शिवपुरी। मॉडल और पीएमश्री स्कूलों की तरह अब जिले में श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीजी कॉलेज शिवपुरी का उन्नयन होगा। रोजगार से जुड़े कोर्स के साथ आधारभूत सुविधाएं अब महाविद्यालय में बढेंगी। शिवपुरी के लीड कॉलेज को मॉडल कॉलेज बनाने की तैयारी है।
दरअसल भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में जब जिले के इन कॉलेज को मॉडल कॉलेज की तरफ पर विकसित करने का प्रस्ताव आया तो कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर महेंद्र कुमार ने प्रस्ताव दिया कि यदि कुछ सुविधाओं का विस्तार हो जाए तो शिवपुरी का लीड कॉलेज मॉडल कॉलेज बन सकता है। इसके लिए कुछ आधारभूत सुविधाएं और संसाधन जुटाने होंगे।
इस प्रस्ताव पर उच्च शिक्षा विभाग ने सहमति दे दी और अब शिवपुरी का सबसे पुराना श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अब मॉडल कॉलेज के नाम से जाना जाएगा।
लाइब्रेरी उन्नयन, कंप्यूटर लैब, स्पोर्ट्स इक्युपमेंट की मांग रखी, बोले-यदि हमें यह मिल जाएंगी तो कॉलेज में संपूर्ण व्यवस्थाएं हो जाएंगी पीजी कॉलेज के प्राचार्य महेंद्र कुमार ने बताया कि यूं तो महाविद्यालय में आधारभूत संरचनाएं तैयार हो रही है लेकिन कुछ संरचना ऐसी है जो संपूर्ण रुप से तैयार हो जाएं तो यह मॉडल कॉलेज के रूप में बेहतर साबित होगा।
इसमें लाइब्रेरी के उन्नयन के साथ-साथ कंप्यूटर लैब और स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स की मांग रखी गई है। इस संदर्भ में गूगल सीट पर प्राचार्य ने प्रस्ताव भी तैयार कर महाविद्यालय की ओर से उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया है। और यदि सब कुछ ठीक रहता है तो नए सत्र में अब महाविद्यालय विद्यार्थियों को नई सुविधाओं के साथ शैक्षणिक कोर्स करने की पहल होगी।
दरअसल कक्षा 12 की पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। ऐसे विद्यार्थी जो बीएससी, बीए, बीकॉम कोर्स के साथ रोजगार परक कोर्स करना चाहते हैं उन्हें अब शिवपुरी में भी पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इन कोर्स के साथ-साथ रोजगार परक ओर से शुरू करने की तैयारी भी प्रचलन में है जो पूर्ण हो जाती है तो यह महाविद्यालय कोर्स कराने के बाद रोजगार देने वाला महाविद्यालय भी बन जाएगा। प्रयोग बतौर शुरू हुए रोजगार परक कोर्स, जो स्टाफ और सुविधाएं न होने से बंद पड़े, अब फिर चालू होंगे
दरअसल पीजी कॉलेज में अब से 5 साल पूर्व बीसीए, पीजीडीसीए के साथ एमएसडब्ल्यू कोर्स की शुरुआत की गई थी।लेकिन स्टाफ के अभाव और सुविधाएं व्यवस्थित ना देने की वजह से विद्यार्थियों का मूल कोर्सों से हटा और अब शासकीय महाविद्यालय मे इन कोर्स को करने में अक्षम है। जबकि निजी कंप्यूटर संचालक इन कोर्स को करा कर विद्यार्थियों को दक्ष कर रहे हैं और खुद भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं।
बावजूद इसके शासकीय महाविद्यालय में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है, जिसमें तकनीकी कोर्स करके विद्यार्थी रोजगार हासिल कर सकें। ऐसे में प्राचार्य महेंद्र कुमार ने प्रस्ताव यह भी भेजा है कि बीसीए, पीजीडीसीए और एमएसडब्ल्यू जैसे कोर्स यहां प्रारंभ होने के साथ-साथ अन्य रोजगार कोर्स भी महाविद्यालय को मिले, जिससे विद्यार्थियों को इन कोर्स के करने के उपरांत सीधा रोजगार मिल सके।
प्राचार्य ने यह प्रस्ताव भेजे, जिनसे बदलेगी महाविद्यालय की तस्वीर प्रशासनिक ब्लॉक बने, पुस्तकालय बने नवीन टॉयलेट छात्र-छात्राओं के लिए, उसके साथ-साथ गर्ल्स और बॉयस हॉस्टल का निर्माण हो, अच्छे लेखकों की पुस्तकें महाविद्यालय में आए, ताकि विद्यार्थियों ने पढ़कर अपना ज्ञान अर्जन कर सकें। कक्षों का रिनोवेशन होगा, विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए एक बेहतर माहौल महाविद्यालय में मिले, इनके साथ साथ कुछ अन्य प्रस्ताव भी भेजे हैं जिनके लागू हो जाने से शिवपुरी का सबसे पुराना महाविद्यालय मॉडल महाविद्यालय कहलाएगा।