शिवपुरी। बस स्टैंड से आगे श्योपुर-शिवपुरी रोड पर रेलवे क्रॉसिंग वाली जगह अब जल्द ही पहला रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण प्रारंभ हो सकेगा। आरओबी के लिए पीडब्ल्यूडी के सेतु निर्माण की तरफ से 23.11 करोड़ का टेंडर लग चुका है। वर्क ऑर्डर जारी होने के 24 महीने में रेलवे ओवर ब्रिज बनकर तैयार होना है।
इसी के साथ रेल गाड़ियां गुजरने की वजह से हर दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को राहत मिलेगी। जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के निर्माण सेतु संभाग ग्वालियर द्वारा पोहरी रोड स्थित रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज का टेंडर लगा दिया है। अगले दस-बारह दिन में टेंडर खुलने जा रहे हैं। इसी के साथ ठेकेदार नियुक्त कर वर्क ऑर्डर दिया जाएगा, जिससे रेलवे ओवर ब्रिज का काम शुरू हो सके।
रेलवे ओवर ब्रिज बनने से ट्रैफिक की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। तीन साल पहले पोहरी विधायक सुरेश धाकड़ जैसे ही पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले शिवपुरी के रेलवे ओवर ब्रिज का प्रस्ताव बनवाया। क्योंकि पोहरी से शिवपुरी आते वक्त अक्सर रेलवे फाटक पर ट्रैफिक जाम से जनता के साथ खुद को भी जूझना पड़ रहा था।
लोगों की समस्या का एहसास हुआ और निर्माण सेतु के अधिकारियों को शिवपुरी बुलवाकर सर्वे कराया। सेतु निर्माण संभाग ग्वालियर ने 32.39 करोड़ की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर शासन को भेज दी। अब आरओबी बनाने के लिए 23.11 करोड़ का टेंडर लगा है।
ट्रेन निकलने पर फाटक बंद रहने से ट्रैफिक जाम लग रहा
पोहरी रोड स्थित क्रासिंग के नजदीक ही शिवपुरी रेलवे स्टेशन है। यात्री रेल गाड़ी या माल गाड़ी निकलती हैं तो फाटक बंद रखना पड़ा है। फाटक बंद होने से ट्रैफिक जाम में सैकड़ों वाहन फंस जाते हैं। कभी कभी जाम बहाल होने में काफी वक्त लग जाता है। रेलवे जब मेंटीनेंस कराता है तो पूरे एक दिन फाटक पूरी तरह बंद रखना पड़ता है। आरओबी बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।
742 मीटर लंबाई के ब्रिज की 12 मीटर चौड़ाई रहेगी
रेलवे ओवर ब्रिज की कुल लंबाई 742 मीटर रखी है। जबकि चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। आने वाले सालों में ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए आरओबी की चौड़ाई पर्याप्त रखी गई है। यह आरओबी श्याेपुर-शिवपुरी स्टेट हाइवे पर प्रस्तावित है, जो पोहरी बायपास चौराहे पर खत्म होता है।
वर्क ऑर्डर के 24 महीने में कार्य पूरा कराया जाना है
आरओबी के टेंडर दस-बारह दिन में खुल जाएंगे। उसके बाद एजेंसी नियुक्त करेंगे। वर्क ऑर्डर के 24 महीने में कार्य पूरा कराया जाना है। इससे पहले मुआवजा आदि की प्रक्रिया भी की जाएगी।
-भुवना जोशी, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी सेतु निर्माण संभाग ग्वालियर