शिवपुरी। शिवपुरी जिले में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिल रही है जो भाजपा के सुशासन की कहानी बयां करती हैं कि इस सुशासन में स्कूली बच्चो को शिक्षा का अधिकार प्राप्त करने के लिए 42 किलोमीटर की पदयात्रा करनी पडी। यह बच्चे करैरा से मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में पैदल पहुंचे थे। बच्चों के साथ आए पेरेंट्स का का कहना था कि करैरा अनुविभाग में आने वाले रेनबो पब्लिक स्कूल में आरटीई के तहत हुआ था।
अब स्कूल उनसे फीस मांग रहा है। इसकी शिकायत अमोला थाना पुलिस और सीएम हेल्पलाइन पर की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे पूर्व इस स्कूल संचालक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमे यह सीधे सीधे कलेक्टर को चैलेंज दे रहा था,लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर सका,जब यह वीडियो वायरल हुआ था दो बच्चों की फीस का मामला था कि आरटीआई के बच्चों से फीस की डिमांड की जा रही थी और उन्होंने फीस नहीं दी तो उन्हें पेपर देने से वंचित रखा था। इस मामले की शिकायत भी जनुसनवाई में की थी लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई इसलिए इस स्कूल संचालक के हौसले इतने बुलंद है।
बृजेश लोधी ने बताया कि उनके बेटे ऋतुराज और बेटी कृतिका का रेनबो पब्लिक स्कूल, सिरसोद में आरटीई के तहत दाखिला हुआ था। अब स्कूल संचालक श्याम सिंह सोलंकी 10 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। इसकी शिकायत करा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
दिनेश लोधी ने कहा, मेरी बेटी का दाखिला आरटीई के तहत रेनबो पब्लिक स्कूल में हुआ था। इसके बावजूद हर साल फीस बढ़ाकर ली जा रही है।श् जानकी लाल ने बताया कि फीस नहीं देने पर स्कूल संचालक ने बच्चों को पढ़ाने से मना कर दिया।
एक अन्य अभिभावक ममता का कहना है कि मेरा बच्चा सातवीं कक्षा से पास होकर आठवीं में पहुंचा हैए वह आरटीई के तहत पढ़ रहा है। फीस जमा नहीं करने पर उसे स्कूल से भगा दिया गया।
पोस्टर में सीएम शिवराज की आंखों पर बांधी काली पट्टी
सीएम शिवराज के पोस्टर में उनकी आंखों पर पट्टी बांधने को लेकर पेरेंट्स ने कहा, श्भाजपा की सरकार में लगातार भ्रष्टाचारी पनप रहे हैं। शिकायत के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं हो रहीए इसलिए सीएम शिवराज की आंखों पर काली पट्टी बांधी है। आज हमारे बच्चे पैदल यात्रा कर सोई हुई सरकार को जगाने का कार्य कर रहे हैं।श्
स्कूल संचालक बोले. सिर्फ दो बच्चों को मना किया
स्कूल संचालक श्याम सिंह सोलंकी ने कहा, बृजेश लोधी का व्यवहार ठीक नहीं है। वह दिसंबर से हमारे खिलाफ फिजूल शिकायतें कर रहा है। हमने केवल उसी के बच्चों को पत्र लिखकर पढ़ाने के लिए मना किया है। और किसी बच्चे को हमने यहां से नहीं भगाया। ब्रजेश माहौल बनाने के लिए अन्य पेरेंट्स को भी इकट्ठा कर ले गया होगा। इसमें कुछ पालक ऐसे भी हैंए जिनके बच्चे लगातार स्कूल आ रहे हैं। हम स्कूल की रिकॉर्डिंग के वीडियो दिखा सकते हैं।श्
श्याम सिंह ने बताया कि ब्रजेश के बच्चे दो दिन पढ़ने आएए इसके बाद वो गांव में उल्टी.सीधी बातें करने लगा। वो सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर मुझे 302 में फंसाने की धमकी दे रहा है। मेरे पास आरटीई के तहत 60 बच्चे हैं। अभी 50 बच्चे पढ़ने आ रहे हैं। हमने केवल दो ही बच्चों को मना किया है। उनसे कहा है कि शिकायत वापस लेने के बाद ही स्कूल आना। ऐसा नहीं होता है कि पालक गाली दे और शिक्षक पढ़ाए।
जांच कराएंगे, दोषी पाए जाने पर स्कूल पर कार्रवाई होगी
इस मामले में डीपीसी अशोक त्रिपाठी का कहना है कि आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों ने जनसुनवाई में पहुंचकर स्कूल संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बच्चों ने बताया कि आरटीई के तहत एडमिशन होने के बावजूद फीस मांगी जा रही है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। अगर बच्चों का आरटीई के तहत दाखिला हुआ है तो हर हाल में स्कूल प्रबंधन को बच्चों को निशुल्क पढ़ाना होगा। जांच में स्कूल प्रबंधन दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।