SHIVPURI NEWS- भाजपा के पैरामीटर पर खरी उतरती है डॉ सलौनी सिंह, यहां जातिवाद के आकडें भी है नमस्तक

Bhopal Samachar
शेखर यादव @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले में 5 विधानसभा है इसमें अगर शिवपुरी को छोड़ दिया जाए तो पिछोर,करैरा,कोलारस और पोहरी अगर पोहरी विधानसभा की बात करे तो पोहरी विधानसभा सबसे पिछड़ी विधानसभा है। पोहरी कस्बे से जिस विधानसभा को पहचान जाता है वह कुछ साल पूर्व ग्राम पंचायत थी दो वर्ष ही पूर्व पोहरी को नगर पंचायत का दर्जा मिला है। सीधे भाषा में बात करे तो आजादी के लगभग 75 वर्ष बाद पोहरी के लोग पानी का तरसते है। अगर विधानसभा के किसी एक उल्लेखित विकास की बात करे तो बराबर में शून्यता ही आएगा,ऐसे क्या कारण रहे है पोहरी की विधानसभा के पिछड़ेपन के।

सीधी भाषा मे लिखे तो पोहरी विधानसभा में चुनाव विकास के मुद्दों पर नही जातिवाद के श्राप पर लड़ा जाता है। पोहरी विधानसभा में धाकड़ और ब्राह्मण जाति से टिकिट मिलता आया है। कैलाश कुशवाह एक ऐसे नेता रहे है जिन्होने जाति के मिथक का तोडा है,लेकिन राजनीतिक पार्टी के पैरामीटर में जाति सबसे बडा हथियार है वह अपने इस हथियार का त्याग नही कर सकती है।

अब पोहरी को जातिगत श्राप से भी मुक्त होना है और पोहरी का विकास भी करना है। अभी तक पोहरी में जातिगत गणित से ही चुनाव लड़ा गया है—ऐसा कौन सा प्रत्याशी हो सकता है जो जिसके आगे जातिगत गणित नमस्तक हो जाए और पार्टी के पैरामीटर पर ही खरा उतर रहा हो और सबसे बड़ा सवाल जो इस विधानसभा में चाणक्य की भूमिका अदा करे जो अपनी शिखा खोल ले और लोकतंत्र का अपना धर्म मानते हुए जातिगत राजनीति से ऊपर हो उठ केवल जनसेवा को अपना भगवान माने और विकास को अपना धर्म।

भाजपा की बात करे तो उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है,सबसे पहले वर्तमान विधायक और राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा,पूर्व विधायक राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त प्रहलाद भारती,पूर्व विधायक राज्य मंत्री नरेंद्र बिरथरे,सोनू बिरथरे दिलीप मुद्गल का अपना टिकिट की दावेदारी जता रहे है लेकिन ग्वालियर से एक नाम पोहरी विधानसभा के लिए आता दिख रहा है वहां जातिगत आंकड़े भी नमस्तक हो रहे है पिछले 15 साल से चाणक्य की भूमिका में है पोहरी को लेकर उनके पास अपना एक विजन भी है और सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस नाम को सीएम हाउस से भी हरी झंडी मिल रही है।

हम बात करे है डॉ सलोनी सिंह की,डॉ सलोनी सिंह पीएचडी डिग्री धारी है धाकड़ है यहां पार्टी के जातिगत आंकड़े को बल मिल रहा है लेकिन उनके व्यवहार लोगों से जो पिछले 15 सालो से सतत संपर्क है उससे लगता है कि इस प्रत्याशी के यहां जातिवाद शून्यता की श्रेणी में आता है। यहां जातिगत आंकडे नमस्तक हो रहे है।

