SHIVPURI NEWS - नर्सिंग स्टाफ ने सौंपा सिविल सर्जन को सूचना पत्र, मांगे नही मानी तो होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल

Bhopal Samachar
शिवपुरी। प्रदेश भर के जिला अस्पताल में पदस्थ रेगुलर नर्सिंग स्टाफ ने अन्य प्रदेशों की भांति सेकंड ग्रेड पे की मांग करते हुए वेतन विसंगति दूर करने के लिए आंदोलन की राह अख्तियार करने का मन बना लिया है। इसी क्रम में मंगलवार को जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंप कर सूचना दी है कि अगर वेतन विसंगति दूर नहीं की गई तो वह 10 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

ज्ञापन में उल्लेख है कि नर्सिंग आफिसर एसोसिएशन द्वारा कई वर्षों से अपनी मांगों निराकरण के संबंध में बात की है और ज्ञापन भी सौंपे हैं परंत अभी तक किसी भी प्रकार का कोई निराकरण नहीं किया गया है, जिससे नर्सिंग स्टाफ में रोष व्याप्त है। इसी के चलते 3 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है, जिसकी जिम्मेदारी शासन की है। ज्ञापन के माध्यम से नर्सिंग स्टाफ ने नर्सेस व अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी 300 रुपये प्रति रात्री आकस्मिक चिकित्सा भत्ते की मांग की है। इसके अलावा प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी अधिकारी कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन किए

जाने के साथ-साथ भर्ती नियमों में संशोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सुझाव लिए जाने की बात कही है। ज्ञापन में उल्लेख है कि ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज में जीएनएम नर्सिंग को तीन एवं बीएससी नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गयी हैं, जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं दी गई हैं। विभाग सौतेला व्यवहार किया गया है। ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज की भांति अन्य शेष मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग ऑफिसर को तीन एवं चार वेतन वृद्धि दी जाये । नर्सिंग स्टाफ की मांग है कि नर्सिंग स्टूडेंट का स्टायफंड तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये किया जाए । नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पदोन्नति पद पर पदभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाए।

नर्सिंग आफिसर ने मांग की है कि शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70 प्रतिशत 80 प्रतिशत 90 प्रतिशत मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाए और पुरानी पेंशन पुत्र की भांति लागू की जाए।