SHIVPURI NEWS- अपनी मांगों को लेकर स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने सौंपा कलेक्टर को मुख्यमंत्री ने नाम ज्ञापन

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खबर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय से मिल रही है यहां आज पैदल चलकर नारेबाजी करते हुए प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ (म.प्र.) की महिलाओं ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री ने नाम ज्ञापन सौंपा है, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीएम पोषण शक्ति योजना के तहत मध्यान भोजन पकाकर खिलाने का काम स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाता है।

लेकिन विगत कुछ समय से इस योजना में कि जा रही अनियमितताओ की शिकायत समूह संघ के माध्यम से सरकार से की जाती रही है लेकिन उक्त अनियमितताओं को दूर करने व समूह संघ द्वारा ज्ञापनो के माध्यम से उपलब्ध कराई गई मांगों का निराकरण करने में शासन द्वारा रुचि नही दिखाने पर समूह संघ ने पूरे प्रदेश में एक अगस्त से स्कूलों एवं आंगनबाडियो में भोजन बंद करने का निर्णय लिया है।

मांगे समय अवधी में पूरी नही की हो होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है की मांग समय अवधि में नहीं माने जाने पर 1 अगस्त 2023 से सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के समस्त स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान भोजन, नाश्ता, किचन बंद अनिश्चित काल हड़ताल पर रहेगें। जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।


स्व सहायता समूह की महिलाओं की यह है प्रमुख मांगे

1. यह कि पी.एम. पोषण योजना अंतर्गत शासन द्वारा प्रदान कि जाने वाली मध्यान भोजन राशि शा.प्रा.शाला में प्रति छात्र लागत दर 5.45 पैसे की जगह 10 रुपये बढ़ाया जाए एवं खाद्य 100 ग्राम की मात्रा से बढ़ाकर 200 ग्राम एवं शा.मा. विद्यालय की प्रति छात्र राशि 8.17 पैसे की जगह 15/ रुपये एवं खाद्यान्न 150 ग्राम से बढ़ाकर 300 ग्राम किया जाये।

2. यह कि प्राथमिक/ माध्यमिक शाला में मध्यान्ह भोजन पकाने वाली रसोइया

बहनों का मानदेय अधिक से अधिक एवं कम से कम 6000/- (छः हजार) रुपए प्रतिमाह किया जाये।

3. यह कि गैस सिलेंडर अधिक महंगा होने के कारण मध्यान्ह भोजन संचालित समूहो के खाते में गैस राशि वर्तमान दर 1200 रू प्रति सिलेंडर रिफंड किया जाए।

4. यह कि प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के महिला स्व सहायता समूहो को शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने में भागीदार बनाया जाए।

5. यह कि शालाओं में दो-तीन वर्षो से साइकिल वितरण एवं गणवेश का वितरण नही हुआ है यह सोचनीय विषय है एवं विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर ठेकेदारी के चलते शालाओं में नल जल योजना का कार्य संपादित किया गया है। जिनकी नल एवं टंकी गुणवत्ता की कमी के कारण अधिकांश जगह खराब हो गई है उसकी जांच होनी चाहिए एवं गणवेश साइकिल वितरण कार्य महिला स्व सहायता समूहो को वितरण करने हेतु सौंपा जाएं।
6. यह कि महिला स्व सहायता समूहो को शत-प्रतिशत मध्यान भोजन संचालन कार्य सौंपा जाए चाहे वह स्कूल हो छात्रावास हो, शाला प्रबंधन समिति हो, या अधीक्षक शिक्षकों के द्वारा मध्यान्ह भोजन संचालन करने मे शिक्षकों का ध्यान शिक्षण कार्य मे नही लगता है। जिससे विद्यालय में पढने वाले छात्र-छात्राओं कि पढ़ाई मे विगन्ह उत्पन्न होता है।

