खनियाधाना। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर समाचार पत्रों तथा सोशल मीडिया पर भारी-भरकम विज्ञापन देकर यह प्रचारित किया जा रहा है कि आप अपने फटे-पुराने नोट अपने नजदीकी बैंक से बदल सकते हैं लेकिन खनियाधाना स्थित भारतीय स्टेट बैंक की एकमात्र शाखा में इन दिनों उपभोक्ता भारी परेशान हो रहे हैं।
इसका मुख्य कारण है कि बैंक उपभोक्ताओं से 10 एवं 20 मूल्य वर्ग के फटे , गन्दे टेप लगे हुए नोट लेने से इनकार कर रहा है इसके पीछे वह कारण बताते हैं कि अधिकांश नोट टेप लगे हुए अथवा गंदे होते हैं जिससे हमें परेशानी होती है इसलिए उपभोक्ताओं से इन मूल्यवर्ग के नोट लेना ही बंद कर दिया है । ज्यादा दबाव देने पर बैंक कर्मचारी यह कहते हैं कि हमें रिजर्व बैंक का ऐसा आदेश है कि एक दिन में एक उपभोक्ता से मात्र 20 नोट ही स्वीकार कर सकते हैं ऐसे में वह उपभोक्ताओं के 10 एवं 20 के नोट जमा करने से ही इनकार कर रहे हैं । इसकी शिकायत उपभोक्ताओं ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से भी की है ।
जानकारी के मुताबिक इन दिनों शादियों तथा सहालग का सीजन होने से बाजार में जमकर बिक्री हो रही है । जिसमें दुकानदारों के पास खुल्ले नोटों की भारी आवक है जिसे उपभोक्ता अपने बैंक खाते में जमा कराने जाता है तो बैंक के काउंटर पर बैठे हुए कर्मचारियों द्वारा बाकी सारे नोट तो ले लिए जाते हैं लेकिन 10 एवं 20 के नोट की गड्डी यह कहकर लौटा दी जाती है कि इनमें अधिकांश नोट गन्दे , कटे हुए अथवा टेप लगे हुए हैं ।
बैंक कर्मचारियों द्वारा अजीब तर्क दिया जाता है कि हमारे बैंक में ऐसे नोटों की हजारों गड्डियां भरी पड़ी हैं जिन्हें ना तो ग्राहक ले रहे हैं तथा ना ही ऊपर बैंक में जमा हो रहे हैं इसलिए हमारे यहां ढेर लगा है हम नहीं ले सकते।
इसके अलावा बैंक वाले तर्क देते हैं कि ऐसे नोट चेस्ट बैंक में जमा कराने का नियम है हम नहीं ले सकते जबकि खनियाधाना जनपद के 101 ग्राम पंचायतों में कोई भी चेस्ट बैंक नहीं है एकमात्र चेस्ट बैंक यहां से 30 किलोमीटर दूर पिछोर में है अब कौन उपभोक्ता अपने एक-दो हजार रुपये जमा कराने के लिए पिछोर तक जाएगा यह अजीब तर्क बैंक वाले दे रहे हैं । उपभोक्ताओं का कहना है कि जब हमारा बैंक खाता खनियाधाना में है तो हम बाहर कहीं और रुपए जमा कराने क्यों जाएं । बैंक कर्मचारियों के इस व्यवहार से उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी है तथा इसकी शिकायत बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों तथा रिजर्व बैंक से भी की है ताकि समस्या का समाधान निकल सके।
इनका कहना है :-
मैं बीमा कम्पनी का प्रीमियम पॉइंट चलाता हूं जिसके चलते ग्राहकों की छोटी-छोटी प्रीमियम की राशि आए दिन बैंक में जमा कराने जाता हूं लेकिन बैंक द्वारा 10 - 20 रुपये के छोटे नोटों को लेने से इंकार कर दिया जाता है कि यह जमा नहीं होंगे क्योंकि इनमें अधिकांश नोट फटे कटे-फटे टेप लगे हुए हैं । इसकी शिकायत तथा नियमों की जानकारी बैंक मैनेजर से मांगी गई लेकिन तीन माह बाद भी आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई जिसके चलते मैंने बैंक जाना ही बंद कर दिया है ।
सचिन जैन,उपभोक्ता SBI खनियाधाना