SHIVPURI NEWS- जनपद पंचायत बदरवास के कागजों में वृक्षारोपण, अधिकारियों की जेब में हरियाली, 5.41 करोड़ का घोटाला

Bhopal Samachar
संजीव जाट बदरवास। शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद पंचायत में हरियाली के नाम पर 5 करोड़ रुपए की फसल काटने का मामला संज्ञान मे आया है,बदरवास जनपद में पिछले वर्ष प्लांटेशन और नंदन फलोद्यान योजना अंतर्गत पर 54126200 रूपए की फसल काटकर भारी भ्रष्टाचार की कहानी सामने आई है। पिछले वर्ष की तरह वर्ष मे वृक्षारोपण के नाम पर इतने बजट को पुन:खर्च करे अपने सरपंच सचिव सहित टेबल वाले बाबू ओर इंजीनियर सहित सीईओ सहित अपने जेबे हरी करने के मूड में है।

पहले आप समझे हरियाली के नाम पर कौन हरा हुआ

बदरवास जनपद पंचायत की 62 ग्राम पंचायतों में अलग-अलग स्थानों पर लगभग 302 स्थानों पर पौधारोपण और फलोद्यान का कार्य वर्ष 2020–2022 में किया गया जिनमे ज्यादातर पंचायतों ने न्यूनतम 1 लाख 68 हजार रुपए से लेकर 27 लाख 63 हजार की राशि आहरण कर हवा में पौधे रोप दिए जो हवा में ही उड़ गए।

बदरवास जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत हरियाली और पौधारोपण हेतु प्लांटेशन और नंदन फलोद्यान योजना अंतर्गत पौधे लगाने थे जिनमें सरकारी और सामुदायिक स्थान पर पौधारोपण और निजी स्थान पर नंदन फलोद्यान नाम से काम होना था। जनपद अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में से 60 पंचायतों में इस योजना के तहत पौधारोपण के नाम पर राशि का आहरण हुआ और सांठगांठ से गांव में बंदरबांट कर अपने अपने लोगों के नाम पर इस राशि का खर्चा डाल दिया गया।

नियमानुसार इस राशि का मौके पर जाकर संबंधित इंजीनियर को भौतिक सत्यापन करना था कि पौधारोपण या फलदार पौधों का रोपण हुआ या नहीं । लेकिन ऊपर से नीचे तक चल रही सेटिंग और कमीशन के फेर में हरियाली लाने के उद्देश्य से चलाई गई महत्वपूर्ण योजना को अधिकारियों ने मिलकर पलीता लगा दिया और मौके पर पौधों की जगह पसरी वीरानी भ्रष्टाचार की परतों को चिल्ला चिल्ला कर खोल रही है।

बहुत बड़ा रहस्य इस घोटाले में छुपा हुआ है कि जब 60 पंचायतों के 302 स्थानों पर पौधारोपण और फलोद्यान के तहत पौधे रोपे गए हैं तो इन स्थानों पर जरूर हरियाली होती और पेड़ पौधे लहलहा रहे होते लेकिन पौधों के स्थान पर ठूंठ तक नहीं है तो फिर 5 करोड़ 41 लाख 26 हजार 2 सौ की भारी भरकम राशि को 302 स्थानों पर हुए पौधारोपण और फलोद्यान के तहत रोपे गए पौधों को जमीन निगल गई या फिर आसमान खा गया।

बड़ी विडंबना है कि इतने बड़े घोटाले हो जाते हैं और अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कानों कान खबर तक नहीं होती। ऐसा तो संभव ही नहीं है कि इसकी भनक अधिकारियों को न लगी हो। यह सब बातें इंगित करती हैं की भ्रष्टाचार की गंगा नीचे से ऊपर तक इस मामले में बही है।

ऐसे खर्च हुई पौधरोपण के नाम पर राशि

5 लाख तक राशि खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या– 13
5 से 10 लाख तक खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या–20
10 से 15 लाख की राशि खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या–18
15 से 20 लाख की राशि खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या–6
20 से 25 लाख की राशि खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या–2
25 लाख से अधिक की राशि खर्च करने वाली पंचायतों की संख्या–1

साठ पंचायतों के तीन सैकड़ा से अधिक स्थानों पर हुए पौधारोपण और फलोद्यान की मौके पर पड़ताल की गई तो ना पौधे मिले न ही पेड़। सरकार की राशि का किस प्रकार दुरुपयोग कर योजना को पलीता लगाया है वो बेहद चिंतनीय है।

इंजिनियर और अधिकारियों की फौज क्या करती रहीं कि इतने बड़े फर्जीवाड़े के बाद भी कोई हलचल नहीं हुई? पूरा मामला ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन करने वाले जिम्मेदार इंजिनियर,अधिकारियों के इर्द गिर्द घूम रहा है जिनकी नाक के नीचे पंचायतों में साढ़े पांच करोड़ का फर्जीवाड़ा हो गया और इन्हे पता ही नहीं चला।

इतना बड़ा कांड हुआ जिसमें कागजों में ही सब गोलमाल कर दिया गया, यह सब इस बात की ओर इंगित कर रहा है कि नीचे से ऊपर तक सभी की जेबें गर्म हुई हैं। पूरे मूल्यांकन में इंजीनियरों के द्वारा मौके पर भौतिक सत्यापन करने के बाद ही यह राशि निकाली जानी थी लेकिन इंजीनियरों ने सांठगांठ कर उक्त राशि बगैर भौतिक सत्यापन की ही निकाल दी गई इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करने के बाद अब इस वर्ष फिर पूर्व की तरह बजट स्वीकृत कर वृक्षारोपण के लिए करोड़ो का बजट ठिकाने लगाने की तैयारी हो रही है। ग्राम पंचायत अटलपुर के  क्रेशर के पास विगत वर्ष पौधे लगाए थे वह सूख गए है बड़ोखरा ग्राम पंचायत की गुढाल मंदिर परिसर में  विगत वर्ष पौधरोपण किया गया था यह कोई पौधा मौके ही पर नही है।