भोपाल। चीतों की विश्व में सबसे अच्छी देखरेख कूनो नेशनल पार्क में की जा रही है। यहां से चीते अन्यत्र शिफ्ट नहीं किए जाएंगे। अब जो चीते भारत लाए जाएंगे, उन्हें अलग अलग राज्यों में भेजा जाएगा। भारत सरकार के पास छह से सात राज्यों के विकल्प हैं। राजस्थान भी इसमें शामिल है।
यह बात मंगलवार को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलाव चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की संयुक्त बैठक में चीता प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष डाण् राजेश गोपाल ने कही। उन्होंने कहा कि जहां तक पर्यटकों के लिए चीता देखने की बात है तो जब चीते सहज होंगेए तभी लोग उन्हें देख सकेंगे। हम 50 साल से बाघों का संरक्षण कर रहे हैं तो चीतों की देखरेख में परेशानी की कोई बात ही नहीं है ।
कूनो नेशनल पार्क में अभी 14 चीते खुले जंगल में हैं, जिनकी निगरानी चुनौती है। एक चीता के लिए 12 लोगों की टीम लगी है। चीतों की सुरक्षा और बढ़ते दायरे पर बैठक में ओरियंटेशन कार्यशाला व ट्रेनिंग का आयोज भी किया गया। बैठक में तय हुआ कि कूनो में चीतों की निगरानी के लिए चीता मित्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
दूसरे जिलों से लेकर राज्यों की सीमा पार करने वाले चीतों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए चीता मूवमेंट एरिया में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें चीता मित्र के रूप में चिह्नित कर बताया जाएगा कि चीता को नुकसान नहीं पहुंचाना है, बस सावधान रहना है। कूनो से निकलकर यूपी सीमा तक चीतों के पहुंचने के कारण वहां के अधिकारियों को भी प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा हैण् ताकि यदि वहां भी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ;एनटीसीए चीतों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को उपकरण भी देगा। बैठक में चीता स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य डाण् एचएस नेगी, प्रमुख वन संरक्षक आरके गुप्ता, मुख्य वन्यजीव संरक्षक जेएस चौहान, एनटीसीए आईजी अमित मलिक, विज्ञानी वाइल्डलाइफ डाण् कमर कुरैशी, डीआइजी एनटीसी राजेंद्र गारवाड़ संभागायुक्त दीपक सिंह सहित कूनो के अधिकारी व उप्र एवं ग्वालियर चंबल के वन अधिकारी उपस्थित रहे।
यह कहा चंबल संभागीय आयुक्त ने ग्वालियर.चंबल संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि चीते संभाग के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश से लगे हुए अन्य राज्यों में भी जा सकते हैं। इसी उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई है। चीता प्रोजेक्ट के तहत वन विभाग के साथ राजस्व एवं पुलिस विभाग को भी सकारात्मक सहयोग प्रदान करना जरूरी है।