SHIVPURI NEWS - नीम के पेड के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते है यह बच्चे, 12 साल में स्वीकृत भवन नहीं बना-दौड रहे कागजी घोडे

Bhopal Samachar
संजीव जाट बदरवास। बच्चो को शिक्षा की ओर आकर्षित करने और नियमित स्कूल आने के उत्साह को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग शिक्षा के नए सत्र के प्रथम दिन प्रवेश उत्सव मनाती है,इस कार्यक्रम में भाजपा के जनप्रतिनिधि और संगठन के नेता स्कूलों में जाते है बच्चो को पढने के लिए उत्साहित करते है,कुल मिलाकर इस कार्यक्रम की भाजपा के पास स्क्रिप्ट होती है,कार्यक्रम होता है  और विधिवत प्रेस नोट फोटो के लिए प्रकाशन के लिए भेजा जाता है,लेकिन बदरवास के इस स्कूल में प्रवेश उत्सव नही मनाया गया-यहां कोई नियम नहीं तोड़ा गया लेकिन अगर इस स्कूल में प्रवेश उत्सव मनाया जाता तो भाजपा के विकास की पोल खुल जाती-शिक्षा के प्रति कितने गंभीर है भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर दिख जाता क्यो कि 12 वर्ष पूर्व इस स्कूल का भवन स्वीकृत हुआ था लेकिन आज तक नहीं बना,इस कारण बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढना पडता है इससे इस स्कूल की छात्र संख्या 15 रह गई।

बदरवास जनपद क्षेत्र के सिद्धपुरा की आदिवासी बस्ती  मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है। एक तरफ जहां सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को दर दर की ठोकर खानी पड़ती है। वहीं दूसरी ओर इस बस्ती सिद्धपुरा के बच्चों को शासन द्वारा पढ़ने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में प्राथमिक विद्यालय खोला गया और इस वर्ष में 72 बच्चों का एडमिशन भी  इस स्कूल में किया गया। लेकिन 11 वर्ष गुजर जाने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा इस आदिवासी बस्ती के बच्चों को स्कूल भवन नहीं बनाया गया।

विद्यालय भवन के अभाव में छात्र छात्राएं नीम के पेड़ के नीचे शिक्षा ले रहे हैं। विद्यालय भवन न बन पाने से वर्तमान में हालात यह हैं कि  जहां 72 बच्चे इस विद्यालय में पढ़ते  थे वहां आज सिर्फ 15 बच्चे ही इस विद्यालय में दर्ज हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक भी पदस्थ हैं। वर्तमान में बारिश का मौसम होने से स्थिति ये बनती है कि अगर बारिश हुई तो स्कूल को बंद करना पड़ता है।

सबसे महत्पूर्ण बात ये है कि सरकार कई योजनाओं पर खजाने का मुंह खोल रही है और आदिवासी बस्ती सिद्धपुरा के इन मासूम बच्चों की शिक्षा के प्रति शिक्षा विभाग के रवैये से सरकार और विभाग सवालो के घेरे में खड़े हैं और नौनिहालों को अपनी हालत पर छोड़ दिया गया है।

अनुपस्थिति के बाद भी  शिक्षक  के रजिस्टर पर हो जाते है हस्ताक्षर

बदरवास जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले सिद्धपुरा प्राथमिक विद्यालय पर 2 शिक्षक पदस्थ हैं। इन दोनों शिक्षकों में से एक शिक्षक विजय राज चंदेल हैं जो कि इस कदर लापरवाह हैं  वो  विद्यालय में अध्यापन कार्य कराने के लिए आते ही नहीं हैं। और कभी कभार शिक्षक चंदेल का आना भी होता है तो रजिस्टर पर अनुपस्थिति के रिमार्क वाले स्थान पर ही हस्ताक्षर करके रवानगी डाल देते हैं।

विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी इस मामले में लापरवाह हैं और इस शिक्षक की स्कूल न आने के बड़ी लापरवाही पर भी कभी न तो ध्यान दिया और न ही कोई कार्यवाही की। तीन वर्ष से इस शिक्षक की मनमानी में मिलीभगत की बू आ रही है तभी तो विभाग लगातार वेतन देता रहा है और विद्यालय निरीक्षण कर इस शिक्षक की लापरवाही पर कभी गौर नहीं किया।

सन 2012 में इस स्कूल की छात्र संख्या 72 थी जो 2022-23 में आते आते 13 रह गई इस साल दो बच्चों ने प्रवेश लिया है। अब इस स्कूल की छात्र संख्या 15 हो गई।
कारण स्पष्ट है कि  विद्यालय का भवन न होने से वर्ष 2012 से लगातार छात्र संख्या इस विद्यालय में कम होती चली गई और जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इनका कहना है
मामला संज्ञान में आया है। पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा है एवं विद्यालय भवन नहीं होना बड़ी समस्या है। इसको लेकर भी हमारे द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है शीघ्र ही यहाँ भवन की  व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है।
 अंगद सिंह तोमर बीआरसीसी बदरवास