पिछोर। लड़कियों की उम्र जब तक 18 साल पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका विवाह करना कानूनी अपराध है। बाल विवाह करने वाले और कराने वालों को 3 साल की जेल तथा एक लाख रुपये का जुर्माना होता है। यह सुझाव कुमरौआ गांव में बाल विवाह की सूचना पर पहुंची टीम के सदस्यों ने किशोरी के परिजनों को दिया।
बुधवार को चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर पिछोर विकासखंड के कुमरौआ गांव के आदिवासी समाज की 16 वर्षीय लड़की के बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने पिछोर परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। टीम के द्वारा मोके पर जाकर जांच करने पर पाया कि बुधवार को जिस बालिका का विवाह होने जा रहा है, उसकी उम्र 16 वर्ष है।
पुलिस एवं महिला बाल विकास के अधिकारी द्वारा जब परिजनों को बाल विवाह रोकथाम कानून की जानकारी देते हुए सजा की जानकारी दी,तो परिजनों ने लड़की की उम्र 18 साल बाद करने का लिखित आश्वासन दिया तथा टीम के सामने ही वर पक्ष को मोबाइल के माध्यम से बारात नहीं लाने के लिए सूचित किया।
बाल विवाह रोकथाम दल में परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी, पर्यवेक्षक नीतू गुप्ता, पुलिस आरक्षक सर्वेश शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चंद्रकला लोधी,सोनम शर्मा एवं आंगनवाड़ी सहायिका भानकुंवर शामिल थीं।
बाल विवाह नहीं करने का भरोसा दिया है
बाल विवाह की सूचना मिलने पर जांच की गई, बालिका की उम्र 16 वर्ष थी, परिजनों को विवाह नहीं करने को समझाया तो उन्होंने लिखित वचनपत्र दिया है कि 18 के बाद ही शादी करेंगे। हमारी टीम परिवार पर नजर रखेगी।
अरविंद तिवारी, परियोजना अधिकारी, पिछोर