्रोणाचार्य द्वारा प्रणीत संगठन एकलव्य के बैनर तले भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि हे मामाजी आप हमें अपना भाई कहते हो लेकिन हम लोग परेशान हो रहे हैं। हमारी समस्या का समाधान करो।
जानकारी के अनुसार अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर खनियाधाना के ब्लॉक के
आदिवासी समुदाय की महिलाएं एवं पुरुषों द्वारा तहसील कार्यालय के प्रांगण में एकत्रित हो कर प्रदर्शन किया। जिसमें नारे लगाते हुए कहा हम अपना अधिकार चाहते नहीं किसी से भीख मांगते ' एकलव्य संगठन जिंदाबाद ' भारत माता की जय के नारे लगाते हुए अपनी मांगो को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम खनियाधाना प्रभारी तहसीलदार प्रमोद सिंह तोमर को ज्ञापन दिया।
संगठन के प्रवक्ता राजेश आदिवासी ने बताया कि क्षेत्रीय नागा होरी डैम की नहर में हमारी खनियाधाना तहसील के आदिवासियों की कृषि भूमि शासन द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है। जिस पर नहर बनकर तैयार हो जाने के कारण हम कृषि भूमि से वंचित हो गए हैं। और खाने के लाले पड़े हुए हैं। अधिकारी कहते हैं ,कागज लाओ ,दुरुस्त कराओ, कुछ कर लो , इसके बाद भी पिछले 5 वर्ष से हम संबंधित कार्यालयों के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं।
हमें हमारी कृषि भूमि का मुआवजा इस महीने यदि नहीं दिया जाता है तो आदिवासी समुदाय के लोग "गुरु द्रोणाचार्य द्वारा प्रणीत संगठन एकलव्य के बैनर तले भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि हे मामाजी आप हमें अपना भाई कहते हो लेकिन हम लोग परेशान हो रहे हैं। हमारी समस्या का समाधान करो।