शिवपुरी। विगत दिनांक 12 जून को राष्ट्रपति के आमंत्रण पर दिल्ली पहुंचे विशेष रुप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के देशभर के 75 प्रतिनिधियों से भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर संवाद किया। सभी प्रतिनिधियों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया गया साथ ही, अमृत उद्यान में सैर कराई गई।
इस संवाद कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रांतीय सचिव एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ महेश आदिवासी से भाजपा विधि प्रकोष्ठ शिवपुरी के जिला संयोजक अजय गौतम एडवोकेट एवं अन्य गणमान्य अभिभाषकों स्वरूप नारायण भान, विनोद धाकड़ पूर्व अध्यक्ष द्वय जिला अभिभाषक संघ, अजीत यादव, शंकर गोविल पूर्व उपाध्यक्ष, वरुण पाठक, भीमप्रकाश दोहरे ने मुलाकात कर उनकी यात्रा और राष्ट्रपति से संवाद के अनुभवों को साझा किया।
महेश आदिवासी ने कहा कि वह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद बेहद उत्साहित हैं और गौरव की अनुभूति कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा, संघर्ष और सद्कर्म व्यक्ति को शिखर तक ले जा सकते है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी हैं जिन्होंने दूरदराज के अति पिछड़े और जंगली इलाकों से होते हुए संघर्ष कर शिक्षा प्राप्त की और निष्ठा से कर्म करते हुए देश के शिखर पर अपना स्थान सुनिश्चित किया। निश्चित तौर पर यह लोकतंत्र की शक्ति है और यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का विशेष आग्रह विशेष रूप से कमजोर जनजातीय 25 लाख लोगों सहित 10 करोड़ जनजातीय बंधुओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से जुड़ने पर एवं जनजातीय समूहों की संस्कृति व परम्पराओं के संरक्षण पर रहा। साथ ही राष्ट्रपति ने देश के विकास में देश भर के जनजातीय समूहों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और उसकी प्रशंसा की।
डाॅ महेश के साथ पोहरी से जिला पंचायत सदस्य गेंदालाल आदिवासी, कोलारस जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती रामवती आदिवासी भी राष्ट्रपति से संवाद के कार्यक्रम में शामिल हुए।