संजीव जाट बदरवास। बदरवास में किसान सम्मान निधि की राशि मांगना पड़ा महंगा मामला बदरवास तहसील के अंतर्गत आने बाले ग्राम बामौर का है जहां ग्राम बामौर हल्के 115 में 150 बीघा जमीन पर 52 पट्टे के आधार पर पीएम सम्माननिधि की राशि लेने हेतु बदरवास तहसील हल्का 115 के पटवारी को आवेदन किया गया तो जब पूरी जमीन की पड़ताल की गई तो माजरा ही कुछ और सामने आया तो बिभाग ने पूरे मामले की पड़ताल की तो ना पट्टा हुआ ना ही तहसील कार्यलय में इनका कोई रिकॉर्ड लेकिन ग्राम बामौर के 52 लोगो पर 150 बीघा भूमि की किताबें थी।
उसी आधार पर उनके द्वारा किसान सम्मान निधि की राशि लेने हेतु एवं रिकॉर्ड में भू पुस्तिका के आधार पर रिकॉर्ड में इंद्राज करना चाहते थे जिस भूमि का पट्टा होना बताया रहे थे वह शासकीय भूमि है पूरा मामला पटवारी शिवकुमार शर्मा के संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन तहसीलदार प्रदीप भार्गव द्वारा पूरे मामले की जांच की तीन माह तक यह जांच चली और इस दौरान ग्राम बामौर के 52 लोगों से पट्टे मांगे गए तो देने में असमर्थ रहे एवं पूर्व का एवं वर्तमान का रिकॉर्ड एवं ग्राम बामौर में पट्टा वितरण सूची का मिलान किया तो जिन 52 लोगों के द्वारा पुस्तिका दिखाई एवं पट्टा होना बताया जा रहा था उनका किसी भी प्रकार से कोई रिकॉर्ड में नाम नहीं था मामला जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया एवं उसके बाद उत्सवी 52 पदों को निरस्त किया गया
ग्राम बामोर कि इन लोगों ने कोशिश की थी किसान सम्मान निधि का लाभ
बदरवास तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बमोरी हल्का 115 में 52 लोगो के पास भू पुस्तिका थी लेकिन पट्टे नहीं थे ग्राम बामौर निवासी मेहताब जाटव,हरिराम जाटव,लीलाबाई जाटव, मीना जाटव,ब्लॉक जाटव शांति बाई जाटव, सांवलिया जाटव, गब्बू जाटव, चिमना जाटव,शिवचरण जाटव,बाबूलाल जाटव,हरिचरन जाटव,हरिचरन जाटव,गंगाराम जाटव,भवुतिया जाटव,रमेश जाटव,चुखरा जाटव,इमारत लाल जाटव,रामदयाल जाटव,रामवती जाटव,डालू जाटव,नबलु जाटव,गंगाराम जाटव,फूल सिंह जाटव,इस प्रकार 52 पट्टे की किताब अपने लोगों के पास थी उसी आधार पर किसान सम्माननिधि लेना चाह रहे थे
ऐसे समझे मामला प्रकरण आदेश हेतु पेश
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण यह है कि प्रकरण में ग्राम पटवारी बामौर द्वारा प्रतिवेदन प्रदर्श P-1" प्रस्तुत कर बताया गया कि ग्राम पटवारी द्वारा ग्राम बामौर के हस्तलिखित खसरा से कंप्यूटर रिकॉर्ड का मिलान किया गया जिसमें कुल 52 सर्वे नंबर ऐसे हैं जो हस्तलिखित रिकॉर्ड में शासकीय दर्ज है। किंतु कंप्यूटर अभिलेख में उक्त सर्वे नंबर निजी दर्ज है जो कि फर्जी प्रतीत होते हैं। ग्राम पटवारी द्वारा प्रतिवेदन के साथ उक्त सर्वे नंबरों की सूची व हस्तलिखित खसरा की नकल संलग्न कर उक्त सभी नंबरों को शासकीय करने का प्रस्ताव दिया गया है।
प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर शीर्ष ब-121 में दर्ज किया गया। अनावेदकगणों को भूमि के स्वामित्व के होने के संबंध में दस्तावेज पेश करने हेतु तलब किया गया परंतु नियत समयावधि में अनावेदकगण द्वारा कोई भी ऐसा वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह स्पष्ट हो कि पटवारी ग्राम द्वारा प्रतिवेदित सर्वेक्षण नंबर अनावेदकगण के स्वामित्व के हाँ
प्रकरण के क्रम में ग्राम पटवारी द्वारा प्रतिवेदित सर्वेक्षण संख्यांक की जांच हेतु दिनांक 13.04.2022 को दल गठित किया गया जिसमें जांच उपरांत गठित दल द्वारा प्रतिवेदित किया कि संलग्न सूची के सर्वे नंबरों का मिलान हस्तलिखित खसरा से किया गया। हस्तलिखित खसरा में उक्त सभी सर्वे नंबर शासकीय पाये गये जबकि त्रुटिवश वर्तमान कंप्यूटर रिकॉर्ड में विभिन्न लोगों के नाम आ रहे हैं। गठित दल ने अपने प्रतिवेदन में संलग्न सूची अनुसार सभी नंबरों को शासकीय किया जाना उचित ठहराया है। दल द्वारा प्रतिवेदन के साथ सूची भी इस हेतु संलग्न की है।
अतः ग्राम पटवारी प्रतिवेदन व सक्षम साक्ष्य व गठित दल की जांच रिपोर्ट के आधार पर पटवारी ग्राम द्वारा प्रस्तुत डाटा सुधार प्रस्ताव “प्रदर्श P-1" अनुसार प्रतिवेदित सर्वे नंबरों को कंप्यूटर रिकॉर्ड में दुरुस्त करते हुए सर्वे नंबरों के कंप्यूटर अभिलेख में दर्ज भूमि स्वामियों की प्रविष्टि को विलोपित कर शासकीय प्रविष्टि इंद्राज करने का आदेश दिया जाता है। ग्राम पटवारी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव "प्रदर्श P-1 आदेश का अभिन्न अंग माना जावेगा। ग्राम पटवारी सभी सुसंगत रिकॉर्ड से मिलान कर आदेश का अमल राजस्व अभिलेख में करें।
समस्त सूचित हो
आदेश की एक प्रति श्रीमान कलेक्टर महोदय एवं एक प्रति श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी महोदय को भी भेजी जायें।
प्रकरण बाद कार्यवाही अंक से कम होकर दीक्षित रिकॉर्ड हो।
मामला पटवारी के संज्ञान में आया तो उसने पूरा मामला मेरे संज्ञान में लाए तो हमारे द्वारा जांच उपरांत उक्त 52 पदों को नष्ट कर दिया गया है
अरुण गुर्जर,तहसीलदार बदरवास