शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के कलेक्ट्रेट से आ रही हैं जहां आज शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज में नियुक्त सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने पर कलेक्टर के पास अपनी गुहार लेकर पहुंचे। कर्मचारियों ने बताया कि यू डी एस कंपनी नियुक्त की गई हैं, जिसमें हम सभी सफाई कर्मचारी अपना काम पूरी ईमानदारी से करते आ रहे हैं, लेकिन कंपनी ने करीबन 400 कर्मचारियों की वेतन 4 महीने से नहीं दी। जिसके कारण हम अपने परिवार का भरण—पोषण कर पाने में असमर्थ हैं। श्रीमंत महाराज साहब से निवेदन है कि हमारी वेतनमान दिलवाने की कृपा करें।
मैडीकल कॉलेज शिवपुरी में यू डी एस कंपनी द्वारा नियुक्ति की गई हैं, जिसमें हम सभी सफाई कर्मचारी अपना कार्य लगन, मेहनत ईमानदारी के साथ समय पर व कंपनी द्वारा बताये गये नियमानुसार करते आ रहे है, लेकिन इसके बाद भी हम करीबन 400 कर्मचारियों को वेतनमान समय पर ना मिलने व एरियर वेतन,पी. एफ. आदि का भुगतान नही किया जाता है, जिसके कारण हम सभी सफाई कर्मचारी को अपना अपने परिवार का भरणपोषण करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सफाई कर्मचारियों ने यह कहा कंपनी संचालक के विषय में
मेडिकल कॉलेज के कंपनी के संचालक मनोज यादव और विकास त्यागी अन्य संबंधितों से कहा जाता है तो ये लोग हमें मानसिक रूप से परेशान करते हैं, और 2 से 5 मिनिट लेट हो जाते हैं तो पूरे दिन की अनुपस्थिति लगा देते हैं। जिससे हम सभी कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। क्योंकि हम सभी कर्मचारियों के पास अपने परिवार का भरण पोषण करने का कोई और दूसरा साधन नहीं है, तथा आर्थिक स्थिति भी खराब हैं।
इस प्रकार कंपनी के संचालको व प्रबंधकों एवं सुपरवाईजरों द्वारा हमें आये दिन मानसिक रूप से परेशान करने व समय पर प्रतिमाह का वेतन व पीएफ आदि समय पर न दिये जाने के लिए संबंधितों के विरूद्ध उचित कार्यवाही व दिशा निर्देश देने की कृपा करें, जिससे उक्त कंपनी के कर्मचारी में भविष्य में परेशान न करें।
पूर्व में कंपनी के कर्मचारियों द्वारा परेशान किये जाने से व तबीयत खराब होने के कारण छुट्टी न दिये जाने व जल्दी ड्यूटी आने से सड़क दुर्घटना में मौके पर ही मौत हो चुकी हैं, इसलिए इस संबंध में कंपनी के संचालकों के विरूद्ध उचित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है, तथा आज दिनांक की हमारी अनुपस्थिति दर्ज कर दी गई है। तथा कुछ समय पहले कंपनी के मुंशी वाल्मीक, राहुल वाल्मीक, जोन्टी खरे, राहुल बावरी,नरेन्द्र वाल्मीक और वीरू खरे को झूठे आरोप लगाकर हटा दिया गया है उनको भी बहाल किया जाकर कार्य पर लिया जायें।