शिवपुरी। पीडब्ल्यूडी कार्यालय शिवपुरी के कर्मचारी राजेश ओझा के द्वारा की गई आत्महत्या के दुष्प्रेरण के अपराध अंतर्गत धारा 306/34 भारतीय दंड विधान मै आरोपीगण प्रदीप सैंगर एवं मनोज भार्गव दोष मुक्त किए गए आरोपी मनोज भार्गव की ओर से पैरवी आशीष श्रीवास्तव एडवोकेट द्वारा की गई।
मामले के अनुसार 3 जनवरी 2018 को पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पदस्थ हेल्पर राजेश ओझा ने डीएचएलएफ कंपनी के बाथरूम में जहर खा लिया था तब राजेश ओझा को जिला चिकित्सालय शिवपुरी में भर्ती कराया गया और जिला चिकित्सालय शिवपुरी द्वारा राजेश ओझा की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्वालियर रेफर कर दिया तभी रास्ते में राजेश ओझा की मृत्यु हो गई, पुलिस ने मृत राजेश ओझा के मृत्यु पूर्व की वीडियो सीडी एवं मृतक के परिजनों तथा अन्य साक्षियों के द्वारा दिए गए
कथनों के आधार पर एक अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 306/34 भा.द.वि. का आरोपी मनोज भार्गव एवं प्रदीप सेंगर के विरुद्ध न्यायालय में इस आशय का प्रस्तुत किया कि मृत राजेश ओझा को मनोज भार्गव ने एक फर्जी मकान बताकर एक लाख रुपए राजेश ओझा से ले लिए थे एवं राजेश ओझा द्वारा क्रय किए गए अब्दुल कलाम कॉलोनी स्थित मकान को आरोपी मनोज भार्गव मृतक राजेश ओझा को हैंड ओवर नहीं कर रहा हैं तथा आरोपी प्रदीप सेंगर लोन कराए जाने के 50000/ की मांग अवैध रूप से करता है आरोपीगणों द्वारा दी गई शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़नाओ से परेशान होकर राजेश ओझा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली
न्यायालय माननीय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी द्वारा अभियोजन पक्ष की गवाही एवं बचाव पक्ष के कथन लेने के उपरांत अभियोजन के मामले को प्रमाणित ना मानते हुए , मृतक राजेश ओझा को आरोपीगण द्वारा आत्महत्या करने के लिए उकसाने अथवा आत्महत्या के लिए प्रताड़ित किए जाने के तथ्य को प्रमाणित न मानते हुए अभियोजन के मामले को प्रमाणित नहीं माना एवं आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया! आरोपी मनोज भार्गव की ओर से पैरवी एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव द्वारा की गई।