डॉ सलोनी सिंह क्या आवश्यक है पोहरी विधानसभा के लिए

पोहरी विधानसभा में आमजन को होने वाली समस्या की बात की जाए तो मुख्य समस्या पानी की हैं। जो की कई वर्षो से चली आ रही है। अभी तक इसमें कोई सुधार नहीं किया गया है। ग्रामीणों को कुओं का सहारा लेना पड़ता है। पोहरी क्षेत्र से गांव तक की कनेक्टिविटी के लिए रोड़ का अभाव है। गांव की रोड़ों की हालत अगर देखी जाए तो बहुत ही जर्जर हालत है। पोहरी के छर्च में रोड़ तक नही बनी है। बल्कि रोड़ खुदी पड़ी है। रोड़े में गड्डे है जिससे लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता कई गांवों में तो कीचड़ भरे रास्तों से होकर जाना पड़ता है।

1 घंटे की बरसात में पूरा पोहरी जलमग्न हो जाता है। पिछले दिनों बाढ़ जैसे हालात देखने में आए थे। गांवों में खम्बे तो है। पर उन पर लाइट नही है। पूरे गांव में अंधेरा पसरा पड़ा रहता है। लाइट के नाम पर केवल पोहरी के मुख्य चौराहे पर लाइट लगाई गई है। पोहरी के पास जुड़े कुछ ऐसे गांव ग्वालीपुरा,ननौरा,बैंटा,चकराना,जखनौंद आदि गांव में विकास की चिड़िया आज तक नही दिखाई दी है।

चाणक्य की भूमिका इस कारण पोहरी के लिए

आचार्य चाणक्य से आप सभी परिचित होगें। आचार्य चाणक्य ने अपनी शिखा खोलते हुए अपनी मातृभूमि के लिए कसम खाई थी,पोहरी डॉक्टर सलोनी सिंह की कर्मभूमि है वह पिछले 15 वर्षो से अपनी सेवाए दे रही है पिछले 15 सालो से पोहरी क्षेत्र में फ्री मेडिकल कैंप लगा रही है। पोहरी क्षेत्र के लोगो को जब सबसे ज्यादा जब ग्वालियर में मेडिकल के क्षेत्र में आवश्यकता होती है तब एक ही नाम याद आता है डॉक्टर सलोनी सिंह।

माफ करना शब्द थोडे कडे हो सकते है,लेकिन लिखने पड़ेंगे की आम तौर पर कोई नेता किसी के यहां मरने के बाद शोक प्रकट करने जाते है जाना भी चाहिए हमारी भारतीय संस्कृति है शोक प्रकट करना,लेकिन डॉ सलोनी सिंह एक ऐसा नाम है कि उन्होने पोहरी के हजारो लोगो को मरने से बचाया है वह इसलिए उनके पति डॉ आरकेएस धाकड ग्वालियर के मेडिकल के क्षेत्र मे जाना पहचाना नाम है। डॉ सलोनी सिंह लोगो को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराती है और यह वह रूबरू रूप से वह समझते होंगे जिनकी जयारोग्य हॉस्पिटल में डॉ सलोनी सिंह ने मदद की है।

अपना एक विजन है पोहरी के लिए डॉ सलोनी सिंह के पास

डॉ सलोनी सिंह की योग्यता की बात करे तो वह पीएचडी है। इसलिए उन्होने पोहरी विधानसभा को 6 अलग अलग क्षेत्रों में बाँटा है जिनकी अलग अलग तरह की समस्याए है,उनके पास इसको हल करने के लिए रूट मैप है। यह बात सही है जिस नेता के पास अपना एक प्लान होता है सोच होती है वह क्षेत्र का विकास कर सकता है। डॉ सलोनी सिंह का पारिवारिक बैकग्राउंड भाजपा का है एक विधायक जैसी सुख सुविधाएं उनके पास पूर्व से है-अगर पोहरी विधानसभा से भाजपा उन्हें अपना प्रत्याशी बनाती है और वह विजयश्री का वरण करती है तो अवश्य ही पोहरी का विकास संभव है तस्वीर बदल सकती है क्यो वह कहती कि पोहरी की हर समस्या का इलाज मेरे पास है।