शिवपुरी। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, जैसे इन चार दिशाओं का अपना महत्व है। वैसे ही ज्योतिष शास्त्र में वास्तु विज्ञान का भी अपना महत्व है। यदि इस महत्व को सीख लिया दिशाओं के बारे में जानकारी हासिल कर ली तो फिर किसी भी तरह की वास्तु संबंधी परेशानियों का व्यक्ति को सामना नहीं करना पड़ेगा यह बात वास्तु कार्यशाला के दौरान संबोधित करते हुए ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद प्रयास मंगल ने कही।
उन्होंने यह भी बताया कि आजकल भूमि की ऊर्जा बढ़ाने का एक नया कार्यक्रम शुरू हुआ है। जिसमें जिस घर, दफ्तर या कृषि भूमि पर हम रहते हैं या काम करते हैं, उस जगह की भूमि ऊर्जा को बढ़ाने का प्रकरण भी आजकल नए सिरे से शुरू हुए है। अधिकांश लोगों को यह लाभ दे रहा है क्योंकि इसमें ज्योतिष और वास्तु के आधार पर बहुत सारी उपयोगी जानकारियां दी जाती हैं, ग्रह नक्षत्र की गणना के अनुसार इसका मूल्यांकन किया जाता है।
यदि सटीक पूजा पद्धति और प्रयास हो तो निश्चित रूप से जीवन की नकारात्मकता और कमियां दूर होंगी और भूमि की ऊर्जा बढ़ जाने से व्यापार व्यवसाय की दशा भी परिवर्तित होगी।इस कार्यशाला के दौरान शहर के कई कॉलोनी वासियों ने अपनी समस्याएं रखी और शंकाओं के जवाब मांगे जिस पर उन्होंने कहा कि ज्योतिष और वास्तु का अध्ययन हमें कई सारे दोष से बचने के लिए बेहद आवश्यक है। इस पर साधना को सीख रहे कई लोगों ने तरह-तरह के सवाल भी पूछे जिनका समाधान आत्मक पूर्व जवाब भी दिया गया।