7. यह कि वर्तमान में जो पीओएस मशीन में फिंगर से स्व सहायता समूह को खाद्यान्न प्राप्त होता है जिसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी फिंगर ना लगना और कभी पीओएस मशीन बंद हो जाती है। कभी सर्वर डाउन हो जाता है, जिसके कारण बार-बार उचित मूल्य दुकान में जाना पड़ रहा है साथ ही आवंटन जारी होने के बाद समय से खाद्यान्न नही पहुंचता है। जिससे 60 प्रतिशत स्व सहायता समूहो का खाद्यान्न लेफस होने की भी समस्या उत्पन्न होती है। हमारी मांग है कि पूर्व की तरह खाद्यान्न कूपन पत्रक के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त होता था वह लागू किया जाए।

8. यह कि प्रधानमंत्री पोषण योजना (MDM) अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों को विद्यालयों में पढने वाले छात्र-छात्राओं कि वर्तमान औसत
उपस्थिति 60 % की दर से भुगतान किया जा रहा है, हमारी मांग है की विद्यालय में दर्ज पोर्टल छात्र संख्या अनुसार 100 प्रतिशत के मान से मध्यान भोजन राशि का भुगतान किया जाए। कई जिला एवं तहसीलों में केंद्रीयकृत किचन, ठेकेदारो द्वारा मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जा रहा है। उस पर पूर्णता रोक लगाई जाए पीएम पोषण आहार योजना एवं सांझा चूल्हा के अंतर्गत पोषण आहार वितरण कार्य स्व सहायता समूह को दिया जाए।

19. यह कि प्रदेश के शासकीय स्कूल के 25 बच्चों के मान से गैस सिलेंडर शासन की ओर से हर महीना मध्यान्ह भोजन संचालित करने वाले महिला स्व सहायता समूहों को उपलब्ध कराया जाए।

10. यह कि शाला में मध्यान्ह भोजन संचालक स्व सहायता समूह अध्यक्ष सचिव को पारिश्रमिक के साथ शाला रसोईया एवं समूह अध्यक्ष / सचिव के जोखिम को द्रष्टिगत रखते हुए पांच लाख का निः शुल्क सुरक्षा बीमा किया जाए।


11. यह कि योजना का लाभ देने के नाम पर राज्य आजीविका मिशन स्व सहायता समूह के अधिकारियों द्वारा कमीशन एवं भ्रष्टाचार किया जाता है उस पर पूर्णता रोक लगाई जाए एवं सभी बहनो को एक समान देखते हुए योजनाओं का लाभ दिया जाएं।

12. यह कि शिवपुरी जिला एम.डी.एम. कार्यालय में पदस्थ प्रभारी अधिकारियों द्वारा आपसी मनमुटाव में चलते सही समय पर जानकारी शासन को न भेजे जाने के कारण रसोइयों का मानदेय एवं मध्यान भोजन कि राशि 3 से 4-4 माह बाद प्राप्त होती है। जिसकी जांच कमेटी गठित कर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करायी जायें।

13. यह कि शिवपुरी जिले में सी.एम. समाधान 181 पर कि गई शिकायतों पर मनगणन्त निराकरण दर्ज कर दिये जाते है। उसके बाद शिकायते बंद न होने पर शिकायत कर्ताओं पर दबाव बनाया जाता है या फिर फॉर क्लोज के माध्यम से शिकायतों को बंद करा दिया जाता है। फॉर क्लोज के माध्यम के कराई गई शिकायतो कि जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कि जाये।

14. यह कि शिवपुरी जिला एम.डी.एम. प्रभारियों द्वारा मध्यान्ह भोजन में कार्यक्रम महिला समूहो के बचत खातो पर रोक लगाकर कमीशन कि मांग कि जाती है मांग पूरी न करने पर मध्यान भोजन कार्य हटाये जाने कि

धमकियां दी जाती है जिस पर पूर्णतः रोक लगाई जाये / दोषी अधिकारी-कर्मचारियों का प्रभार बदला जायें। जिससे सभी बहनों को न्याय मिल सके।

15. यह कि मध्यान्ह भोजन योजना कार्यक्रम रसोईया मापदण्ड में सुधार कर 1 छात्र से 25 छात्र तक 1 रसोईया 26 से 50 छात्र तक 2 रसोइया व 50 छात्र से 100 छात्र पर 3 रसोइया एवं 150 छात्र पर 4 रसोइया एवं 200 छात्र पर 5 रसोइया, 200 से अधिक छात्रों पर 1 रसोइया बढा दिया जावें।