शिवपुरी। परिवार परामर्श केंद्र शिवपुरी में घरेलू विवाद सुलझाने के लिए 2 मई को 6 प्रकरणों की सुनवाई गई। मनमुटाव की वजह से बिछड़े दंपत्तियों में सुलह कराने के लिए एक-एक करके सभी को सुना तो 4 प्रकरणों में राजीनामा हो गया है।
पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया की अगुवाई में पहली बार परिवार परामर्श केंद्र शिवपुरी में पति-पत्नी से संबंधित पारिवारिक विवाद समझाइश से सुलझाने की पहल की गई है। एसपी भदौरिया ने कहा कि हम सब मिलकर इस क्षेत्र में बेहतर काम करने का प्रयास करेंगे।
परिवार परामर्श केंद्र में मंगलवार को हबीन खान व शानू का प्रकरण रखा गया। हबीब खान निवासी झांसी की 4 साल पहले शानू शिवपुरी के संग हुई थी। दोनों का एक साल का बेटा है। लेकिन पत्नी मोबाइल पर जरूरत से ज्यादा बात करती थी, जिससे पति के मन में संदेह पैदा होने लगा। यही शक दोनों के अलग होने की वजह रहा।
शानू एक महीने से पति से अलग रह रही थी। समझाने पर शानू ने अपनी गलती मान ली और कहा कि मोबाइल का जरूरत पड़ने पर ही उपयोग करुंगी। अब मोबाइल पर दिन भर बात नहीं करुंगी। इसी के साथ पति-पत्नी के बीच का मन मुटाव दूर हो गया और दोनों संग घर चले गए।
पत्नी ने पति से अलग होने की वजह ननद को बताया
दो साल पहले असलम निवासी लुधवानी और अशर्फी की दो साल पहले शादी हुई है। दोनों का एक साल का बेटा भी है। लेकिन पारिवारिक कलह के चलते दोनों अलग हो गए। परिवार परामर्श केंद्र में अशर्फी ने अपनी बात रखी। विवाद और परेशान की वजह ननद को बताया। अशर्फी का मानना था कि ननद के कारण पति-पत्नी के बीच कलह है और परेशानी रहती है। समझाईश के बाद पति-पत्नी संग रहने तैयार हो गए हैं।
बेटी-बेटे का स्कूल में दाखिला कराने पति राजी हुआ तो पत्नी साथ जाने को हुई तैयार
रामपाल निवासी ग्राम पुरा की शादी 10 साल पहले सलोनी निवासी कोलारस से हुई थी। दोनों के सात साल की बेटी और चार साल का बेटा है। पत्नी का कहना था कि पति शराब पीते हैं और बेटी व बेटे का स्कूल में दाखिला नहीं कराया है जिससे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं।
रामपाल सम्पन्न किसान होते हुए बच्चों का स्कूल में एडमिशन नहीं करा रहा है। समिति सदस्यों के समझाने पर रामपाल ने गलती स्वीकार कर ली। रामपाल ने विश्वास दिलाया कि वह अब दोनों बच्चों का दाखिला स्कूल में कराएगा। साथ ही शराब को छोड़ने की पूरी कोशिश करेगा। पति-पत्नी संग घर चले गए हैं।