SHIVPURI NEWS- जिला पंचायत कांड के बाद वीरेंद्र रघुवंशी और महेंद्र यादव के बीच खुली जंग शुरू

Bhopal Samachar
शिवपुरी जिला पंचायत में हुए बवाल के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के सिंधिया समर्थक एवं टिकट के दावेदार महेंद्र यादव और विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी के बीच खुली जंग शुरू हो गई है। रघुवंशी गुट की तरफ से जवाबी हमले के बाद यादव गुट बचाओ की स्थिति में दिखाई दे रहा है परंतु अब तक के संघर्ष में नुकसान रघुवंशी गुट का ही हुआ है। 

जिला पंचायत कांड और पर्दे के पीछे की कहानी 

शिवपुरी जिला पंचायत में बैठक के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह अचानक हुआ कोई घटनाक्रम नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस आग की चिंगारी बहुत पहले से सुलग रही थी। महेंद्र यादव का आशीर्वाद प्राप्त नेहा यादव और जिला पंचायत के कामों में निरंतर हस्तक्षेप करने वाले उनके पति अमित यादव लगातार कुछ ऐसा कर रहे थे, जिसके कारण यह चिंगारी ना केवल अस्तित्व में आई बल्कि शोला बन गई। 

वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक शिशुपाल रावत कोलारस क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता है। जिला पंचायत के 4 वार्डों में उनका व्यक्तिगत प्रभाव है। उनके परिवार से दो महिलाएं जिला पंचायत सदस्य हैं और शेष 2 वार्डों में उनके आशीर्वाद के कारण दो व्यक्ति जिला पंचायत सदस्य बने हैं। कुल मिलाकर शिशुपाल यादव जिला पंचायत के 4 वार्ड क्षेत्रों के महाराज हैं। इसी के चलते वह जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए भी लॉबिंग कर रहे थे, परंतु बात नहीं बनी। इधर शिशुपाल रावत को कमजोर करने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने उनके प्रभाव वाले 4 वार्डों में शासकीय लाभों में कटौती करना शुरू कर दिया। एक प्रकार से नियमों की आड़ में पद का दुरुपयोग शुरू कर दिया। जिला पंचायत में जो भी हुआ उसके पीछे यही एकमात्र और मुख्य कारण है। 

शिशुपाल रावत महिलाओं के सामने गालियां दे रहे थे 

जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने बताया कि, शिशुपाल रावत अनुशासन हीन व्यक्ति है। हमने उनकी कलेक्टर से शिकायत की है। उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जा सकता था, परंतु हमने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया कि शिशुपाल रावत विधायक प्रतिनिधि हैं। जिला पंचायत की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन वह जिला पंचायत को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं। अंशुमन रावत, जिला पंचायत के सदस्य हैं। शिशुपाल उन्हें पसंद नहीं करते। इसलिए उन्हें बैठक में बोलने नहीं देते। पिछली बैठक में उन्होंने अंशुमन रावत और उनके परिवार के लिए, कई आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया।

वीरेंद्र और महेंद्र दोनों भाजपा के फिर दोनों आमने-सामने क्यों

वीरेंद्र और महेंद्र के बीच तनातनी दशकों पुरानी है। जब यादव और रावत परिवार कांग्रेस पार्टी में थे तब भी दोनों में तनाव की स्थिति थी। उन दिनों दोनों सिंधिया समर्थक थे। इसी तनाव के चलते वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसा करने से उन्हें महेंद्र यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने का मौका मिला और उन्होंने महेंद्र यादव को उनके घर में ही धूल चटा कर अपनी ताकत का एहसास करा दिया था। जैसे ही महेंद्र यादव भाजपा में आए, सिंधिया की कृपा से पावरफुल हुए, उन्होंने कोलारस विधानसभा क्षेत्र में रावत को कमजोर करना शुरू कर दिया। शिशुपाल रावत और अमित यादव के बीच संघर्ष का यही कारण है। भारतीय जनता पार्टी कोलारस विधानसभा में ऐसे बहुत सारे शिशुपाल और अमित हैं, जो आपस में लड़ रहे हैं।