काजल सिकरवार @ शिवपुरी। सनातन संस्कृति के हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले असंख्य लोगों में भगवान श्रीराम के करोड़ों भक्त है। अगर भगवान श्रीराम के चरित्र पर प्रकाश डाला जाए तो बालक राम से राजाराम बनने तक के सफर में वानर सेना का एक महत्वपूर्ण रोल है,वैसे तो वानर के रूप संकट मोचन बजरंग बली शक्ति,श्रद्धा और भक्ति के ब्रांड है। भगवान श्रीराम के सबसे बडे भक्त हनुमान जी है,वानर के रूप में हनुमान को देखा जाता है।
जब राम की वानर सेना लंका पर चढाई कर रही थी समुद्र सेतु का निर्माण किया जा रहा था जब जय श्रीराम का नारे लगा रही थी। कहते है राम कहो आराम मिलेगा-कुछ ऐसा ही शिवपुरी मे प्रतिदिन हो रहा है। शिवपुरी के पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में 10 से 12 साले की बच्चो का एक समूह साइकिलिंग करते हुए जय श्रीराम का उद्घोष लगाते हुए निकलते है। इन बच्चो का ध्यान पर पथ और जय श्री राम पर रहता है बच्चे इधर उधर भी नही देखते साइकिलिंग की रफ्तार और जय श्रीराम का उदघोष देखने वालो को रोमाचिंत कर देता है। बच्चे इतनी तेजी से निकलते है जैसे बंदरो का झुंड धमाचौकड़ी करते हुए निकलता है।
बच्चे साइकिलिंग करते हुए जोर जोर से श्री राम के नारे लगाते हैं, जय श्री राम के नारे की गूंज से पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता हैं। और आसपास के लोगों को यह अद्भुत नराजा देख रहे कर लोग काफी प्रसन्न होते हैं। इस दृश्य को देखने के लिए लोग अपनी अपनी छतो पर चढ जाते है जो सडक पर होता है,वो रूक जाता है और बच्चो के जय श्री राम के जयघोष में शामिल हो कर अपनी पूरी शक्ति से जय श्री राम करता है।
यह खबर सोशल से उठाई गई है और इसे अपने शब्दों में उकेर कर पोस्ट किया है स्व:डॉ ऐ के मिश्रा की बेटी उन्नति मिश्रा ने,उन्नति ने इस नजारे को अपने कैमरे के कैद किया उसकी फोटो और वीडियो के साथ साथ बच्चों से अपनी बातचीत भी पोस्ट की है।
बच्चों से पूछने पर यह बताया बच्चों ने
बच्चों से पूछा गया कि तुम सब नारे क्यों लगाते हो, तो बच्चों ने बताया कि हमें पसंद हैं और भगवान श्री राम हमारे आदर्श हैं। इसलिए हम यह नारे लगाते हैं हमारे मम्मी पापा कहते हैं कि बेटा भगवान श्री राम हमारे आराध्य है, और आराध्य वो होते हैं जिनकी हम पूजा करते हैं, और हम दुख, दर्द, संकट या खुशी के समय याद करते हैं। इसीलिए हमारे आराध्य भगवान श्री राम हैं, तो तुम जब भी वॉक करने जाते हो,साइकिलिंग करते हो तो जय श्री राम के नारे लगाते जाया करों, तुम्हें बहुत प्रसन्नता होगी। और मन शुद्ध होगा, तथा तुम जहां से भी गुजरोगे तो वह वातावरण भी शुद्ध होगा। और हां तुम्हारे साथ हमेशा भगवान श्री राम का आशीर्वाद करेंगा। तथा कोई भी संकट तुम्हें छू भी ना सकेगा।
इतनी पॉजिटिविटी इन 11 से 12 साल के बच्चों में देखी गई, बच्चों के नाम वैदिक दुबे, हर्ष शर्मा, कृष्ण बिरथरे, वैभव शर्मा, कपिल शर्मा, विहान सिसोदिया बेटी अंकिता आदि हैं। जैसे की हमारे वेद पुराण में कहा गया हैं
"कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा "
जिंदगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के महलों में राखे चाहे झोपड़ी में वास दे
राम राम कहिए जेहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए ।