शिवपुरी। शिवपुरी कमालगंज में निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉ वीरेन्द्र गुप्ता के बेटे शिवम गुप्ता ने हाल में ही घोषित मप्र शिक्षा मंडल के घोषित 12वीं क्लास के परीक्षा परिणामों में प्रदेश की टॉप टेन सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। शिवम के 12वीं क्लास में साइंस बायोलॉजी में 95.65 बनी है। इससे पूर्व शिवम की बडी बहन अनुष्का गुप्ता ने भी 12वीं क्लास में साइंस संकाय में प्रदेश की टॉप टेन सूची में अपना प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अनुष्का वर्तमान में MBBS की स्टूडेंट है अनुष्का गुप्ता परिवार की तीसरी पीढ़ी है जो चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली है। अनुष्का के पिता और दादा जी भी डॉक्टर है,परिवारिक कदमों पर चलते हुए शिवम भी अब डॉक्टर ही बनना चाहता है।
शिवम गुप्ता ने बताया कि मेरे से बडी बहन ने भी प्रदेश की टॉप सूची में अपना दर्ज कराया था। दीदी भी डॉक्टर बनना चाहती थी। फिलहाल वह एमबीबीएस कर रही है। जब दीदी ने प्रदेश की टॉप टेन सूची में अपना नाम प्रथम स्थान पर दर्ज कराया था उसी दिन मेंने यह ठान लिया था कि में भी ऐसा ही कुछ बडा करूंगा,चूंकि दीदी ओर में एक ही स्कूल रन्गढ रेनबो स्कूल में पढे है। मुझे मेरे स्कूल की पढाई, और आगे हर तरह के मॉटिवेशन के विषय में जानकारी थी इसलिए मुझे विश्वास था मेरे प्रिंसिपल सर-मेडम और मेरे को पढाने वाले अन्य टीचर मेंरी हर तरह से मदद करेगें। खासकर हमारे डायरेक्टर सर अशोक रन्गढ वह हमारे स्कूल के डायरेक्टर होने के साथ साथ साइंस के टीचर भी है। सर ने ही मुझे बायो के सभी डाउट क्लियर किए थे।
शिवम ने बताया कि उसके स्कूल ने उसको हर समय मोटिवेट किया,जब जब पढाई के दौरान निराशा आती थी,तो स्कूल के सर और अन्य टीचर हमारी निराशा को दूर करते थे। डारेक्टर सर का वैसे तो हर स्टूडेंट पर फोकस होता है लेकिन बोर्ड क्लास के स्टूडेंट पर अधिक फोकस रहता है हर बच्चे का पर्सनल डाटा वह रखते है कि किस स्टूडेंट को किस विषय में क्या कमी , समस्या य डर लगता है और वह उस डर पर हमें जीत दिलाते है कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ था।
रन्गढ रेनबो स्कूल से अध्यनरत इन्ही दोनों स्टूडेंट ने प्रदेश में टॉप सूची में अपना नाम दर्ज नही कराया है इससे पूर्व तनिष्क बंसल ने कक्षा 10 और रीजा खान ने प्रदेश की टॉप सूची में अपना स्थान पक्का किया था। वही स्कूल का शत प्रतिशत रिजल्ट प्रतिवर्ष रहता है।
सन 1995 से रन्गढ स्कूल संचालित है स्कूल के डारेक्टर अशोक रन्गढ ने कहा कि हमारी पढाने की जो स्ट्रेजी है वह बच्चे के हिसाब से तय होती है। बच्चे का पढाने के अतिरिक्त उसके बौद्धिक व आत्मिक , नैतिक विकास पर जोर दिया जाता है।