भोपाल। शिवपुरी और श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क से पिछले 19 मई से फरार हुई मादा चीता आशा शिवपुरी जिले की सीमा को क्रॉस करते हुए अशोकनगर की सीमा में आबादी क्षेत्र की ओर प्रवेश कर गई थी। इसलिए पार्क प्रबंधन को उसका रेस्क्यू करना पडा। बताया जा रहा है कि मादा चीता आशा का विशेषज्ञों की निगरानी में ईसागढ़ के पास से ट्रेंकुलाइज (इंजेक्शन लगाकर बेहोश ) कर वापस कूनो लाया गया है।
पहले प्रबंधन उसके खुद ही वापस आने का इंतजार कर रहा था, कुछ दिन शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में रहने के बाद वह अशोकनगर तक पहुंच गई थी। उसके यूपी सीमा की ओर जाने की भी आशंका थी, इसलिए उसे ट्रेंकुलाइज किया गया।
रविवार की सुबह तीन डाक्टर व सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा, शिवपुरी सामान्य वन मंडल की टीम कालर आइडी से ट्रेस करते हुए आशा के पास पहुंची। ईसागढ़ के पास से वन कर्मियों ने घेरा बनाए रखा। सुबह टीम ने प्रयास किया लेकिन गन का निशाना चूकने की वजह से सफल नहीं हो सके। इसके बाद टीम ने देर शाम 5 बजे फिर से प्रयास किया तो विशेषज्ञों ने नजदीक पहुंचकर विशेष एयरगन से इंजेक्शन का निशाना लगाया। चीता थोड़ा छटपटाने के बाद बेहोश हो गया।
डाक्टर और चीता एक्सपर्ट ने उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसे पिंजरे में डाल दिया। देर शाम टीम आशा को लेकर कूनो पार्क के लिए खाना हुई। चीता को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान डा. सनत, डा. ओंकार अचल और डा. जितेंद्र जाटव की टीम साथ रही । मादा चीता आशा 19 मई को कूनो नेशनल पार्क से बाहर चली गई थी।
यह यहां से जाने के बाद करीब 17-18 दिन तो शिवपुरी जिले की सीमा में रही, पर बाद में वह शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को पार करते हुए अशोकनगर की और बढ़ गई। पिछले कुछ दिन से यह अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के पास के जंगल में रुकी हुई थी । आगे आबादी क्षेत्र होने से पार्क के अधिकारियों ने इसको पकड़कर लाना तय किया।
इससे पहले दो बार कूनो से बाहर गए पवन चीता को भी शिवपुरी के पास से ट्रेंकुलाइज कर वापस कूनो लाया जा चुका है। बार- बार कूनो से बाहर जाने की वजह से उसे अब बाड़े में ही रखा गया है। आशा भी कई बार बाहर जा चुकी है हालाकि उसे पहली बार ट्रेंकुलाइज किया गया है।